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पढ़े लिखे युवा बेरोजगार की उम्मीद

पढ़ा-लिखा बेरोजगार युवा प्रजातंत्र से प्रभावित है। कैसी अप्रतिम, आदर्श व्यवस्था है यह! गए-बीते सामंती दौर में केवल एक राजा होता था हर राज्य में। वजीर, दरबारी, रिआया, उससे थर-थर कांपते थे। न जाने कब...

पढ़े लिखे युवा बेरोजगार की उम्मीद
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 13 Apr 2014 08:30 PM
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पढ़ा-लिखा बेरोजगार युवा प्रजातंत्र से प्रभावित है। कैसी अप्रतिम, आदर्श व्यवस्था है यह! गए-बीते सामंती दौर में केवल एक राजा होता था हर राज्य में। वजीर, दरबारी, रिआया, उससे थर-थर कांपते थे। न जाने कब किस बेगुनाह का सिर कलम कर दे, किस नृशंस अपराधी को अभयदान दे दे? उसकी इच्छा नियम, उसकी मरजी कानून। लोग उसके गुण गाते थे। लोकतंत्र के निजाम में सैकड़ों राजा हैं। बस एक अंतर है। ये स्थायी न होकर अस्थायी हैं, पांच साल में एक बार वोट की भीख मांगने को मजबूर हैं। युवक भुक्तभोगी हैं। जानते हैं, संस्था बदली है, सूत्रधार की मानसिकता नहीं। सत्ता स्वभाव से निरंकुश है। नाम के वास्ते समर्पित जन-सेवक जान-बूझकर काजल की कोठरी में जाते हैं और दागदार बनकर लौटते हैं। फिर शान से अपनी ईमानदारी व मुल्क की तरक्की का ढिंढोरा पीटते हैं। तभी तो आंकड़ों के बंजर खेत में हर साल हजारों रिक्तियों की फसल लहलहाती है। उसे ख्याल आता है कि सिस्टम की यह भी एक इनायत है।

फॉर्म खरीदने के पैसे जुटाने, भरने, भेजने की कवायद से तो बचा। कई बार वह यह गलती दोहरा चुका है। साक्षात्कार में बुलाए जाने के भी अनेक अवसर आए हैं। एक बार तो उसे ज्योतिषी ने राजयोग की भविष्यवाणी के झांसे से आश्वस्त भी किया था। वह कई दिनों तक खुशी में झूमता रहा। नतीजा आया, तो वही सिफर। अब उसे यकीन हो चला है कि पद, प्रतिष्ठा, इज्जत, आबरू, सब बिकाऊ है। खाली-पीली योग्यता का बाजार में कोई खरीदार नहीं है। आज पशु-मेले में अनपढ़, बेजुबान ढोर तक के बिकने की संभावना है। पढ़े-लिखों के हाट में बिना पैसा-पैरवी के यह गुंजाइश कहां? वह आशावादी है। उसे भारतीय राजनेताओं की स्वार्थी प्रवृत्ति पर पूरा भरोसा है। ये वोट के लिए हर जोड़-तोड़ जुगाड़ आजमा सकते हैं। पता नहीं, सामाजिक न्याय के नाम पर अभी कितने और आरक्षण हों? इतिहास की सलीब पर कितने और योग्य सूली चढ़ें? क्या कभी उन गरीबों की कोई सोचेगा? फिलहाल वे चुनाव-प्रचार में व्यस्त हैं। फ्री खाना-पीना व दारू। उन्हें लग रहा है कि नेतागीरी सबसे चोखा धंधा है।

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