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ट्यूनीशियाई मिसाल

ट्यूनीशिया में लोकतंत्र के बारे में वाशिंगटन पोस्ट  में प्रकाशित एक आलेख में वहां की एन्नाहदा पार्टी के मुखिया रैचिड घनोची कहते हैं, ‘हमारा मुल्क दूसरे स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव में शामिल...

ट्यूनीशियाई मिसाल
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 31 Oct 2014 12:53 AM
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ट्यूनीशिया में लोकतंत्र के बारे में वाशिंगटन पोस्ट  में प्रकाशित एक आलेख में वहां की एन्नाहदा पार्टी के मुखिया रैचिड घनोची कहते हैं, ‘हमारा मुल्क दूसरे स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव में शामिल होने को पूरी तरह से तैयार है...ट्यूनीशिया यह साबित करने को प्रतिबद्ध है कि अरब दुनिया में जम्हूरियत के ख्वाब अभी जिंदा हैं।’ घनोची बिल्कुल सही कह रहे थे। बीते इतवार को जिस तादाद में ट्यूनीशिया के लोग मतदान केंद्रों पर उमड़े, वह बताता है कि पूर्ण लोकतंत्र उनकी हद में है। अरब स्प्रिंग में ट्यूनीशिया से बेन अली की सत्ता उखाड़ फेंकने के बाद चार साल के भीतर यह दूसरा चुनाव था, जो पूरी तरह से निष्पक्ष और स्वतंत्र रहा। उदार इस्लामी पार्टी एन्नाहदा और प्रतिद्वंद्वी धर्मनिरपेक्ष गठबंधन के बीच मुख्य मुकाबला है। यह सुखद है कि चुनाव में किसी किस्म का दंगा-फसाद, खून-खराबा नहीं हुआ और न ही किसी खेमे ने फर्जीवाड़े का आरोप ही लगाया। और अब जो भी नतीजे आएं, ट्यूनीशिया के लोग उसे दिल से स्वीकार करेंगे। अरब क्रांति से प्रेरित उन मुल्कों के लिए ट्यूनीशिया वाकई एक मिसाल है, जिनके आंदोलन को या तो पूर्व शासन के लोगों ने अगवा कर लिया या फिर वे निरंतर खून-खराबे के हवाले हो गए। मिस्र, लीबिया और सीरिया जैसे मुल्क आज भी हिंसा और अव्यवस्था की चपेट में हैं। उनके बुरे हालात ने अरब दुनिया के लोगों को निराश किया है, जबकि उन्हें भी उम्मीद थी कि उनके यहां भी देर-सबेर बदलाव का सूरज उगेगा। ट्यूनीशिया ने यह पैगाम दिया है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया और आम सहमति के जरिये शांति और स्थिरता हासिल की जा सकती है। एन्नाहदा पार्टी ने इस प्रक्रिया में बेहद अहम भूमिका निभाई है। घनोची लिखते हैं कि हमारे क्षेत्र के इतिहास की अनेक नाकामियों की जड़ में सत्ता में बैठे लोगों की तानाशाही रही है। साल 2011 के चुनाव में एन्नाहदा ने बड़े अंतर से चुनावी फतह हासिल की थी, फिर भी उसने एक मिली-जुली राष्ट्रीय सरकार बनाई और दो धर्मनिरपेक्ष पार्टियों के साथ सत्ता में साझेदारी की। अब नई सरकार को नौजवानों के लिए नौकरियां जुटाने और मुल्क की तरक्की के लिए काम करना होगा।
द पेनिनसुला, कतर

 

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