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टीचर बन संवारें अपना भविष्य

मैं टीचिंग की फील्ड में करियर बनाना चाहती हूं। स्नातक करने के बाद से मैं एक स्थानीय प्राइवेट स्कूल में बतौर अध्यापिका कार्य कर रही हूं। साथ ही मैंने इग्नू में एमए अंग्रेजी विषय में एडमिशन लिया है, पर...

टीचर बन संवारें अपना भविष्य
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 30 Sep 2014 11:21 AM
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मैं टीचिंग की फील्ड में करियर बनाना चाहती हूं। स्नातक करने के बाद से मैं एक स्थानीय प्राइवेट स्कूल में बतौर अध्यापिका कार्य कर रही हूं। साथ ही मैंने इग्नू में एमए अंग्रेजी विषय में एडमिशन लिया है, पर अगर मुझे किसी सरकारी स्कूल में बतौर अध्यापिका काम करना है तो मुझे क्या करना होगा?
सिमरन, पंजाब

सबसे पहले आपको यह तय करना होगा कि आप किस लेवल के छात्रों को पढ़ाना चाहती हैं, उसी आधार पर आपको आगे की डिग्री हासिल करनी होगी। अगर आप नर्सरी लेवल पर पढ़ाना चाहती हैं तो आपको एनटीटी यानी नर्सरी टीचर्स ट्रेनिंग या मोंटेसरी टीचर ट्रेनिंग कोर्स करना होता है, जबकि प्राइमरी लेवल (कक्षा पांच तक) पर पढ़ाने के लिए आपको बारहवीं पास करने के बाद चार साल का बैचलर ऑफ एलिमेंटरी एजुकेशन यानी बीईएलईडी या दो साल का डिप्लोमा इन एजुकेशन, यानी डाइट करना होता है।

एलिमेंटरी या सीनियर या सीनियर सेकेंडरी लेवल पर पढ़ाने के लिए आपको एजुकेशन और टीचिंग की फुल टाइम डिग्री यानी बैचलर ऑफ एजुकेशन (बीएड) करना होता है। ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर्स यानी टीजीटी (वो जिनके पास बीएड के साथ बैचलर डिग्री भी हो) कक्षा 6 से दसवीं तक पढ़ा सकते हैं, जबकि पोस्ट ग्रेजुएट टीचर यानी पीजीटी (वे जिनके पास बीएड के साथ मास्टर डिग्री भी हो) कक्षा 11 से 12 तक पढ़ा सकते हैं।
अगर आप एमए पूरा करने वाली हैं तो आप पीजीटी लेवल को अपना लक्ष्य बनाइए। शुरुआती तौर पर आप एलिमेंटरी या सीनियर लेवल को पढ़ाएंगी और फिर अनुभव के आधार पर ग्यारहवीं और बारहवीं में। इसलिए आप बीएड कोर्स के लिए आवेदन कीजिए। इसके लिए  ग्रेजुएशन या पीजी स्तर पर 50 फीसदी अंक चाहिए होते हैं और एक लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी।

वैसे सरकारी स्कूल में पढ़ाने के लिए सेंट्रल टीचिंग एलिजिबिलिटी टैस्ट या टीचर एलिजिबिलिटी टैस्ट (जो राज्य सरकारों द्वारा आयोजित किया जाता है) उत्तीर्ण करना होता है। सेंट्रल टीचिंग एलिजिबिलिटी टैस्ट (उळएळ) सीबीएसई द्वारा संचालित किया जाता है।

सरकारी स्कूलों में टीजीटी या पीजीटी लेवल पर नियुक्ति के लिए आपको राज्य सरकार द्वारा अलग से आयोजित की जाने वाली परीक्षा भी पास करनी होती है। इसी तरह केंद्रीय विद्यालयों में नियुक्ति के लिए उनकी परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है।

मैं इकोनॉमिक्स में एमए कर रहा हूं और इंडियन इकोनॉमिक्स सर्विस एग्जाम की तैयारी करना चाहता हूं। मैं इसकी तैयारी किस तरह से करूं? इसके लिए मैं कौन से शिक्षण संस्थान की गाइडेंस लूं? मार्गदर्शन कीजिए।                             
समर्थ कश्यप, बिजनौर

इंडियन इकोनॉमिक्स सर्विस यानी आईईएस भारत सरकार और उसके कई मंत्रालयों को नीति और कार्यक्रमों के निर्माण, कार्यान्वयन और निष्पादन के लिए आवश्यक आर्थिक पहलू समझाने में अहम रोल निभाती है।

इसके अतिरिक्त हर मंत्रालय और विभाग को उनके बजट के निर्माण से लेकर उसके व्यय का अधिकतम सकारात्मक प्रयोग को लेकर आईईएस आर्थिक मोर्चे की समझ की पूरी मदद देता है। लोक सेवा आयोग द्वारा इसकी परीक्षा का आयोजन कराया जाता है। इसका नोटिफिकेशन हर साल नवंबर में जारी होता है और मई में परीक्षा का आयोजन होता है।

इस परीक्षा के दो भाग होते हैं। पहला लिखित और दूसरा इंटरव्यू। लिखित परीक्षा 1000 अंकों की होती है, जिसमें 6 पेपर होते हैं। हरेक पेपर (निबंधात्मक) तीन घंटे का होता है, जो उम्मीदवार इसे उत्तीर्ण कर लेते हैं, उन्हें साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है, जो 200 अंक का होता है।
किसी भी दूसरी प्रतियोगी परीक्षा की ही तरह इसकी तैयारी भी आपको पूरी मेहनत, लगन और योजनाबद्ध तरीके से करनी होती है। यह परीक्षा सिविल सर्विस एग्जाम से थोड़ी अलग होती है। इस परीक्षा का माध्यम अंग्रेजी ही होता है और जनरल इंग्लिश के पेपर में प्राप्त अंक लिखित परीक्षा की मेरिट लिस्ट में बहुत अहम भूमिका निभाते हैं। साथ ही इसका कोई प्रिलिमिनरी एग्जाम नहीं होता। यह परीक्षा वही दे सकते हैं, जिन्होंने इकोनॉमिक्स या एप्लाइड इकोनॉमिक्स या बिजनेस इकोनॉमिक्स या इकोमेट्रिक्स में पीजी किया हो।

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