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नेपाली क्रिकेटरों की नाराजगी

महज एक महीने पहले बांग्लादेश में आईसीसी ट्वंटी-20 विश्व कप में अपना ऐतिहासिक जलवा बिखेर चुकी नेपाल की क्रिकेट टीम एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार वजह कुछ और है। कैप्टन पारस खडका के नेतृत्व में...

नेपाली क्रिकेटरों की नाराजगी
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 18 Apr 2014 09:45 PM
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महज एक महीने पहले बांग्लादेश में आईसीसी ट्वंटी-20 विश्व कप में अपना ऐतिहासिक जलवा बिखेर चुकी नेपाल की क्रिकेट टीम एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार वजह कुछ और है। कैप्टन पारस खडका के नेतृत्व में नाराज टीम ने पिछले गुरुवार को यह ऐलान कर दिया था कि नेपाल क्रिकेट एसोसिएशन यानी सीएएन के रवैये के खिलाफ टीम एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टूर्नामेंट का बहिष्कार करेगी। टीम के खिलाड़ियों ने अपनी जो दस शिकायतें गिनाईं, उनमें उनके भत्तों का भुगतान न किया जाना, क्रिकेट के लिहाज से देश में बेहद खराब इन्फ्रास्ट्रक्चर, उनके व्यावसायिक विज्ञापन करने पर रोक और सबसे अहम सीएएन का घटिया व्यवहार शामिल हैं। शुरुआती बातचीत के नाकाम होने के बाद कल खिलाड़ी, सीएएन और युवा व खेल मंत्रालय के बीच इस बात पर सहमति बनी कि एक पांच सदस्यीय प्लानिंग व मॉनिटरिंग कमिटी गठित की जाएगी, जो सीएएन को दिशा-निर्देश देगी और खिलाड़ियों की अन्य मांगों पर भी गौर करेगी।

इसमें कोई दोराय नहीं कि क्रिकेट टीम की मांगें जायज हैं। हमारी नेशनल टीम ने आईसीसी ट्वंटी-20 वर्ल्ड कप में जो शानदार प्रदर्शन किया, उसका श्रेय सीएएन की मदद को नहीं जाता, बल्कि विशुद्ध रूप से वह टीम के अपने हौसले और परिश्रम का प्रदर्शन था। ऐसे में, यह बेहद शर्मनाक बात है कि टीम को उसके पिछले दो विश्व कप क्वालिफायर और ट्वंटी-20 विश्व कप में खेलने के मेहनताने तक के भुगतान नहीं किए गए। पैसे की बात को एक तरफ रख दें, तो इन क्रिकेटरों के विरोध के पीछे एक तथ्य यह है कि क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ नेपाल जबर्दस्त कुप्रबंधन का शिकार है। क्रिकेट एसोसिएशन की गवर्निंग बॉडी में ऐसे-ऐसे लोगों की राजनीतिक नियुक्तियां कर दी गई हैं या फिर नौकरशाह भर दिए गए हैं, जिन्हें क्रिकेट के बारे में कुछ भी मालूमात नहीं है। ..बहरहाल, यह सुखद है कि खिलाड़ियों ने अब अपना बहिष्कार खत्म कर दिया है, लेकिन यदि नेपाल में क्रिकेट के भविष्य को संवारना है, तो जो भी सांगठनिक खामियां हैं, उनको तत्काल दूर किया जाए।
द काठमांडू पोस्ट, नेपाल

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