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सैम्पल पेपर्स का करें नियमित अभ्यास

प्रिय पाठको, आज के इस अंक में मैं आगामी (अक्तूबर तथा नवंबर) में होने वाली कुछ परीक्षाओं की रणनीति के बारे में चर्चा करूंगा। अगले कुछ महीनों में यानी अक्तूबर तथा नवंबर में होने वाली परीक्षाओं जैसे...

सैम्पल पेपर्स का करें नियमित अभ्यास
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 16 Sep 2014 12:44 PM
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प्रिय पाठको, आज के इस अंक में मैं आगामी (अक्तूबर तथा नवंबर) में होने वाली कुछ परीक्षाओं की रणनीति के बारे में चर्चा करूंगा। अगले कुछ महीनों में यानी अक्तूबर तथा नवंबर में होने वाली परीक्षाओं जैसे एसएससी तथा विभिन्न बैंकों की होने वाली परीक्षाओं के बारे में मैं आपको रणनीति बताना चाहूंगा। यदि आप इस रणनीति को ध्यान में रखेंगे तो निश्चित रूप से आपकी परफॉर्मेस बेहतर होगी।

सबसे पहले तो मैं आपको यह बताना चाहूंगा कि कॉम्पीटिशन बीट करना पूरी तरह से एक कला है। यदि इस कला से आप परिचित नहीं हैं तो कितनी ही पढ़ाई कर लें, आपका चयन मुश्किल होगा। आपने अपने आसपास कुछ ऐसे छात्रों को जरूर देखा होगा, जो 10-12 घंटे रोज पढ़ाई करते हैं, लेकिन फिर भी किसी परीक्षा में उनकी सफलता व परफॉर्मेस का लेवल काफी कम रहता है। जबकि आपने कुछ ऐसे भी देखे होंगे, जो जिस परीक्षा में बैठते हैं, उसी में सफल रहते हैं।

आइये अब विचार करते हैं कि आखिर क्या कारण है कि कोई व्यक्ति कम पढ़ कर भी सफल हो जाता है तथा कई लोग दिन-रात पढ़ कर भी असफल हो जाते हैं। सबसे पहले मैं बताना चाहूंगा कि विद्यार्थी क्या गलतियां करते हैं तथा उन्हें वाकई में क्या करना चाहिये-

1. 90 प्रतिशत विद्यार्थी सिर्फ और सिर्फ स्टडी करते हैं तथा कभी भी पहले की परीक्षाओं में पूछे गये प्रश्नों को नहीं देखते। यदि आप विगत वर्षों के प्रश्नों को नहीं देखेंगे तो आपको पता ही नहीं चलेगा कि किस क्षेत्र पर ज्यादा फोकस होना चाहिये तथा किस पर कम। इसका सबसे बड़ा नुकसान यह होगा कि आप अपनी ऊर्जा गलत जगह लगा देंगे तथा वह क्षेत्र छूटा रह जायेगा, जो परीक्षा की दृष्टि से ज्यादा महत्वपूर्ण है। यदि आपको इसका प्रमाण देखना हो तो आप कई जगह देख सकते हैं। जब भी कोई परीक्षा हो तो देखिये कि क्या पूर्व में पूछे गये प्रश्नों व क्षेत्र से हट कर प्रश्न आये हैं? आप पायेंगे कि 60 से लेकर 80 प्रतिशत तक प्रश्न विगत वर्षों के प्रश्नों का ही दोहराव मात्र थे अथवा उसी क्षेत्र से थे। इस संदर्भ में एक बात और उल्लेखनीय है कि भारत की कोई भी परीक्षा हो, उसमें सफल होने के लिये 40 से 65 प्रतिशत तक ही अंक लाने होते हैं।
इस बात को मैं अपने लंबे अनुभव से दावे के साथ कह सकता हूं। इसलिये मैं ये जोर देकर कहना चाहूंगा कि किसी से मार्गदर्शन मत लीजिये, आपके सबसे बेहतर मार्गदर्शक पूर्व वर्ष की परीक्षाओं में पूछे गये प्रश्न ही हैं।

2. दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि यदि आप एसएससी, बैंक जैसी परीक्षाओं में सफल होना चाहते हैं तो आपके पास सिर्फ एक ही विकल्प है और वह है नियमित अभ्यास। कहने का मतलब अभ्यास ही एक ऐसी चीज है, जो आपको सफलता दिलायेगी।

अक्सर देखा जाता है कि बच्चे नया पढ़ने में ज्यादा वक्त बिताते हैं और अभ्यास को नजरअंदाज करते रहते हैं। उन्हें लगता है कि ऐसा करना अपने वक्त की बर्बादी है, लेकिन यकीन जानिये यदि आप अभ्यास नहीं करेंगे व सिर्फ पढ़ाई करते रहेंगे तो ज्ञान तो बढ़ता जाएगा, लेकिन आप प्रतियोगिता में सफल नहीं हो पाएंगे। इसी संदर्भ में एसएससी की आगामी मुख्य परीक्षा के लिये मैं विद्यार्थियों को कुछ सुझाव देना चाहूंगा।
एसएससी की मुख्य परीक्षा में गणित तथा अंग्रेजी की परीक्षाएं होती हैं। मेरा आप से सुझाव है कि आप एकदम परीक्षा हॉल में बैठ कर परीक्षा देने जैसा अभ्यास करें। अपने सामने घड़ी रखें और उसे 2 घंटे पर सैट कर दें। उसके बाद अपना मूल्यांकन स्वयं करें तथा जहां भी कमी रह गयी हो, उसे दूर करके पुन: अगला प्रयास करें। यकीन जानिये, यदि आप सिर्फ 5 से 10 प्रैक्टिस पेपर भी हल कर लेते हैं तो अपनी इसी योग्यता के बूते अपनी परफॉर्मेंस 20 से 30 प्रतिशत बढ़ा सकते हैं।

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