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कलाम को सलाम: कौशल विकास योजना अब कलाम के नाम

कौशल विकास के लिए छात्रों को शिक्षा ऋण देने की योजना अब पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम आजाद के नाम से जाना जाएगा। पूर्व राष्ट्रपति के सम्मान में दिल्ली सरकार ने यह फैसला लिया है। प्रस्ताव को सोमवार को...

कलाम को सलाम: कौशल विकास योजना अब कलाम के नाम
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 28 Jul 2015 07:27 PM
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कौशल विकास के लिए छात्रों को शिक्षा ऋण देने की योजना अब पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम आजाद के नाम से जाना जाएगा। पूर्व राष्ट्रपति के सम्मान में दिल्ली सरकार ने यह फैसला लिया है। प्रस्ताव को सोमवार को विधानसभा से मंजूरी दी गई है। योजना के तहत पहली बार दिल्ली सरकार ने बच्चों को उच्च शिक्षा के पश्चात 10 लाख रुपये का शिक्षा ऋण देने का ऐलान किया था।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि  पूर्व राष्ट्रपति के सम्मान में यह दिल्ली सरकार ने यह फैसला लिया है। सरकार की इस योजना से ऐसे छात्रों को आर्थिक सहायता देने की योजना है, जो आर्थिक कारणों से अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ जाते हैं। सरकार का मानना है कि यह योजना पूर्व राष्ट्रपति को दिल्ली सरकार की तरफ से सच्ची श्रंद्धाजली है। यह पैसा बतौर ऋण होगा और इसकी गारंटी दिल्ली सरकार लेगी। चालू वित्त वर्ष में 30 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

मिसाइल मैन के सम्मान में विधानसभा स्थगित
महिला सुरक्षा के लिए विशेष आयोग बनाने के लिए विधानसभा सदस्यों की राय को भी सम्मलित किया जा सके। इसके लिए सोमवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया था। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम आजाद के सम्मान में विधानसभा को दो मिनट के मौन के पश्चात स्थगित कर दिया गया। विधानसभा में गुरुदासपुर में आंतकी हमले में मारे गए लोगों के लिए भी शोक प्रस्ताव रखे गए। अब विधानसभा के विशेष सत्र को सोमवार को आंमत्रित किया गया है।

क्या बोले नेता
वे सही मायने में एक नेता थे और युवा पीढ़ी का नेतृत्व कर रहे थे। शिक्षा मंत्री होने के नाते उनके मुलाकात करने का अवसर मिला था और उनका मानना था कि  युवाओं को सफल बनाने के लिए कम से कम वर्तमान शिक्षा को पाठ्यक्रम को 50 प्रतिशत तक कम किया जाए। लेकिन यह 25 प्रतिशत कम होता है तो इससे बच्चों को एक साल बच जाएगा। इस आदर्श पर सरकार काम कर रही है और शिक्षाके साथ साथ स्किल्ड डवलमेंट पर जोर दे रही है।
मनीष सिसोदिया, उप मुख्ममंत्री, दिल्ली सरकार।

कलाम साहब हमेशा ही एक शिक्षक के बतौर याद किए जाएंगे। अंतिम सांस तक भी वे अपनी इस भूमिका में सक्रिय थे। धरती को जीने लायक कैसे बनाया जाए, यह कलाम साहब का मिशन था। यह उनकी सफलता का आधार है कि वे हमेशा मानते थे कि लक से कोई काम नहीं होता। इसलिए हर मिशन को उनके नेतृत्व में सफलता मिली है।
विजेंद्र गुप्ता नेता प्रतिपक्ष, विधानसभा।

नियम 90 के तहत लाया गया था प्रस्ताव
महिला सुरक्षा संबंधित प्रावधानों के लिए नियम 90 के तहत प्रस्ताव लाया गया था। इस प्रस्ताव को महिला एंव बाल कल्याण मंत्री द्वारा पेश किया जाना था। इस प्रस्ताव के जरिये सरकार यह प्रस्ताव करने जा रही है कि महिला सुरक्षा संबंधित मामलों में दिल्ली सरकार के पास विशेष आयोग गठित करने का अधिकार मिले। इस प्रस्ताव को पास कर केंद्र सरकार की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।  

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