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गरीब और अमीर चोर का बढ़ता फासला

दिल्ली में सांसदों-मंत्रियों की कोठियों व बंगलों में बड़ी चोरियां हो रही हैं। चोर कोई गहने-जेवर नहीं चुरा रहे। वे रुपये-पैसे भी नहीं चुरा रहे। वे लैपटॉप या कोई महंगा मोबाइल फोन चुराकर भी नहीं ले जा...

गरीब और अमीर चोर का बढ़ता फासला
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 23 Mar 2015 09:02 PM
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दिल्ली में सांसदों-मंत्रियों की कोठियों व बंगलों में बड़ी चोरियां हो रही हैं। चोर कोई गहने-जेवर नहीं चुरा रहे। वे रुपये-पैसे भी नहीं चुरा रहे। वे लैपटॉप या कोई महंगा मोबाइल फोन चुराकर भी नहीं ले जा रहे। वे टीवी या फ्रिज वगैरह की चोरी भी नहीं कर रहे। यहां तक कि अब तो वे पहले की तरह कटहल भी नहीं चुरा रहे। दिल्ली में सांसदों के यहां भैंसे भी नहीं हैं,  इसलिए उनकी चोरी का भी प्रश्न नहीं। इनकी चोरी की खबरें तो उत्तर प्रदेश से ही आती हैं। अलबत्ता, चोर हमारे सांसदों के महंगे कुत्ते जरूर चुरा सकते हैं। पर वे चोर तो कुत्ते भी नहीं चुरा रहे। सांसदों के पास महंगी-महंगी गाड़ियां भी बहुत हैं। पर दिल्ली की दूसरी कॉलोनियों से गाड़ियां बेशक चोरी हो रही हों, लुटियंस दिल्ली से गाड़ियों की चोरी की खबरें कम ही आती हैं। यहां तक कि क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड भी चोरी नहीं हो रहे। जबकि दूसरी जगह बच्चों की गुल्लक तक के पैसे चिटफंड वाले ले जाते हैं।

समस्या यह है कि लुटियंस दिल्ली में सांसदों-मंत्रियों की कोठियों और बंगलों में चोरियां फिर भी हो रही हैं। तो फिर चोर चुरा क्या रहे हैं?  पता चला साहब कि चोर गेट पर लगे बल्ब, सीएफएल वगैरह चुरा रहे हैं। दूसरी जगहों पर वे एटीएम मशीन तक चुराते हैं और यहां गेट पर लगी लाइटें चुरा रहे हैं। पता नहीं, प्रतिनिधियों को अंधेरा देने के लिए या खुद रोशनी हासिल करने के लिए। इसके अलावा वे बाथरूम की टोंटियां चुरा रहे हैं। बताइए, बेचारे नेताओं पर आरोप लगते हैं कि वे अरबों-खरबों के घोटाले करते हैं और उनके यहां चोर बल्ब और टोंटियां चुरा रहे हैं। इससे पता चलता है कि चोर कई तरह के होते हैं और सबका अपना-अपना लेवल होता है। नेता का अपना लेवल है अरबों-खरबों के घोटाले करने का और उनका यह लेवल निरंतर बढ़ता ही जा रहा है, जबकि चोरों का लेवल बल्ब और टोंटियां चुराने पर आ गया है। अगर यह सच है, तो इससे वामपंथियों का यह आरोप सच साबित होता है कि देश में गैर-बराबरी बढ़ती ही  जा रही है। अमीर चोर और अमीर होता जा रहा है, गरीब चोर और गरीब।

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