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भाजपा को मोदी के करिश्मे का सहारा

देश की पहली महिला आईपीएस अधिकारी किरण बेदी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बना कर राजनीतिक दांव खेलने वाली भाजपा अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ देख रही है। चुनाव अभियान के अगले दौर में पार्टी की...

भाजपा को मोदी के करिश्मे का सहारा
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 27 Jan 2015 01:35 PM
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देश की पहली महिला आईपीएस अधिकारी किरण बेदी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बना कर राजनीतिक दांव खेलने वाली भाजपा अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ देख रही है। चुनाव अभियान के अगले दौर में पार्टी की पूरी रणनीति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनाव सभाओं और मोदी सरकार की उपलब्धियों पर केंद्रित रहेगी।

भाजपा अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा को भुनाने की तैयारी में है। पार्टी ने मोदी सरकार की प्रमुख उपलब्धियों में इसे शामिल किया है। इस सप्ताह के आखिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चुनाव प्रचार में उतर आएंगे।

भाजपा नेतृत्व ने किरण बेदी को लाकर आप नेता अरविंद केजरीवाल को भले ही कड़ी चुनौती दी हो, लेकिन इससे नाराज उसका काडर उसके लिए चुनौती बनता जा रहा है। इन कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने के लिए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने बाहरी नेताओं को अलग अलग विधानसभा क्षेत्र की कमान सौंपकर हालात संभालने की कोशिश की है। खुद भी कार्यकर्ताओं के सम्मेलन कर उन्हें पूरी तरह सक्रिय करने में लगे हैं, लेकिन बाहर से आए व्यक्ति को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने से नाखुश प्रमुख कार्यकर्ता ज्यादा सक्रिय नहीं हो पाए हैं। पार्टी को डर ही कि इससे उसका बूथ प्रबंधन व मतदाताओं को बूथ तक लाने की रणनीति गड़बड़ा न जाए।

जनता के बीच पहुंचे
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद भी जनता में लोकप्रियता बढ़ाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे है। सोमवार को गणतंत्र दिवस समारोह के बाद राजपथ पर करीब 400 मीटर तक पैदल चलकर वह सीधे आम जनता से रू-ब-रू होकर अपने एक और नए अंदाज  का परिचय दिया है। इस दौरान उन्होंने महिलाओं और बच्चों से हाथ भी मिलाया।

नरेन्द्र मोदी भरेंगे कार्यकर्ताओं में जोश
ऐसे में पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरने और उन्हें पूरी तरह सक्रिय करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जरूरत महसूस की जा रही है। चुनावी रणनीति से जुड़े एक बड़े नेता का कहना है कि चुनाव प्रचार के बाकी समय में पार्टी की रणनीति बेदी के बजाए मोदी पर केंद्रित रहेगी। इसमें मोदी सरकार की उपबल्धियों व खुद मोदी की रैलियों पर ज्यादा फोकस किया जाएगा। ओबामा की यात्रा भी उसके अभियान का परोक्ष रूप से हिस्सा होगा। पार्टी नेता अपने भाषणों में मजबूत केंद्र सरकार का उल्लेख करते हुए ओबामा की यात्रा व इस दौरान किए गए समझौतों को भी दिल्ली की जनता में ले जाएंगे।

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