डिजाइनिंग में अवसरों की नहीं है कमी
मैंने अपनी ग्रेजुएशन पूरी कर ली है और अब डिजाइनिंग में करियर बनाना चाहता हूं। क्या ये सही फैसला होगा, मैं कैसे तय करूं? राकेश कुमार फैशन...
मैंने अपनी ग्रेजुएशन पूरी कर ली है और अब डिजाइनिंग में करियर बनाना चाहता हूं। क्या ये सही फैसला होगा, मैं कैसे तय करूं? राकेश कुमार
फैशन के क्षेत्र में पकड़ बनाना आसान नहीं होता। इसके अलावा डिजाइन के क्षेत्र में सफल करियर बनाने के लिए सही हुनर और कारीगरी की जरूरत होती है। साथ ही रंगों और डिजाइन की समझ, स्कैचिंग, ड्राइंग, पेंटिंग अच्छे से आनी चाहिए। अगर ये सभी गुण आप में मौजूद हैं तो फैशन डिजाइनिंग ही क्यों, डिजाइनिंग से जुड़े दूसरे क्षेत्रों जैसे टेक्सटाइल, फुटवियर और ज्वेलरी डिजाइन आदि में भी हाथ आजमा सकते हैं।
परंतु यदि आपकी क्रिएटिव स्किल्स उतनी अच्छी नहीं हैं और फिर भी आप डिजाइनिंग से जुड़े क्षेत्र में काम करना चाहते हैं तो आप फैशन मर्चेडाइजिंग, फैशन स्टाइलिंग, फैशन मैनेजमेंट और फैशन कम्युनिकेशन जैसे कोर्स कर सकते हैं।
मैंने जर्नलिज्म की डिग्री पूरी कर ली है। मेरी हिंदी और अंग्रेजी दोनों पर अच्छी पकड़ है। कृपया मेरा मार्गदर्शन करें :रूबी
कई बड़े मीडिया हाउस और न्यूज एजेंसियां दोनों तरह की भाषा में काम करते हैं। आप जैसे प्रतिभावान लोग प्रतिभा के बल पर वहां जगह बनाए रखने में कामयाब हो सकते हैं। इस बारे में ज्यादा सोच-विचार की जरूरत नहीं है कि किस भाषा में करियर शुरू किया जाए। अपने प्रारंभिक दिनों में अपना नेटवर्क बनाएं और अच्छी खबरों को ढूंढ़ निकालने का हुनर पैदा करें।
मैं बीसीए कर रहा हूं। अगले साल मेरा कोर्स पूरा हो जाएगा। कृपया आईटी के क्षेत्र में कुछ अच्छे करियर ऑप्शंस के बारे में बताएं।
बीसीए आपको खुद ही वेब डिजाइनिंग, डेटा एंट्री या पेज मेकिंग जैसे कामों की ओर ले जाएगी। इसके अलावा बीपीओ में टेक्निकल सपोर्ट का काम भी मिल सकता है। अगर आप खालिस प्रोग्रामिंग में जाना चाहते हैं तो किसी अच्छी यूनिवर्सिटी से एमसीए करना बेहतर रहेगा या फिर डेटाबेस मैनेजमेंट, एडवांस्ड कंप्यूटिंग या जावा या डॉट नेट जैसी किसी लैंग्वेज में स्पेशलाइजेशन करना अच्छा रहेगा। वैसे आजकल इन्फोसिस, टीसीएस, एचसीएल जैसी बड़ी कंपनियां प्रोग्रामिंग की स्टार्टिग लेवल जॉब्स के लिए अच्छे कॉलेजों से बीएससी (आईटी) ग्रेजुएट्स को सीधे ही काम दे रही हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि वे इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स के मुकाबले कम पैसे पर काम करते हैं और वैसे भी इंजीनियर्स को भी कंपनी को ट्रेनिंग तो देनी ही पड़ती है।
अगर आप नेटवर्किंग फील्ड में जाना चाहते हैं तो आपको हार्डवेयर टेक्नोलॉजी में बेसिक कोर्स करना होगा और एमसीएसई, एमसीएसडी, सीसीएनए आदि सर्टिफिकेट पाने होंगे। गेमिंग डिजाइन और टेक्नोलॉजी भी आपके ऑप्शंस हो सकते हैं। आप इन्फॉर्मेशन सिक्योरिटी और टेस्टिंग में भी जा सकते हैं।
मैं विज्ञान स्नातक हूं और ग्रामीण विकास एवं प्रबंधन में करियर बनाना चाहता हूं। क्या आप मुझे इस क्षेत्र में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के बारे में बता सकते हैं।
भारत की अधिकांश आबादी गांवों में निवास करती है। रूरल मैनेजमेंट प्रोग्राम ग्रामीण उद्यम या सहकारी प्रबंधन के लिए आवश्यक बुनियादी प्रबंधन कौशल प्रदान करता है। इसमें विपणन, प्रबंधकीय लेखांकन, वित्त, ग्रामीण व्यवहार, ग्रामीण परिवेश और उत्पादन, ग्रामीण अनुसंधान प्रणाली, ग्रामीण उत्पादक, मानव संसाधन और एकीकृत ग्रामीण प्रबंधन शामिल है। कोई भी व्यक्ति जो कृषि पृष्ठभूमि या उससे संबद्ध क्षेत्रों (पशुपालन, पशु चिकित्सा विज्ञान और बागवानी आदि) से ताल्लुक रखता हो अथवा ग्रामीण परिवेश में काम करने में उसकी दिलचस्पी हो, ग्रामीण प्रबंधन में बेहतर करियर बना सकता है।
आप ग्रामीण विकास परियोजनाओं में गैर सरकारी संगठन, सरकार, विभिन्न कृषि या कृषि व्यवसाय सहकारी समितियों, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसियों के साथ जुड़ कर काम कर सकते हैं। ग्रामीण प्रबंधन (रूरल मैनेजमेंट) डिग्री धारक को बैंक (नाबार्ड, आईसीआईसीआई, यूटीआई), इंश्योरेंस कंपनी (आईसीआईसीआई लोम्बार्ड, एलआईसी), खुदरा कंपनी (फ्यूचर ग्रुप, रिलाएंस रिटेल, गोदरेज, भारती, आरपीजी, बिग एप्पल, सुभिक्षा) और बहुराष्ट्रीय कंपनियां या ग्रामीण परामर्शी (आईटीसी ई-चौपाल, एससीएस ग्रुप, ग्रॉसमेन एंड एसोसिएट्स) के साथ करियर बनाने का मौका मिल सकता है।
इसके अलावा आप रिसर्च एजेंसी (यूएनओ) आदि को भी ज्वॉइन कर सकते हैं।
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