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घूसखोरी के खिलाफ

राजस्थान में आयकर अधिकारी रिश्वत लेते हुए पकड़े गए। जिसका काम दूसरों की आय को जांचना था, वही चोर निकला। सवाल उठता है कि ऐसे लोगों ने सरकार को क्या योगदान दिया होगा, बल्कि रिश्वत ले-लेकर सरकारी फंड को...

घूसखोरी के खिलाफ
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 06 Apr 2015 08:24 PM
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राजस्थान में आयकर अधिकारी रिश्वत लेते हुए पकड़े गए। जिसका काम दूसरों की आय को जांचना था, वही चोर निकला। सवाल उठता है कि ऐसे लोगों ने सरकार को क्या योगदान दिया होगा, बल्कि रिश्वत ले-लेकर सरकारी फंड को जबर्दस्त चूना लगाया होगा। अब कोई कठोर कानून तो है नहीं, फिर ये रिश्वत अकेले तो लेते नहीं, उसमें से कुछ हिस्सा सब लोगों को देते हैं। कुछ समय, यानी फर्जी जांच के बाद सब दोषमुक्त हो जाएंगे। सरकार को चाहिए कि ‘चोर अफसरों’ के पैसे सरकारी कोष में डाल दे और अदालत इनको कड़ी सजा दे, ताकि कभी कोई रिश्वत ले या गलत काम करे, तो उसका परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे। साथ में, सभी सरकारी अधिकारियों की आय की नियमित जांच होनी चाहिए। जो गलत हैं, उन्हें सजा मिलनी ही चाहिए।
राम नरेश गुप्ता, सोडाला, जयपुर

फिर सोचे भाजपा

भारतीय जनता पार्टी यानी भाजपा को जम्मू-कश्मीर में पीडीपी से गठबंधन तोड़ लेना चाहिए। वह वहां की दूसरी बड़ी क्षेत्रीय पार्टी नेशनल कांफ्रेंस के साथ मिलकर सरकार बनाए और उमर अब्दुल्ला को मुख्यमंत्री स्वीकार करे। इसमें देश के हित को देखकर कांग्रेस भी साथ दे सकती है। भले ही नेशनल कांफ्रेंस से किसी राष्ट्रीय पार्टी का मतभेद हो, लेकिन नेशनल कांफ्रेंस पर अलगाववाद या आतंकवाद से जुड़ा कोई आरोप नहीं लगता, जबकि पीडीपी के कामकाज पर सवाल जब-तब उठते रहते हैं। भाजपा की छवि राष्ट्रवादी है, लेकिन पीडीपी के साथ जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाकर उसकी किरकिरी हुई है। इसलिए भाजपा अपने फैसले पर फिर से विचार करे।
यशपाल शास्त्री, विकास नगर, दिल्ली

जमीन और जल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरु की एक बड़ी जनसभा में कृषि विकास के लिए बहुत अच्छी बात कही है। मगर इसके लिए भूमि व नदी नीतियों में सुधार सबसे जरूरी है। देश की अधिक आबादी गांव में बसती है, जो कृषि पर आधारित है और इससे देश का उद्योग भी टिका है। देश में किसान-मजदूरों की संख्या अधिक होते हुए भी दुर्भाग्य से इनकी स्थिति बेहद दयनीय है, जिससे वे आत्महत्या तक कर रहे हैं। दूसरी ओर, कृषि उत्पाद कम होते हुए भी उसके उचित संरक्षण के अभाव में उसकी भारी बर्बादी सामने है, जिससे महंगाई और भुखमरी की समस्या तेजी से बढ़ी है। आज भी देश का एक बड़ा भू-भाग बेकार और बंजर पड़ा है। खुद दिल्ली की काफी भूमि डीडीए ने दुर्भाग्य से छोड़ रखी है। ऐसे कई और उदाहरण हैं। नदी हमारी एक जीवन-रेखा है, जिसकी हालत खराब है। इन नदियों की गाद और मिट्टी की सफाई नहीं होती है, जबकि जन-शक्ति और तकनीक की कोई कमी नहीं है। इसलिए नदी बरसात में बाढ़ से भयंकर तबाही लाती हैं। उन्नत खेती के लिए भूमि सुधार के साथ नदी नीति में भी सुधार बहुत जरूरी है।
वेद मामूरपुर,  नरेला,  दिल्ली

संदेश से दूर

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जब पद की शपथ ली, तब उन्होंने गाया- ‘इंसान का इंसान से हो भाईचारा, यही पैगाम हमारा.।’ पर जिस प्रकार उनकी पार्टी में घमासान मचा हुआ है, जिस प्रकार सत्ता के लिए उठापटक हो रही है, उसे देखकर लगता है कि शायद वह खुद इस गीत को अपने जीवन में उतारना भूल गए। तभी देश की अन्य पार्टियों को ईमानदारी व अनुशासन का पाठ पढ़ाने वाले आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल आज खुद चौतरफा संशय के घेरे में हैं। जो पार्टी कभी भाईचारे की बात करती थी, वह आज ‘वन मैन शो’ बनकर रह गई है। इस पार्टी में तानाशाही इतनी प्रबल होती दिख रही है कि जो भी केजरीवाल की कार्यशैली का विरोध करता है, उसे पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। और तो और, अन्ना हजारे के लोकपाल आंदोलन से निकली यह पार्टी आज अपने ही आंतरिक लोकपाल को खत्म करने पर उतारू है।
विवेकानंद विमल
vnvimal5@gmail.com

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