फोटो गैलरी

Hindi Newsतेल का बाजार

तेल का बाजार

तेल की कीमतों में भारी गिरावट आई है, जो तेल-उत्पादक मुल्कों के लिए बड़ी चिंता की बात है। हाल की कीमत सें 25 फीसदी से भी ज्यादा की कमी दर्ज की गई है। गए गुरुवार को कच्चे तेल की प्रति बैरल कीमत 83 डॉलर...

तेल का बाजार
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 19 Oct 2014 08:05 PM
ऐप पर पढ़ें

तेल की कीमतों में भारी गिरावट आई है, जो तेल-उत्पादक मुल्कों के लिए बड़ी चिंता की बात है। हाल की कीमत सें 25 फीसदी से भी ज्यादा की कमी दर्ज की गई है। गए गुरुवार को कच्चे तेल की प्रति बैरल कीमत 83 डॉलर से कुछ ज्यादा थी, जो 115 डॉलर की मई-जून की कीमत से काफी कम है। इस वजह से तेल बेचने वाले बड़े मुल्कों को अपने बजट सिकोड़ने पड़े हैं। मॉस्को से काराकस तक, रियाद से बगदाद और बाकु तक तथा तेहरान, कुवैत से लागोस तक वित्त मंत्री और सेंट्रल बैंक के गवर्नर इस नई सच्चाई से जूझ रहे हैं। इस गिरावट ने अलग-अलग मुल्कों में अलग-अलग तरीके से असर डाला है। खाड़ी के देशों पर ईरान और वेनेजुएला के मुकाबले कम असर पड़ा है, क्योंकि वहां लागत अपेक्षाकृत कम है और उनकी अर्थव्यवस्थाएं भी अपेक्षाकृत मजबूत हैं, जबकि ईरान और वेनेजुएला आर्थिक रूप से कमजोर हैं। यहां की हुकूमतों के लिए तेल-राजस्व लाइफलाइन है। इसलिए इन दोनों देशों ने ताजा हालात पर चर्चा व फौरी हल के लिए पेट्रोलियम बेचने वाले मुल्कों के संगठन की बैठक बुलाई है।

रूस भी इसकी तपिश महसूस कर रहा है। व्लादिमीर पुतिन की यूक्रेन-नीति की वजह से यह मुल्क पश्चिम की आर्थिक पाबंदियों से घिरा है। तेल की कीमत में आई गिरावट अस्थायी और अच्छी नहीं है। खाड़ी मुल्क इस पर लगातार जोर डाल रहे हैं कि दुनिया को वाजिब दर पर तेल चाहिए। यह न बेहद ज्यादा हो, जिससे खर्च करने वाले मुल्कों की हालत बिगड़े और न बेहद कम, जिससे उत्पादक मुल्कों की अर्थव्यवस्था चरमराए। उत्पादक व उपभोक्ता मुल्कों को इस मामले में संतुलन की तरफ बढ़ना चाहिए और इसका खयाल रखना चाहिए कि किसी को भी नुकसान न हो। दुनिया के कुछ हिस्सों में इस गिरावट को सराहा गया है। अमेरिका और विकासशील मुल्कों के लिए ताजा गिरावट अच्छी बताई जा रही है। यह सच है कि अन्य वस्तुओं की तरह ही तेल की कीमतें भी मांग-आपूर्ति से प्रभावित होती हैं। मौजूदा गिरावट के पीछे एक तर्क यह है कि अमेरिका ने ऊर्जा-उत्पादन में तरक्की की है, यूरोपीय देशों व चीन की मांग में ठहराव आया है और इराक व लीबिया में तेल का उत्पादन बढ़ा है।   
द पेनिनसुला, कतर

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें