फेसबुक की दीवार का स्वच्छ भारत में योगदान
भारत में हर समस्या का हल कंप्यूटर में है। इसकी बड़ी वजह तो यह है कि भारत की समस्याएं इंसान हल नहीं कर सकते, बल्कि यह कहा जाए कि भारत के इंसान ही समस्या हैं। और कोई समस्या, समस्या को हल नहीं कर सकती,...
भारत में हर समस्या का हल कंप्यूटर में है। इसकी बड़ी वजह तो यह है कि भारत की समस्याएं इंसान हल नहीं कर सकते, बल्कि यह कहा जाए कि भारत के इंसान ही समस्या हैं। और कोई समस्या, समस्या को हल नहीं कर सकती, इसलिए कंप्यूटरों का ही भरोसा है। कुछ वक्त ऐसा लगा था कि शायद विदेशी भारत की समस्या को हल कर सकते हैं, लेकिन जब से अंग्रेज भारत छोड़कर भागे हैं, बाकी विदेशी भारत का गुणगान करके पीछा छुड़ा लेते हैं।
भारत की एक बड़ी समस्या गंदगी है- यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया है। इसके बाद ही कई लोगों को पता चला कि जिस स्थिति में वे रहते हैं, उसे गंदगी कहते हैं। ज्यादातर भारतीयों को नहीं पता कि सड़क पर कूड़ा फेंकना, गुटखा खाकर कहीं भी थूकना गंदगी फैलाना है। जिन्हें नहीं पता, वे अनजाने में गंदगी फैलाते हैं और जिन्हें पता है, वे बेशर्मी में गंदगी फैलाते हैं। ऐसे में कंप्यूटर ही कुछ हल दे सकता है।
इस बात का प्रमाण यह है कि पिछले कुछ वक्त से सार्वजनिक शौचालय जहां भी हैं, कुछ साफ नजर आते हैं। इसका कुछ श्रेय तो सुलभ वाले पाठक जी को जाता है और कुछ फेसबुक को। पाठक जी के योगदान के बारे में बहुत लिखा गया है, लेकिन फेसबुक के योगदान के बारे में कम बात हुई है। अगर हम ध्यान से देखें, तो पाएंगे कि पहले जो चीजें सार्वजनिक शौचालयों की दीवारों पर लिखने का चलन था, अब वह फेसबुक की दीवारों पर लिखी मिलती हैं। इससे सार्वजनिक शौचालयों की दीवारें साफ रहने लगी हैं। ऐसा लगता है कि काफी लोग ऐसे हैं, जो दीवारों पर लिखने के अलावा भी वे अन्य काम फेसबुक पर ही करना चाहते हैं, जो वे सार्वजनिक शौचालयों में करते हैं। अभी तो ऐसा इंतजाम नहीं है, पर तकनीक जैसे-जैसे विकसित हो रही है, उसमें यह इंतजाम भी हो सकता है। भारत को साफ करने का यही एक तरीका सूझता है। सोशल मीडिया पर काफी हद तक तो इंतजाम हो ही गया है, और थोड़ा मामला आगे बढ़े, तो ‘स्वच्छ भारत’ और ‘डिजिटल इंडिया’ एक साथ ही निपट जाएं।