सबसे महंगा खिलाड़ी
पूरे देश का ध्यान जिस समय विश्व कप क्रिकेट के मैचों पर है, इंडियन प्रीमियर लीग की अगली शृंखला के शुरुआती धमाके भी शुरू हो गए हैं। इस टूर्नामेंट के लिए क्रिकेटर युवराज सिंह पर जिस तरह से दिल्ली...
पूरे देश का ध्यान जिस समय विश्व कप क्रिकेट के मैचों पर है, इंडियन प्रीमियर लीग की अगली शृंखला के शुरुआती धमाके भी शुरू हो गए हैं। इस टूर्नामेंट के लिए क्रिकेटर युवराज सिंह पर जिस तरह से दिल्ली डेयरडेविल्स ने 16 करोड़ रुपये की बोली लगाई है, उसने सभी को हैरत में डाल दिया है। युवराज काफी समय से फॉर्म में नहीं हैं और इसी वजह से उन्हें विश्व कप क्रिकेट खेल रही टीम में शामिल तक नहीं किया गया। जबकि पिछले विश्व कप में वह ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ थे और भारत को विश्व कप जिताने में उनकी भूमिका सबसे बड़ी थी। अब आईपीएल की ताजा नीलामी के साथ ही चंडीगढ़ के क्रिकेटर युवराज इस टूर्नामेंट के लिए खेलने वाले सबसे महंगे खिलाड़ी हो गए हैं। वैसे पिछले साल भी जब रॉयल चैंलेंजर्स बंगलोर के लिए वह खेले थे, तो उनके लिए 14 करोड़ रुपये की बोली लगी थी। यह वही युवराज हैं, जिन्होंने चार साल पहले जब कैंसर के इलाज के लिए कुछ दिनों तक क्रिकेट खेलना बंद किया था, तो बहुत से लोंगों ने मान लिया था कि उनका करियर अब खत्म हो गया है। लेकिन यह युवराज का जीवट ही था कि वह फिर लौटे और उन्होंने अपने हुनर और दमखम को फिर दिखाया।
पिछले एक दौर में सचिन तेंदुलकर भले ही क्रिकेट के सबसे बड़े खिलाड़ी रहे हों और उन्हें भगवान तक का दर्जा दिया जाता हो, लेकिन भारतीय क्रिकेट के ग्लैमरयुक्त स्टार युवराज ही रहे हैं। उनके पास खेल का क्लासिक अंदाज भले ही न हो, लेकिन विरोधी टीम के गेंदबाजों के छक्के छुड़ाने की क्षमता सबसे ज्यादा थी। सचिन के अलावा सहवाग और सौरव गांगुली जैसे उस दौर के दूसरे खिलाड़ियों के पास भले ही भारी भरकम रिकॉर्ड हों, लेकिन टी-20 विश्व कप के ओवर में छह छक्के जैसी करामात युवराज के बस की ही बात थी। उस मैच में उन्होंने महज 13 गेंदों में ही अद्र्ध शतक पूरा कर लिया था। टी-20 मैचों में उनका स्ट्राइक रेट 150 है, एकदिवसीय मैचों में 90 के आस-पास।
हमें नहीं मालूम कि आईपीएल की अगली शृंखला में वह अपने प्रदर्शन का यह स्तर बरकरार रख पाएंगे या नहीं, लेकिन अगर दिल्ली डेयरडेविल्स के मौजूदा मालिक जीएमआर समूह ने उन पर 16 करोड़ का दांव खेला है, तो उसके पीछे उनके प्रदर्शन की उम्मीदों से ज्यादा उनकी स्टार वैल्यू रही होगी। हालांकि अभी यह कहना ठीक नहीं है कि 33 वर्षीय युवराज का करियर अब ढलान की ओर जा रहा है, मुमकिन है कि इस बार भी वह मैदान पर पहले की तरह का आक्रामक खेल दिखाएं। युवराज फटाफट क्रिकेट के सबसे बड़े भारतीय स्टार हैं, किसी भी टीम में उनकी मौजूदगी ही दर्शकों को आकर्षित करने के लिए काफी है। इसके अलावा उनकी मौजूदगी टीम के बाकी खिलाड़ियों का आत्मविश्वास भी बढ़ा सकती है। बाकी एक सवाल जरूर ऐसा है, जो युवराज ही नहीं, शेष सभी खिलाड़ियों और आईपीएल की पूरी नीलामी प्रक्रिया के बारे पूछा जा सकता है- जितनी रकम इन खिलाड़ियों पर खर्च की जा रही है, क्या सचमुच उनसे उतने अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है? ऐसे खेलों और नीलामियों में कई ऐसी चीजें होती हैं, जिन्हें तार्किक आधार पर नहीं देखा जा सकता। इसका सबसे अच्छा उदाहरण भी आज की नीलामी में ही है। आज दिल्ली डेयरडेविल्स ने जिस एक और खिलाड़ी के लिए बोली लगाई वह थे श्रीलंका के कप्तान एंजेलो मैथ्यूज। युवराज के मुकाबले मैथ्यूज के फॉर्म और स्वास्थ्य को लेकर किसी तरह का कोई शक-शुबहा नहीं है। लेकिन उन्हें जो रकम मिली, वह युवराज को मिलने वाली रकम के आधे से भी कम है।