आईआईटी छात्रों के आईडिया से जीवन होगा आसान
आम लोग दिन-प्रतिदिन के जीवन में कई परेशानियां झेलते हैं। इनका समाधान खोजने के लिए आईआईटी (आइएसएम) व अन्य तकनीकी संस्थानों के छात्र-छात्राएं कुछ नया सोचेंगे। समस्याओं का समाधान कोडिंग और...
आम लोग दिन-प्रतिदिन के जीवन में कई परेशानियां झेलते हैं। इनका समाधान खोजने के लिए आईआईटी (आइएसएम) व अन्य तकनीकी संस्थानों के छात्र-छात्राएं कुछ नया सोचेंगे। समस्याओं का समाधान कोडिंग और प्रोग्रामिंग (हार्डवेयर व सॉफ्टवेयर)के जरिये निकलेंगे। यह सब होगा आईआईटी (आइएसएम) धनबाद में हेकफेस्ट 2017 के आयोजन में।
संस्थान के पेनमेन हॉल में 36 घंटे के लिए 220 छात्र-छात्राएं शुक्रवार की रात 10 बजे बंद हुए। 22 जनवरी को सुबह 10 बजे तक अपने आइडिया को हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर समाधान का रूप देंगे। इस अवधि में सभी विद्यार्थी ऑडिटोरियम में ही रहेंगे। ये सभी 47 टीमों में बंटे हुए हैं। एक टीम में 3 से 5 छात्र-छात्राएं हैं। उनके खाने-पीने की व्यवस्था ऑडिटोरियम में ही की गई है। अगर किसी को कुछ समय के लिए विश्राम करना हो तो कुछ बेड अंदर ही लगाए गए हैं।
इनोवेटिव आइडिया को कराएंगे पेंटेंट : डा. चिरंजीव
आईआईटी आइएसएम के कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष डा. चिरंजीव कुमार ने बतौर मुख्य अतिथ हेकफेस्ट 2017 का उद्घाटन किया। उन्होंने छात्रों से कहा कि अपने आइडिया को धरातल पर उतारें। आम लोगों की परेशानियों को चुनौती के रूप में लेते हुए समाधान खोजें। यह सोचें कि यह 36 घंटे का मैराथन है। मानसिक रूप से मजबूत होकर रिजल्ट दें। इनोवेटिव आइडिया को पेटेंट कराएंगे। प्रधानमंत्री के अभियान डिजिटल इंडिया में अपना सहयोग दें। इसके अनुभव को जीवन भर के लिए यादगार बना लें।
इन संस्थानों के छात्र ले रहे हिस्सा
आईआईटी आइएसएम, एनआईटी पटना, एनआईटी मिजोरम, एनआईटी जमशेदपुर, केमेलिया कॉलेज, आरवीएस इंजीनियरिंग कॉलेज समेत कोलकाता के कई संस्थानों के छात्र भाग ले रहे हैं। आईआईटी आइएसएम के 195 तथा अन्य संस्थनों के 25 छात्र हिस्सा ले रहे हैं। निर्णायक के रूप में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के शिक्षकों के अलावे एटकिंस के सदस्य मौजूद रहेंगे। 22 जनवरी को 36 घंटा पूरा होने के बाद सभी टीम अपना प्रजेंटेशन देगी। एक हजार छात्रों के रजिस्ट्रेशन में से 220 छात्रों का चयन किया गया है। कार्यक्रम के आयोजन में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग सोसाइटी के आदित्य झा, अरविंद, अदृश्य चटर्जी, त्रिसित दत्ता समेत अन्य सदस्य सक्रिय हैं।
आइडिया, जो ला सकते हैं बदलाव
रिजर्वेशन कंफर्म होने का चांस कितना प्रतिशत
छात्रों का एक समूह ऐसा एप तैयार कर रहा है, जो यह बताएगा कि ट्रेन का रिजर्वेशन कंफर्म होगा या नहीं। अभी पीएनआर के माध्यम से स्टेट्स पता चलता है। लेकिन एप, मशीन लर्निंग व लैंग्वेज प्रोसेसिंग के माध्यम से बताएगा कि ट्रेन टिकट के कंफर्म होने का कितना प्रतिशत चांस है। यह डाटा बेस को रीड कर भविष्यवाणी करेगा। अगर यह प्रोजेक्ट सफल साबित हुआ तो आम लोगों की समस्या काफी हद तक दूर हो सकती है।
स्मार्ट हेलमेल लगाएं, जरूरत पड़ने पर देगा मैसेज
आईआईटी के छात्रों ने एक स्मार्ट हेलमेट बनाने का प्रोजेक्ट दिया है। यह अपने आप में अनोखा होगा। छात्रों का कहना है कि आए दिन देखा जाता है कि व्यक्ति वाहन चलाते हुए दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। उस समय वह उस स्थिति में नहीं होते कि परिजनों को फोन कर सूचना दे सकें। दुर्घटना होते ही आसपास के अस्पताल, एंबुलेंस व पहले से सेव परिजनों के इमरजेंसी नंबर पर यह हेलमेट संदेश भेजेगा। इसमें कुछ विशेष उपकरण लगाएं जाएंगे।
एप किसानों को बताएगा फसल की दर
छात्रों ने एक आइडिया किसानों को बिचौलियों से बचाने के लिए दिया है। यह एप सीधे कृषि विभाग से जुड़ा रहेगा। वहां से फसल की वर्तमान दर से लेकर पानी पड़ने, बीज व अन्य जानकारी किसानों को देगा। सबसे अधिक फायदा दर को लेकर होगा। बिचौलिए हावी नहीं होंगे। प्रतिदन के दर की जानकारी देकर किसानों को फसल की वास्तविक दर बताएगा।
शॉपिंग मॉल में बिलिंग के लिए नहीं लगें लाइन
शॉपिंग मॉल में सामान खरीदने के बाद लोगों को लाइन में लगकर बिलिंग करना पड़ता है। लाइन लंबी होने के कारण लोगों को परेशानी होती है। छात्रों ने एक आइडिया शॉपिंग क्यू में नहीं लगने का दिया है। यह एप बताएगा कि कौन सा सामान आसपास के किस मॉल में है। इसकी कीमत कितनी है। वहां पहुंचने पर आप सामान उठाएं। क्यूआर कोड के माध्यम से कार्ड दिखाकर आपकी बिलिंग हो जाएगी। पैसे एकाउंट से कट जाएंगे।
एप बताएगा कि कहां-कहां पर खाना बचा
छात्रों ने एक आइडिया दिया है कि एप के माध्यम से यह जाना जाए कि दिन या रात में कितना खाना कहां बचा हुआ है। आए दिन यह देखा जाता है कि हॉस्टल, बड़े घरों में, होटलों समेत अन्य जगहों पर खाना बच जाता है। एप यह जानकारी देगा। उसके बाद यह खाना जरूरतमंदों को दी जा सकती है।
टोपी नेत्रहीन को बताएगा आगे क्या..
छात्रों का यह आइडिया नेत्रहीन लोगों के जीवन में मददगार साबित हो सकता है। छात्र एक टोपी बनाएंगे। टोपी यह बताएगी कि नेत्रहीन के सामने में क्या है। कैप को एक स्पीकर से जोड़कर तैयार करने की योजना है। इस प्रोजेक्ट पर छात्रों की नजरें टिकी है।
लोकेशन के साथ देगा रिमाइंडर
अभी मोबाइल में समय का रिमाइंडर डालने पर मोबाइल अलर्ट करता है। लेकिन छात्रों के इस एप के माध्यम से आपको लोकेशन के साथ रिमाइंडर मिलेगा। यानी यह रिमाइंडर आपको बताएगा कि आप किसी जगह पर हैं तो वहां से आपको गंतव्य स्थान तक पहुंचने में कितना समय लगेगा।
मदद चाहिए तो चिल्लाएं, आवाज रिकार्ड भी होगी
छात्र एक ऐसा एप तैयार कर रहे हैं जो विशेषकर जरूरत पड़ने पर महिलाओं के लिए यह उपयोगी साबित होगा। फोन के चिल्लाने से यह मैसेज करेगा। साथ ही यह आवाज व अन्य चीजों को रिकार्ड भी करेगा। ताकि समय पड़ने पर आपके लिए प्रूफ का भी काम कर सके।
कंप्यूटर खुद तैयार करेगा म्यूजिक
छात्र एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार कर रहे हैं जिसके माध्यम से कंप्यूटर खुद आर्टिफिशियल म्यूजिक कंपोज करेंगे। उसके बाद उसे स्वयं जांचेगा कि यह ठीक है या नहीं। इसमें क्या सुधार हो सकता है। बड़ी संख्या में लोगों के शौक को यह साफ्टवेयर पूरा कर सकता है।
पर्सनल सिक्यूरिटी सिस्टम बड़े काम का
- छात्र पर्सनल सिक्यूरिटी सिस्टम नामक एक एप तैयार कर रहे हैं। यह आम लोगों के लिए बड़े काम का साबित हो सकता है। यह एप हार्ट अटैक, स्ट्रोक समेत अन्य मौके पर एसएमएस कर सकता है।
फोन के फ्रिंगरप्रिंट से ऑपरेट होगा लैपटॉप
आईआईटी आइएसएम के छात्रों का कहना है कि एक आइडिया फोन के फ्रिंगर प्रिंट से लैपटॉप ऑपरेट करने का है। यानी कि बिना टच किए लैपटाप ऑपरेट किया जा सकता है।