तीसरे मोर्चे पर कांग्रेस में नहीं है स्पष्ट राय
वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं की ओर से फिर यूपीए या कांग्रेस समर्थित तीसरे मोर्चे की सरकार बनने के दावे के बावजूद कांग्रेस में इस पर स्पष्ट राय नहीं है। पार्टी का एक खेमा मानता है कि कांग्रेस को यदि उसके...
वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं की ओर से फिर यूपीए या कांग्रेस समर्थित तीसरे मोर्चे की सरकार बनने के दावे के बावजूद कांग्रेस में इस पर स्पष्ट राय नहीं है। पार्टी का एक खेमा मानता है कि कांग्रेस को यदि उसके नेतृत्व में सरकार बनाने लायक संख्या नहीं मिलती तो विपक्ष में बैठना चाहिए।
रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने यह कहा है कि भाजपा व नरेंद्र मोदी को सरकार बनाने से रोकने के लिए कांग्रेस तीसरे मोर्चे को भी समर्थन दे सकती है। वहीं, पार्टी प्रवक्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने इन अटकलों पर विराम लगाते हुए शनिवार को कहा कि इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। पार्टी में एक बड़ा तबका मानता है कि कांग्रेस को यदि बुरी हार मिलती है तो उसे सरकार बनाने के खेल में शामिल नहीं होना चाहिए। जैसा राजीव गांधी के नेतृत्व में 1989 में किया था।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी रणनीतिकार के मुताबिक पार्टी तभी सरकार बनाने के लिए बढ़ेगी जब उसके व भाजपा के बीच अंतर ज्यादा न हो। इस बारे में वरिष्ठ नेताओं के बयान निजी आकलन हैं। पार्टी ने आधिकारिक तौर पर कुछ तय नहीं किया है।