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केंद्र बताए मिलावट रोकने को क्या किया: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में पेट्रोल-डीजल में हो रही मिलावट पर चिंता जताई है। कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से पूछा कि उसने मिलावट रोकने के लिए अब तक क्या उपाय किए हैं। केंद्र सरकार छह हफ्ते में...

केंद्र बताए मिलावट रोकने को क्या किया: सुप्रीम कोर्ट
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 26 Aug 2016 10:36 PM
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सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में पेट्रोल-डीजल में हो रही मिलावट पर चिंता जताई है। कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से पूछा कि उसने मिलावट रोकने के लिए अब तक क्या उपाय किए हैं। केंद्र सरकार छह हफ्ते में अपना जवाब दाखिल करेगी।

मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने शुक्रवार को कहा कि पेट्रोलियम मंत्रालय इस ओर ध्यान दे और मिलावट करने वालों पर कार्रवाई करे। पेट्रोलियम मंत्रालय देखे कि मिलावट को कैसे रोका जा सकता है। पीठ ने कहा कि केरोसिन के सस्ता होने के कारण उसे महंगे ईंधन में मिलाने की प्रवृत्ति होती है, लेकिन यह खतरनाक है। दुख की बात यह है कि इस धंधे में प्रभावशाली लोग शामिल हैं, जो इसे रोकने में बाधा बन रहे हैं, मगर इसे रोकना होगा।

सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने कहा कि सरकार एक ऐसी विधि विकसित कर रही है, जिसे पेट्रोल पंपों में डिस्पेंसिंग मशीनों पर लगाया जाएगा। यदि ईंधन मिलावट वाला होगा, तो उसका मार्कर पेट्रोल को गाड़ी में जाने ही नहीं देगा। कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि अगली सुनवाई पर इस विधि का पूरा विवरण कोर्ट में रखें।

विधायक के पेट्रोल पंपों की जांच होगी
हाथरस से सपा के विधायक देवेंद्र अग्रवाल उर्फ मुकेश अग्रवाल के नाम बेनामी पेट्रोल पंपों तथा केरोसिन डिपो की जांच की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय में संयुक्त सचिव से यह जांच करने को कहा है। कोर्ट ने आदेश दिया कि जांच के दौरान जिला प्रशासन तथा राज्य सरकार अधिकारी को पूरा सहयोग करेंगे। अधिकारी यह जांच दो हफ्ते में पूरी करेंगे। मामले की अगली सुनवाई छह हफ्ते बाद होगी।

मुख्य न्यायाधीश जस्टिस टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने यह आदेश शुक्रवार को पूर्व सांसद सीमा उपाध्याय की रिट याचिका पर दिया। उन्होंने आरोप लगाया है कि देवेंद्र अग्रवाल अपने केरोसिन के डिपो का तेल डीजल और पेट्रोल में मिलाकर बेच रहे हैं।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि क्षेत्र में ज्यादातर पेट्रोल पंप उनके खुद के नाम हैं या उनके परिजनों के नाम हैं, जबकि नियमानुसार परिवार के पास एक ही पेट्रोल पंप हो सकता है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि यह गंभीर मामला है और देखा जा रहा है कि पेट्रोल में मिलावट का काम पूरे देश में फैला हुआ है। हालांकि, मिलावट की सबसे ज्यादा 672 शिकायतें यूपी से ही हैं।

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