विनम्रता को बनाएं अपनी सफलता का मार्ग
अमरीका के राजनैतिक इतिहास में एक बहुत ही सज्जन और विचारशील व्यक्ति राष्ट्रपति बने, जिनका नाम था कुलिज। बहुत कम देखने को मिलता है, जब कोई विद्वान और विचारशील व्यक्ति सत्ता के इतने बड़े पद पर पहुंचता...
अमरीका के राजनैतिक इतिहास में एक बहुत ही सज्जन और विचारशील व्यक्ति राष्ट्रपति बने, जिनका नाम था कुलिज। बहुत कम देखने को मिलता है, जब कोई विद्वान और विचारशील व्यक्ति सत्ता के इतने बड़े पद पर पहुंचता है। उनकी कामयाबी में विनम्रता उनका एक अहम गुण रहा। जीवन की सफलता का सच ऐसी ही विनम्रता से शुरू होता है और जो इस सच को समझ गया, वही निर्विकार रूप से इस मायावी दुनिया में काम करते हुए सफलता के लम्बे सोपान तक टिका रह सकता है। जो इस चीज को नहीं समझ पाता, वह सफलता के एक छोटे पड़ाव को तो पार कर सकता है, लेकिन उसका नाम कभी इतिहास के पन्नों में दर्ज नहीं हो पाता।
इन्फोसिस कंपनी के संस्थापक एन. आर. नारायणमूर्ति ने एक अखबार को दिए अपने इंटरव्यू में कहा था कि हम लोग ज्ञान, स्वास्थ्य और धन के अस्थाई रखवाले मात्र होते हैं, इसलिए कभी घमंड नहीं करना चाहिए कि हमने जो अर्जित किया है, वही सर्वश्रेष्ठ है। आज इसके उत्तराधिकारी हम हैं तो कल कोई और होगा। विनय से पात्रता और पात्रता से धन और धन से सुख, लेकिन यह बात अपने आप स्पष्ट है कि सुख का कारण यही विनय होता है, जिसे हम विनम्रता के नाम से जानते हैं।
विनम्रता के क्या-क्या फायदे हो सकते हैं, जिससे आप सफलता की सीढियां चढ़ सकते हैं, इसके कुछ बिंदु निम्नानुसार हैं-
अपने काम को करें सलाम
भारतीय राजनैतिक इतिहास में अभी तक के सबसे लोकप्रिय राष्ट्रपति के रूप में शुमार किये जाने वाले राष्ट्रपति डॉं. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने अपने जीवन में काम को ही सर्वोपरि माना। उन्होंने अपनी पुस्तक विंग्स ऑफ फायर में इस सच तक को स्वीकार किया कि मैं अपने काम में निर्विकार रूप से इतना रम गया था कि मुझे विवाह करने का समय ही नहीं मिला।
डॉं. कलाम ने लोगों को सफलता का सन्देश देते हुए कहा कि जो लोग अपने काम को सलाम करते हैं, उन्हें दुनिया सलाम करती है, लेकिन जो लोग अपने काम को सलाम नहीं करते, उन्हें पूरी दुनिया के सामने सलाम करते हुए आगे बढ़ना पड़ता है।
सच्चाई के साथ काम करने में मदद
मार्टिन लूथर किंग जूनियर की पहचान दुनिया में दूसरे गांधी के रूप में की जाती है। मार्टिन लूथर किंग ने अमेरिका में अश्वेतों के अधिकारों को दिलाने के लिए वही काम किया, जो भारत में गांधी जी ने किया था। मार्टिन लूथर किंग ने अमेरिका जैसे देश में अपने अभियान की सफलता के पीछे सच्चाई की ताकत को सामने रखा। उन्होंने स्वीकार किया कि हमने बिना किसी का प्रतिकार करते हुए वही काम किया, जो किसी भी मनुष्य को अपने अधिकारों की रक्षा के लिए करना चाहिए।
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि सच्चाई के रास्ते पर प्यार से आगे बढ़ते हुए जो चीज प्राप्त की जा सकती है, उसे हिंसा के माध्यम से प्राप्त नहीं किया जा सकता।
जनता का साथ और उनका समर्पण
अमेरिकी समाज सेवक और राजनीति शास्त्री एलिनोर रूजवेल्ट ने एक सफल व्यक्ति के गुणों का बखान करते हुए एक बार कहा था कि जब आप अपने लिए काम कर रहे होते हैं, तब आपको अपने दिमाग का उपयोग करना चाहिए। जबकि जब आप दूसरे के लिए काम कर रहे होते हैं, तब आपको अपने दिल की सुननी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि इससे न सिर्फ आपके अंदर एक समर्पण की भावना पैदा होगी, बल्कि इसके माध्यम से आप जीवन की उस असीम ऊंचाई तक पहुंच सकेंगे, जहां तक कुछ बिरले लोग ही पहुंच पाते हैं।
गलतियों को स्वीकार करना
दिल्ली की सत्ता में दूसरी बार शपथ लेने वाले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शपथ ग्रहण समारोह में अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह शपथ सिर्फ मेरी नहीं, बल्कि आप सबकी है, लेकिन एक बात आप सब लोग जरूर याद रखना, कभी सत्ता का घमंड मत करना, वरना हमारा भी वही हाल होगा, जो हमारी विपक्षी पार्टियों का हुआ है। मानना होगा कि गलती को स्वीकार करने की क्षमता ही उन्हें इस पद पर पहुंचने में सहायक रही।