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पूर्वोत्तर भारत में भयंकर बाढ़ से हजारों प्रभावित, कई लोगों की मौत

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरन रिजिजू ने शनिवार को अरुणाचल प्रदेश के बाढ़ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। अरुणाचल में बाढ़ के कारण तीन लाख लोग प्रभावित हैं। रिजिजू के साथ मुख्यमंत्री पेमा खांडू और...

पूर्वोत्तर भारत में भयंकर बाढ़ से हजारों प्रभावित, कई लोगों की मौत
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 31 Jul 2016 08:26 AM
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केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरन रिजिजू ने शनिवार को अरुणाचल प्रदेश के बाढ़ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। अरुणाचल में बाढ़ के कारण तीन लाख लोग प्रभावित हैं। रिजिजू के साथ मुख्यमंत्री पेमा खांडू और उप मुख्यमंत्री चौना मेन ने भी अरुणाचल के लोहित, नामासी और चांगलांग इलाकों का हवाई दौरा किया। तीनों जिलों में बाढ़ के कारण विस्थापित हुए लोगों के लिए 8० राहत शिविर लगाए गए हैं।

नामासी में 3,5०० हेक्टेयर फसल बाढ़ में डूब गई है और इसके अलावा सड़कें और पुल तथा दूरसंचार अवसंरचनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। नामासी में बाढ़ की समीक्षा के लिए हुई बैठक में मुख्यमंत्री खांडू ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) से बाढ़ राहत के लिए राशि तत्काल आपदा प्रबंधन विभाग को भेज दिया गया है, जहां से इसे बाढ़ग्रस्त जिलों में वितरित कर दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने प्रधान सचिव शकुंतला गैमलिन को भी निर्देश दिए, जो तत्काल राहत एवं पुनर्वास कार्यक्रम की निगरानी के लिए हवाई दौरे पर मुख्यमंत्री के साथ ही थीं। उन्होंने नामासी के उपायुक्त आर. के. शर्मा को भी बाढ़ग्रस्त इलाकों में शिविरों में रह रहे लोगों के लिए राशन की कमी की पूर्ति के लिए उचित उपाय करने के निर्देश दिए।

मेघालय में बाढ़ से 3 मरे, 2 लापता

मेघालय के बाढ़ प्रभावित इलाके में शनिवार को तीन लोग डूब गए और दो अन्य लापता हैं। डूबे लोगों में एक युवती और दो नाबालिग हैं। बाढ़ के कारण हजारों लोग अस्थायी आश्रय गृहों में शरण लिए हुए हैं। गारो हिल्स जिले के जिलाधिकारी प्रवीण बख्शी ने कहा कि बाढ़ का पानी प्रभावित कुछ इलाकों से हालांकि घटना शुरू हो गया है, फिर भी 258 गांवों में एक लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं।

बख्शी ने कहा, ‘‘दो नागालिग -16 वर्षीय किशोर असरफुल हक और आठ वर्षीय लड़की अतुबा बेगम- और 19 वर्षीय शशिदा बीबी की बाढ़ के पानी में डूब जाने से मौत हो गई।’’ उन्होंने कहा कि दो लोग लापता बताए जा रहे हैं, उनका पता लगाने के प्रयास जारी हैं। फुलबारी, राजबाला, सिंगीमारी, पाहम, भेटबारी, और हल्लीदयगंज इलाकों के अंतर्गत आने वाले कई गांव ब्रह्मपुत्र और जिंगीराम नदियों के पानी में डूब गए हैं। बाढ़ के कारण 258 गांवों में 1,21,535 लोग प्रभावित हैं।

नेशनल पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष और तुरा के सांसद कोनराड के. संगमा ने राज्य सरकार से बाढ़ प्रभावितों को आवश्यक उपभोक्ता वस्तुओं और सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। संगमा ने कहा, ‘‘मैंने लगभग सभी बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया है और प्रभावित लोगों का तात्कालिक निवेदन यह था कि खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित किया जाए।’’

विधानसभा अध्यक्ष अबु ताहिर मंडल ने कहा कि सरकार रविवार से प्रभावित लोगों को राहत सामग्री की आपूर्ति शुरू करेगी। वह अपने फुलबारी विधानसभा क्षेत्र में डेरा जमाए हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें चिंता है कि बाढ़ का पानी घटने के साथ ही अगले 1०-15 दिनों में बाढ़ प्रभावित इलाकों में जलजनित बीमारियों का प्रकोप हो सकता है।’’

राजनाथ ने असम को पर्याप्त सहायता का आश्वासन दिया

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बाढ़ की विभीषिका से जूझ रहे पूर्वोत्तर राज्य असम को पर्याप्त सहायता का आश्वासन देते हुए शनिवार को कहा कि राज्य सरकार की मांगों पर केंद्र सरकार जल्द फैसला लेगी। बाढ़ के कारण असम में अब तक 26 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि हजारों लोग विस्थापित हुए हैं। दिन की शुरुआत में असम पहुंचे गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्य के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के साथ बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया।

उन्होंने मोरीगांव जिले में बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए स्थापित भगतगांव शिविर का भी दौरा किया। बाद में राजनाथ ने संवाददाताओं से कहा कि राज्य के कम से कम 28 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। राजनाथ ने कहा, ‘‘मुझे जानकारी मिली है कि असम में बाढ़ के कारण बीते एक सप्ताह में लगभग 26 लोगों की मौत हुई है और राज्य सरकार ने पीड़ितों के परिजनों के लिए चार लाख रुपये की सहायता राशि की घोषणा की है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार असम सरकार को हर तरह की सहायता मुहैया कराएगी। बाढ़ प्रभावित इलाकों में व्यवस्था करने के लिए मैंने असम के मुख्यमंत्री व उनके राज्य के अधिकारियों को बधाई दी है।’’ गृह मंत्री ने कहा कि उन्होंने राज्य सरकार से राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से पर्याप्त मात्रा में धन का इस्तेमाल करने के लिए कहा था। बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों को राहत पहुंचाने के लिए उन्होंने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) तथा सेना के कार्यों की प्रशंसा की।

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