जम्मू-कश्मीर: स्थानीय मुद्दों से इस बार भी दूर हैं दल
जम्मू कश्मीर में अब्दुल्ला परिवार की नेशनल कांफ्रेंस पार्टी शुरू से मजबूत स्थिति में रही है। 2009 के लोकसभा चुनाव में पार्टी के 6 में से 3 प्रत्याशी जीते थे, जबकि विधानसभा में पार्टी का 87 में से 28...
जम्मू कश्मीर में अब्दुल्ला परिवार की नेशनल कांफ्रेंस पार्टी शुरू से मजबूत स्थिति में रही है। 2009 के लोकसभा चुनाव में पार्टी के 6 में से 3 प्रत्याशी जीते थे, जबकि विधानसभा में पार्टी का 87 में से 28 सीट पर कब्जा है।
अब तक उसका मुकाबला कांग्रेस और निर्दलीय प्रत्याशियों से रहा है, लेकिन इस बार भाजपा से भी टक्कर मिल रही है। हालांकि, पिछले चुनाव में भाजपा यहां से एक भी सीट नहीं जीत सकी थी। इस बार नरेंद्र मोदी राज्य में चुनावी सभाएं करके माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस यहां दूसरे नंबर पर है, मगर इस चुनाव में उसका स्थान खिसकता नजर आ रहा है। पिछले चुनाव में पार्टी के टिकट पर जम्मू से मदनलाल शर्मा और उधमपुर से चौधरी लाल सिंह लोकसभा पहुंचने में सफल रहे थे। इस बार इनकी राह कठिन दिख रही है। इसके अलावा महबूबा मुफ्ती की जेकेपीडीपी (जम्मू कश्मीर पीपुल्स डेमोकेट्रिक पार्टी) और भीम सिंह की जेकेएनपीपी (जम्मू कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी) भी राज्य में मजबूत स्थिति में होने का दावा कर रही हैं। निर्दलीय प्रत्याशी सभी दलों की परेशानी बढ़ा रहे हैं, जो राज्य में हमेशा से मजबूत रहे हैं। इसके अलावा बसपा ने अनंतनाग और उधमपुर में प्रत्याशी उतारे हैं, जबकि ‘आप’ अनंतनाग, जम्मू और श्रीनगर सीट पर चुनाव लड़ रही है।
वही पुराने मुद्दे
जम्मू में 10 अप्रैल और उधमपुर में 17 अप्रैल को वोटिंग हुई और दोनों ही जगह पिछली बार से अधिक वोट पड़े। बीजेपी इस बार भी राज्य में कश्मीरी पंडितों की वापसी, महिलाओं को पुरुषों के बराबर अधिकार देने और राज्य में धारा 370 हटाने जैसे पुराने मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है। वहीं कांग्रेस चाहती है कि राज्य में पंचायती राज व्यवस्था लागू हो, जिससे मनरेगा जैसी योजना यहां सफल हो सकें। मुफ्ती मोहम्मद सईद के जाने के बाद से राज्य में कांग्रेस कमजोर हुई है। जम्मू कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी ने भी दो सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं। पीडीपी सेना पर फर्जी मुठभेड़ में युवाओं को मारने का आरोप लगाती रही है। पीडीपी अलग कश्मीर की मांग को भी मुद्दा बनाए हुए है।
श्रीनगर: 30 अप्रैल मतदान
पिछले चार बार से यह नेशनल काफ्रेंस प्रमुख अब्दुल्ला परिवार के पास है। 1998, 99 और 2004 के चुनाव में उमर अब्दुल्ला और 2009 के चुनाव में उनके पिता फारुक अब्दुल्ला यहां से सांसद हैं।
कुल मतदाता: 11,06,729
महिला मतदाता : 5,30,694
पुरुष मतदाता: 5,76,035
अनंतनाग: 24 अप्रैल को मतदान
यहां नेशनल कांफ्रेंस और जेकेपीडीपी के बीच मुकाबला होता रहा है। नेशनल कांफ्रेंस से मिर्जा महबूब बेग सांसद हैं। पार्टी ने इस बार भी बेग को चुनाव में उतारा है। इस सीट पर कब्जा अब तक नेशनल कांफ्रेंस का रहा है।
कुल मतदाता: 11,76,233
महिला मतदाता : 5,64,652
पुरुष मतदाता: 6,11,571