फोटो गैलरी

Hindi Newsअसफलता से शुरू होती है सफलता की कहानी

असफलता से शुरू होती है सफलता की कहानी

सफलता की सीढियों तक पहुंचाने में असफलता कैसे महत्वपूर्ण रहती है, इसकी कुछ बानगी इस प्रकार है—  असफलता से सफलता की ओर... सफलता के जितने भी उदाहरण सुनहरे अक्षरों में लिखे गए हैं, उन सभी...

असफलता से शुरू होती है सफलता की कहानी
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 09 Dec 2014 03:01 PM
ऐप पर पढ़ें

सफलता की सीढियों तक पहुंचाने में असफलता कैसे महत्वपूर्ण रहती है, इसकी कुछ बानगी इस प्रकार है— 

असफलता से सफलता की ओर...
सफलता के जितने भी उदाहरण सुनहरे अक्षरों में लिखे गए हैं, उन सभी ने जिन्दगी में किसी न किस रूप में असफलता का स्वाद चखा है। इस सन्दर्भ में थॉमस अल्वा एडीसन से बेहतर कोई उदाहरण नहीं हो सकता, जिन्हें एक लाइट बल्ब बनाने के लिए पहले 1000 बार असफलता का मुंह देखना पड़ा। 

जीतने की लगातार कोशिश
थॉमस अल्वा एडीसन की तरह बहुत कम लोग होते हैं, जो सफलता पाने की जिद तक अड़े रहते हैं। कुछ तो अपना रास्ता बीच में ही छोड़ देते हैं अथवा कोशिश ही नहीं करते। लेकिन एक सफल व्यक्ति का लक्ष्य सफलता पाने के बाद ही खत्म होता है। अरस्तु, डार्विन और फ्रायड इन सभी के विचारों का अवलोकन करें तो पाएंगे कि इन सभी का निष्कर्ष एक ही है और वह है असफलता। इन सभी का कहना है कि असफलता एक ऐसा उपकरण है, जो सफलता की चोटी तक पहुंचाने का काम करता है।  

गलतियों से सीखने में सहायक
सिनर्जी लीडरशिप समूह के मैनेजिंग पार्टनर और सेलिब्रेटिंग फेलियर: द पावर ऑफ टेकिंग रिस्क, मेकिंग मिस्टेक्स एंड थिंकिंग बिग के लेखक राल्फ हीथ का कहना है कि अधिकतम लोग जीवन में सिर्फ इसलिए सफल नहीं हो पाते, क्योंकि वे असफलता से इतने डरते हैं कि सफलता के लिए कोशिश ही नहीं करते, जबकि उन्हें यह पता ही नहीं होता कि असफलता और जीवन के खेल में हार मनुष्य के जीवन का सबसे बड़ा शिक्षक होती है। इन्होंने वॉल्ट डिज्नी और जनरल इलेक्टिक का उदाहरण देते हुए बताया कि इनकी सफलता की पूरी कहानी उनकी प्रारंभिक असफलता में छुपी हुई है। यदि इन लोगों ने असफल होने का जोखिम न उठाया होता तो सफलता कभी मिलती ही नहीं।

सही समय पर सही कदम उठाने में योगदान
अपनी पुस्तक फेलिंग फॉरवर्ड:
टर्निग मिस्टेक्स इनटू स्टेपिंग स्टोन्स फॉर सक्सेस में जॉन सी मैक्सवेल ने लिखा कि किसी मूल्यवान लक्ष्य तक पहुंचने में असफलता एक मार्गदर्शक की तरह काम करती है। मैक्सवेल ने अपनी एक स्टोरी सुनाते हुए कहा कि मेरे पिता के बारे में मेरे सभी मित्रों का विचार था कि वे बहुत ही नेगेटिव किस्म के व्यक्ति हैं, क्योंकि वे हमेशा ऐसी किताबें पढ़ते थे, जो नेगेटिव किस्म की थी। हमने उनसे एक बार कहा, आप द पावर ऑफ पॉजिटिव थिंकिंग जैसी किताबें न पढ़ कर हमेशा नेगेटिव किताबें ही क्यों पढ़ते रहते हैं, लेकिन उनके एक जवाब ने सफलता के बारे में मेरा पूरा विचार ही बदल कर रख दिया। उनका कहना था- मैं ऐसी किताबें पढ़ कर पहले अपना टैंक फुल कर लेना चाहता हूं कि कैसे लोगों ने अपनी असफलताओं से सही समय पर लड़ना और सीखना सीखा। यदि यह मैं जान गया तो पॉजिटिव एटिट्यूड तो अपने आप आ जायेगा।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें