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250 स्कूलों में लॉटरी 10 फरवरी के बाद

दिल्ली विधानसभा चुनाव का असर नर्सरी दाखिले पर भी पड़ रहा है। ईडब्ल्यूएस वर्ग का ड्रॉ शिक्षा निदेशालय की देखरेख में होता है। मगर सरकारी अधिकारियों के चुनाव आयोग के कामकाज में व्यस्त होने के कारण ऐसा...

250 स्कूलों में लॉटरी 10 फरवरी के बाद
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 27 Jan 2015 10:45 AM
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दिल्ली विधानसभा चुनाव का असर नर्सरी दाखिले पर भी पड़ रहा है। ईडब्ल्यूएस वर्ग का ड्रॉ शिक्षा निदेशालय की देखरेख में होता है। मगर सरकारी अधिकारियों के चुनाव आयोग के कामकाज में व्यस्त होने के कारण ऐसा हो नहीं पा रहा है। नतीजतन, 250 स्कूलों ने इस हफ्ते होने जा रही लॉटरी की प्रक्रिया को टाल दिया है।

स्कूलों ने कहा है कि वह 10 फरवरी के बाद ड्रॉ की प्रक्रिया अपनाएंगे। दरअसल, ईडब्ल्यूएस वर्ग का दाखिला सरकार की निगरानी में होता है। इस वर्ग को सीटें 100 अंक के फॉर्मूले से नहीं बल्कि ड्रॉ के जरिए दी जाती हैं। ड्रॉ शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों की निगरानी में होता है। इसकी एक प्रक्रिया होती है। हर स्कूल निदेशालय को ड्रॉ की तारीख बताता है और अधिकारियों को निगरानी के लिए बुलाया जाता है। उसके बाद उनकी और अभिभावकों की उपस्थिति में हुए ड्रॉ के आधार पर स्कूल परिणाम जारी करते हैं। मगर सात फरवरी को चुनाव होने के कारण कम समय बचा है।

दरअसल शिक्षा निदेशालय के कई वरिष्ठ अधिकारी चुनाव संबंधी कार्यों में लगे हुए हैं। ऐसे में 250 स्कूलों ने चुनाव बाद ड्रॉ कराने का फैसला किया है। ड्रॉ को टालने वाले ज्यादातर स्कूल द्वारका, रोहिणी, विवेक विहार और करोल बाग के हैं। उधर, स्कूल संघ ने कहा कि तकनीकी मजबूरियों के कारण ऐसा हुआ है। मगर हर हाल में 31 मार्च 2015 तक स्कूल को इस वर्ग की सभी सीटें भरनी होगी।

वीडियोग्राफी व रिकॉर्डिग पर पाबंदी लगा रहे स्कूल
निदेशालय ने साफ किया था कि स्कूल लॉटरी के दौरान अभिभावकों को मोबाइल साथ लाने से रोक नहीं सकते। अभिभावक चाहें तो मोबाइल के कैमरे से वीडियोग्राफी और रिकार्डिंग कर सकते हैं। अगर उन्हें लॉटरी में कोई गड़बड़ी नजर आती है तो वे वीडियो फुटेज निदेशालय को भेज सकते हैं लेकिन ऐसा करने से स्कूल अभिभावकों को रोक रहे हैं। स्कूलों के बाहर पाबंदी का कोई नोटिस नहीं। मगर अंदर जाते ही फोन बंद करा दिए जा रहे हैं।

फर्जी दस्तावेज से इंटर स्टेट ट्रांसफर वर्ग में आवेदन
एनसीआर के कई अभिभावकों ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर इंटर स्टेट ट्रांसफर वर्ग में आवेदन किया था। पिछले हफ्ते के आंकड़ों के अनुसार ऐसे आवेदकों की संख्या 369 पाई गई है। शनिवार को 25 स्कूलों ने इन फॉर्म को खारिज कर दिया है। बता दें कि करीब 10 दिन पहले भी कई स्कूलों में 780 के करीब ऐसे फर्जी आवेदन पाए गए थे। गौरतलब है कि निदेशालय ने स्कूलों को कहा है कि यदि फर्जी दस्तावेज पाए जाते हैं तो ऐसे पंजीकरण को तुरंत रद्द किया जा सकता है।

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