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केंद्रीय विश्वविद्यालयों में डिग्री के साथ नौकरी भी मिलेगी

केंद्रीय विश्वविद्यालयों से नौजवान सिर्फ डिग्री लेकर नहीं निकलेंगे बल्कि डिग्री के साथ नौकरी भी होगी। मानव संसाधन विकास ने इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों से कहा...

केंद्रीय विश्वविद्यालयों में डिग्री के साथ नौकरी भी मिलेगी
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 19 Sep 2014 10:43 PM
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केंद्रीय विश्वविद्यालयों से नौजवान सिर्फ डिग्री लेकर नहीं निकलेंगे बल्कि डिग्री के साथ नौकरी भी होगी। मानव संसाधन विकास ने इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों से कहा है कि वे इसके लिए रोजगार प्रकोष्ठ की स्थापना करें। लेकिन यह केंद्र सिर्फ साइंस या इंजीनियरिंग के नौजवानों को रोजगार उपलब्ध कराने तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि सभी  प्रकार की डिग्री हासिल करने वाले छात्र-छात्राओं को रोजगार उपलब्ध कराने में मदद प्रदान करेगा। अभी कुछ गिने-चुने केंद्रीय विश्वविद्यालयों में ही कैंपस प्लेसमेंट की दिशा में कार्य हो रहा है लेकिन वह सिर्फ कुछ ही तकनीकी विषयों के छात्रों के लिए होता है।

मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने हाल में केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ बैठक के दौरान उन्हें यह निर्देश दिया। कुलपतियों को कहा गया है कि यदि उन्होंने अब तक अपने विवि में रोजगार प्रकोष्ठ की स्थापना नहीं की है तो तुरंत करें। इसे व्यापक बनाएं। सिर्फ साइंस विषयों तक ही सीमित नहीं रखें। इस प्रकोष्ठ को उद्योग-उच्च शिक्षा सहयोग परिषद (सीआईएचईसी) से संबद्ध कराया जाएगा। यह परिषद रोजगार प्रकोष्ठों को मदद प्रदान करेगी। दूसरे, जहां विश्वविद्यालय स्थित है उसके नजदीकी शहरों में स्थिति उद्योगों और व्यवसाय में रोजगार के मौकों की तलाश करेगी।

परिषद और विवि के रोजगार प्रकोष्ठ को साझा रूप से रोजगार के लिए छात्रों को कौशल विकास का लघु अवधि पाठ्यक्रम भी उपलब्ध कराना होगा। यह पाठ्यक्रम स्थानीय उद्योग या व्यवसाय की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाएगा। मकसद यह है कि गैर विज्ञान विषयों के छात्रों को भी डिग्री लेने के बाद तुरंत रोजगार उपलब्ध हो सके। आमौतर पर विवि जो कैंपस प्लेसमेंट मेले आयोजित करते हैं, उनमें तकनीकी डिग्री वालों को तो नौकरी मिल जाती है, बाकी बीए, एमए, बीकाम आदि करने वालों को कोई फायदा नहीं होता है। नई व्यवस्था में ऐसे डिग्रीधारियों के लिए भी रोजगार के मौके खुलेंगे। लेकिन इसके लिए ऐसे छात्रों को उद्योगों की मदद से विश्वविद्यालय प्रशिक्षण प्रदान कराएंगे।
सौ केंद्र खोलने होंगे-विश्वविद्यालयों को कहा गया है कि इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए वे एक साल के भीतर सौ कौशल विकास केंद्रों की स्थापना करें। जहां छात्र-छात्रओं के पेशेवर ज्ञान में इजाफा किया जात सके। इन केंद्रों की स्थापना के लिए यूजीसी से आर्थिक मदद भी उपलब्ध कराई जाएगी। यूजीसी को एक महीने में आर्थिक मदद की योजना के नियम-कायदे तय करने को कहा गया है।

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