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डीयू: अब हर पेपर में पास होना जरूरी

दिल्ली विश्वविद्यालय में मौजूदा सत्र से लागू हुए क्रेडिट बेस्ड च्वाइस सिस्टम (सीबीसीएस) में कोर्स के लिए तय किए पेपर को पूरा करने पर ही छात्रों को डिग्री मिलेगी। सीबीसीएस में ऑनर्स की डिग्री के लिए...

डीयू: अब हर पेपर में पास होना जरूरी
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 05 Aug 2015 09:51 AM
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दिल्ली विश्वविद्यालय में मौजूदा सत्र से लागू हुए क्रेडिट बेस्ड च्वाइस सिस्टम (सीबीसीएस) में कोर्स के लिए तय किए पेपर को पूरा करने पर ही छात्रों को डिग्री मिलेगी। सीबीसीएस में ऑनर्स की डिग्री के लिए अधिकतम क्रेडिट की सीमा 160 और प्रोग्राम कोर्स में 140 क्रेडिट की सीमा तय की गई है।

छात्रों को इलेक्टिव और एबिलिटी इंहैंसमेंट में ज्यादा पेपर पढ़ने का विकल्प दिया गया है। ज्यादा सीखने के लिहाज से यह छूट दी गई है। सीबीसीएस कमेटी से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक छात्रों को जरूरी क्रेडिट हासिल करने होंगे और हर पेपर में पास होना जरूरी होगा।

चार में पास, 10 में आउटस्टैंडिंग: सीबीसीएस में छात्रों को पास होने के लिए न्यूनतम चार अंक ग्रेड हासिल करने होंगे। चार ग्रेड हासिल करने पर छात्र को डी ग्रेड हासिल होगा। फेल होने वाले छात्रों को दोबारा परीक्षा देनी होगी।

10 में 10 ग्रेड लाने वाले छात्रों को आउटस्टैंडिंग ग्रेड मिलेगा। नॉन क्रेडिट वाले कोर्स में ‘संतोषजनक’ और ‘असंतोषजनक’ लिखा जाएगा। इन्हें एसजीपीए/सीजीपीए में नहीं गिना जाएगा। सभी छह सेमेस्टर के एसजीपीए को जोड़कर सीजीपीए (संचित कोटि अंक माध्य) निकाला जाएगा। यह 10 के अंकीय मापक्रम में होगा।

सीबीसीएस के तहत विश्वविद्यालयों को किसी पाठय़क्रम में उत्तीर्ण होने के लिए आवश्यक ग्रेड/प्रतिशत और डिग्री के जरूरी सीजीपीए को तय करने का अधिकार दिया गया है।

डीयू वैधानिक पेशेवर संस्थानों जैसे एआईसीटीई, एमसीआई, एनसीटीई आदि की सिफारिशों के आधार पर तय करेगा।

कौशल विकास के लिए विशेष पेपर होंगे
सभी कोर्स में कौशल विकास में पेपर रखे गए हैं। ऑनर्स कोर्स के छात्रों को कौशल विकास के दो पेपर पढ़ने होंगे। ये पेपर तीसरे और चौथे सेमेस्टर में पढ़ाए जाएंगे। प्रोग्राम कोर्स में कौशल विकास के चार पेपर होंगे। ये आखिरी के चार सेमेस्टर में पढ़ाए जाएंगे। छात्र रुचि के मुताबिक इन पेपर को चुन सकेंगे। इन पेपर में थ्योरी और प्रैक्टिकल, ट्रेनिंग/फील्ड वर्क जैसी चीजें होंगी। सीबीसीएस कमेटी से जुड़े डॉं. सुनील सोंधी के मुताबिक इससे छात्रों को नौकरी के लिए तैयार किया जा सकेगा।

एनसीसी/एनएसएस पर क्रेडिट संभव
सीबीसीएस को लागू करने के प्रारूप में ईसीए, खेल, एनसीसी और एनएसएस को भी कौशल विकास में जोड़ने की सुविधा दी गई है। यूजीसी ने इस बाबत फैसला लेने का अधिकार विश्वविद्यालय को दिया गया है। एक अधिकारी के मुताबिक विदेशों में इन गतिविधियों को कौशल से जोड़ा जाता है और उन्हें क्रेडिट दिए जाते हैं। सीबीसीएस की कमेटी में इस पर चर्चा हुई थी, लेकिन अभी डीयू ने इस बारे में कोई फैसला नहीं किया है।

सीबीसीएस के फायदे
अपनी पसंद का पाठय़क्रम पढ़ेंगे
विश्वविद्यालय बदलने की आजादी
अन्य विषयों की भी समझ होगी
इंडस्ट्री की मांग के अनुरूप पढ़ाई
शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ेगी
छात्र पर केंद्रित होगी पढ़ाई

ये क्रेडिट अंक जरूरी

कोर्स  क्रेडिट
बीएससी ऑनर्स  148
बीए/बीकॉम ऑनर्स 148
बीएससी  132
बीए/बीकॉम  132

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