10 पत्थर खदानों को ईसी देने का निर्णय
अब 5 हेक्टेयर से कम क्षेत्र में खनन के लिए पर्यावरण सहमति(ईसी) देने का काम जिला स्तर पर ही हो रहा है। इसके लिए जिला स्तर पर गठित डिया (डिस्ट्रीक्ट इन्वायरमेंट इंपैक्ट एसेसमेंट ऑथरिटी) की गुरूवार को...
अब 5 हेक्टेयर से कम क्षेत्र में खनन के लिए पर्यावरण सहमति(ईसी) देने का काम जिला स्तर पर ही हो रहा है। इसके लिए जिला स्तर पर गठित डिया (डिस्ट्रीक्ट इन्वायरमेंट इंपैक्ट एसेसमेंट ऑथरिटी) की गुरूवार को डीसी राहुल कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में हुई बैठक में कुल 10 पत्थर खदानों को ईसी देने पर निर्णय लिया गया। इसके साथ ही एक ईंट भट्ठा को भी पर्यावरण सहमति दिया जाएगा। बैठक के बाद जिले के डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने दैनिक हिन्दुस्तान को बताया कि बैठक में कुल 13 लंबित मामलों पर चर्चा हुई। इसमें 1 दो मामलों को छोड़कर अधिकांश पर लगभग सहमति बन गई है। अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। कुछ जांच के बाद अंतिम रुप से निर्णय लिया जाएगा। डीसी ने बताया कि ईसी देने का एक भी मामला लंबित नहीं रहेगा या तो स्वीकृत होगा या अस्वीकृत। बता दें कि डिस्ट्रीक्ट इन्वायरमेंट इंपैक्ट एसेसमेंट ऑथरिटी(जिला स्तरीय पर्यावरण समाघात निर्धारण प्राधिकरण) के गठन से पहले खदान,क्रशर या बालू घाटों के पर्यावरण सहमति के लिए व्यावसायियों को रांची की दौड़ लगानी पड़ती थी। रांची में सिया(स्टेट इन्वायरमेंट इंपैक्ट एसेसमेंट ऑथरिटी) से पर्यावरण क्लीयरेंस मिलता था। जब से सरकार ने निर्णय लिया है कि 5 हेक्टेयर से कम क्षेत्र में खनिजों के खनन के लिए पर्यावरण क्लीयरेंस जिला स्तर पर ही मिल जाएगा,पत्थर कारोबारियों की राह आसान हो गई है। दुमका में जिन 12 पत्थर खदानों और एक ईंट भट्ठा पर गुरूवार को डिया की बैठक में विचार किया गया वह करीब चार माह से टल रहा था। डिया में मामले लाने से पूर्व जिला स्तरीय विशेषज्ञ आकलन समिति इस पर विचार कर चुकी थी। गुरूवार की बैठक में सदस्य सचिव सह प्रभारी डीएमओ एसएनपी विद्यार्थी और अन्य सदस्यों ने भाग लिया।
अवैध पत्थर खनन पर लगेगी रोक
पर्यावरण क्लीयरेंस(ईसी) के बिना कोई भी पत्थर खदान नहीं चल सकता है। ईसी के आवेदन पर निर्णय का अधिकार राज्य स्तर पर सिया(स्टेट इन्वायरमेंट इंपैक्ट एसेसमेंट ऑथरिटी) को है। 5 हेक्टेयर से कम क्षेत्र में खनन के लिए पर्यावरण क्लीयरेंस देने के लिए अब जिला स्तर पर डिया(डिस्ट्रीक्ट इन्वायरमेंट इंपैक्ट एसेसमेंट ऑथरिटी) को अधिकृत कर दिया गया है। पत्थर खदानों के पर्यावरण क्लीयरेंस पर निर्णय हो जाने पर दुमका जिला में पत्थर उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और अवैध खनन पर भी अपने आप रोक लग जाएगी।