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मोदी सरकार का बजट

गई मई में इस वादे के साथ कि अर्थव्यवस्था का कायापलट कर देंगे,  संसद के निचले सदन में प्रचंड बहुमत से नरेंद्र मोदी जीतकर आए। तब भी पिछले साल प्रधानमंत्री भूमि, श्रम, विदेशी-निवेश और कर-कानूनों...

मोदी सरकार का बजट
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 27 Feb 2015 08:52 PM
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गई मई में इस वादे के साथ कि अर्थव्यवस्था का कायापलट कर देंगे,  संसद के निचले सदन में प्रचंड बहुमत से नरेंद्र मोदी जीतकर आए। तब भी पिछले साल प्रधानमंत्री भूमि, श्रम, विदेशी-निवेश और कर-कानूनों में महत्वपूर्ण सुधार लाने में नाकाम रहे, जिनसे कारोबारी समुदायों को निराशा हुई थी। अब उन्हें यह साबित करने की जरूरत है कि देश जो चाहता है, वैसा ही बदलाव लाने वाले वह नेता हैं। आज आम बजट पेश होने जा रहा है। बीते कुछ महीनों में उन्होंने यह संकेत दिया कि सुधारवादी कदम उठाए जाने हैं। नियामकों के लिए चीजें आसान हों,  इसलिए उन्होंने कुछ अध्यादेश जारी किए, ताकि औद्योगिक क्षेत्र स्थापित हो सकें और विदेशी निवेश पर प्रतिबंधों में ढील मिले। संसदीय अनुमति के बगैर ये पूर्ण प्रभाव हासिल नहीं कर सकते। अध्यादेश इस बात के संकेत हैं कि मोदी अपने कार्यक्रमों को लेकर प्रतिबद्ध हैं। सड़क, रेलवे और बंदरगाह में सार्वजनिक निवेश की जरूरत है, लेकिन आम बजट में यह सरकार की प्राथमिकता नहीं होनी चाहिए।

बजट को प्रोत्साहन विनियमन में ढील से मिलना चाहिए, जो कारोबारी क्षेत्र को निवेश के लिए प्रेरित करे। महंगाई दर और तेल की कीमतों के कम होने जैसे अनुकूल रुझानों के बावजूद पूंजीगत निवेश गिरता जा रहा है और कंपनी के नतीजे निराशाजनक हैं। मैन्युफैक्चरिंग के विस्तार में सबसे बड़ी बाधा बाध्यकारी श्रम कानून हैं। कारोबार के लिहाज से सुलभ देशों की विश्व बैंक की सूची में 189 देशों में भारत का स्थान 142वां है, जिसे सुधारने की जरूरत है। यहां यह लाभ मिलता है कि बीते साल नरेंद्र मोदी ने योजना आयोग को खत्म कर नीति आयोग के गठन का फैसला किया था। नीति आयोग वास्तव में एक थिंक टैंक है, जो मुक्त-कारोबार के समर्थक अर्थशास्त्री अरविंद पनगढ़िया के नेतृत्व में काम कर रहा है। भारत में विधेयक पारित कराना कभी आसान नहीं रहा और नरेंद्र मोदी के सुधार विशेष रूप से पेचीदे हैं। उनका भूमि-अधिग्रहण अध्यादेश पहले ही विरोध का सामना कर रहा है, यहां तक कि गठबंधन सरकार के कुछ घटक भी इससे नाराज हैं। वैसे, राजनीति में झटके नए अवसर सामने लाने का काम करते हैं।  
वॉल स्ट्रीट जर्नल,  अमेरिका

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