कालेधन पर आठ नाम उजागर
केंद्र ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में आठ नामों का खुलासा किया जिन्होंने कालाधन विदेशी खातों में जमा कर रखा है। इनमें डाबर समूह के पूर्व निदेशक प्रदीप बर्मन, राजकोट के सर्राफा कारोबारी पंकज लोढ़िया,...
केंद्र ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में आठ नामों का खुलासा किया जिन्होंने कालाधन विदेशी खातों में जमा कर रखा है। इनमें डाबर समूह के पूर्व निदेशक प्रदीप बर्मन, राजकोट के सर्राफा कारोबारी पंकज लोढ़िया, गोवा की खान कंपनी टिंब्लो प्रा. लि. और उसके पांच निदेशक शामिल हैं।
सरकार को ये नाम फ्रांस और अन्य देशों से मिले हैं। शीर्ष अदालत में दाखिल शपथपत्र में सरकार ने कोर्ट को बताया कि ऐसे और नामों को जांच में कर चोरी का पता चलने के बाद खोला जाएगा। वित्त मंत्रालय के संयुक्त सचिव अखिलेष रंजन ने शपथपत्र में कहा कि विदेश में भारतीयों का हर खाता अवैध नहीं है। ऐसे में उनके नाम तब तक नहीं बता सकते जब तक प्रथम दृष्टया यह पता न चले कि उसमें कुछ गैरकानूनी है।
कांग्रेसी नेता घेरे में: सूत्रों ने कहा है कि सरकार चार कांग्रेसी नेताओं की भी कालेधन के मामले में जांच कर रही है। इनमें एक पूर्व केंद्रीय मंत्री भी शामिल है।
ये हैं वो आठ नाम
1. प्रदीप बर्मन (पूर्व निदेशक, डाबर)
2. पंकज लोढ़िया (कारोबारी)
3. टिंब्लो प्रा.लि. (खनन कंपनी)
पांच नाम इस कंपनी के निदेशकों के।
4. राधा टिंब्लो, 5. चेतन टिंब्लो,
6. रोशन टिंब्लो, 7. अन्ना टिंब्लो,
8. मल्लिका आर टिंब्लो
कौन हैं प्रदीप
- 1995 से 1998 तक डाबर इंडिया के निदेशक रहे
- फिलहाल बर्मन समूह के निदेशक हैं
बोले, तब एनआरआई था
मेरा खाता कानूनी है। यह तब खोला था जब मैं एनआरआई था। सारी जानकारी आयकर विभाग को दी है। - प्रदीप बर्मन
कौन हैं राधा
- गोवा की खनन फर्म की सह मालकिन हैं राधा टिंब्लो
- गोवा मिनरल ओर एक्सपोर्ट्स एसोसिएशन की सदस्य
कहा, बाद में बयान दूंगी
सरकार ने शपथपत्र में क्या कहा है, इसका अध्ययन करने के बाद ही मैं कोई स्पष्ट बयान दे सकती हूं।
- राधा टिंब्लो
कौन हैं पंकज
- 1997 में स्थापित श्रीजी ग्रुप के मालिक हैं
- सोना-चांदी का बड़ा कारोबार है पंकज चिमनलाल का
बोले, स्विस खाता नहीं
मैंने आयकर विभाग को पहले ही विवरण दे रखा है। हमारा कोई स्विस खाता नहीं है।
- पंकज चिमनलाल लोढ़िया