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पाकिस्तान में विश्व क्रिकेट की वापसी

जिंबाब्वे ने ही सही, किसी विदेशी टीम ने पाकिस्तान में क्रिकेट खेलने को लेकर हामी तो भरी। वरना पाकिस्तान में क्रिकेट बेवक्त खत्म हो रहा था। पिछले छह साल से पाकिस्तान के स्टेडियम में कोई अंतरराष्ट्रीय...

पाकिस्तान में विश्व क्रिकेट की वापसी
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 14 Apr 2015 08:41 PM
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जिंबाब्वे ने ही सही, किसी विदेशी टीम ने पाकिस्तान में क्रिकेट खेलने को लेकर हामी तो भरी। वरना पाकिस्तान में क्रिकेट बेवक्त खत्म हो रहा था। पिछले छह साल से पाकिस्तान के स्टेडियम में कोई अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला गया। अब जिंबाब्वे की टीम मई में पाकिस्तान में पांच एकदिवसीय मैच खेलेगी। पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के खात्मे के पीछे मार्च 2009 की निंदनीय घटना है। मार्च 2009 में लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम के पास श्रीलंका की टीम पर आतंकियों ने हमला कर दिया था। उस हमले में श्रीलंका की टीम के खिलाड़ी और अंपायर घायल हुए थे। खिलाड़ियों को बड़ी मुश्किल से हेलीकॉप्टर के जरिये मैदान से निकाला गया था। इसके बाद से कोई भी टीम पाकिस्तान के दौरे के लिए जाने को तैयार नहीं थी। ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड को तो छोड़ दीजिए, एशियाई मुल्कों में बांग्लादेश भी पाकिस्तान के दौरे को तैयार नहीं हुआ। 2012 में बांग्लादेश बोर्ड ने पाकिस्तान दौरे को हरी झंडी दे दी थी, लेकिन बाद में खिलाड़ियों की सुरक्षा का हवाला देते हुए उस दौरे को रद्द कर दिया गया, जिसके एवज में उसे 3. 25 लाख डॉलर का हर्जाना भी देना पड़ा।

जिंबाब्वे का यह दौरा दूसरी टीमों के लिए भी पाकिस्तान के रास्ते खोल सकता है। निगाहें इस बात पर भी हैं कि क्या इस दौरे के बाद भारत पाकिस्तान के क्रिकेट रिश्तों को बहाल करने की मुहिम पर भी जोर दिया जाएगा? पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के मुखिया पिछले महीने भारत आए थे। उन्होंने बीसीसीआई के नए अध्यक्ष जगमोहन डालमिया से मुलाकात की थी। जिसमें क्रिकेट रिश्तों को बहाल करने पर चर्चा भी जरूर हुई होगी। यह मुलाकात इसलिए भी अहम है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद भी पाकिस्तान सरकार के साथ अलग-अलग मंच पर बात करते रहे हैं। ऐसे में ‘क्रिकेट डिप्लोमेसी’ दोनों देशों के लिए कुछ अच्छी खबरें ला सकती है, लेकिन उसके लिए जरूरी है कि पाकिस्तान सरकार टीम की सुरक्षा की 200 फीसदी गांरटी दे। भारत-पाक के आपस में खेलने के कई फायदे हैं। सबसे बड़ा फायदा तो पाक क्रिकेट का है।

पाकिस्तान में क्रिकेट की हालत खराब होती जा रही है। अंतरराष्ट्रीय मैच वहां खेले नहीं जाते, पिछले कुछ साल में उसके कई नामी-गिरामी खिलाड़ी फिक्सिंग के आरोप में जेल तक जा चुके हैं। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड में लगातार उलट-फेर होता रहता है। पाकिस्तान के खिलाड़ियों के मन में हार के बाद लगातार ये डर भी रहता है कि वापस लौटने पर उनके साथ कैसा सलूक किया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए भी ये अच्छी खबर है, क्योंकि पाकिस्तान के प्रदर्शन पर पूरी दुनिया की निगाहें रहती हैं। यह भी मुमकिन है कि दुनिया की बाकी टीमों की तरह पाकिस्तान के खिलाड़ियों को भी इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल में खेलने की मंजूरी मिल जाए। लेकिन पहले पाकिस्तान सरकार जिंबाब्वे के दौरे को सुरक्षित माहौल में संपन्न कराए।
(ये लेखक के अपने विचार हैं)

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