फोटो गैलरी

Hindi Newsएक्सप्रेस-वे पर मिराज: 15 मिनट में दो बार छुआ रनवे

एक्सप्रेस-वे पर मिराज: 15 मिनट में दो बार छुआ रनवे

विषम परिस्थिति में लड़ाकू विमान की आपात लैंडिंग के लिए गुरुवार की सुबह यमुना एक्सप्रेस वे पर की गई टचडाउन लैंडिंग सफल रही। इस दौरान मिराज ने पंद्रह मिनट में दो बार टच लैंडिंग की। एक्सप्रेस वे पर...

एक्सप्रेस-वे पर मिराज: 15 मिनट में दो बार छुआ रनवे
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 22 May 2015 12:28 PM
ऐप पर पढ़ें

विषम परिस्थिति में लड़ाकू विमान की आपात लैंडिंग के लिए गुरुवार की सुबह यमुना एक्सप्रेस वे पर की गई टचडाउन लैंडिंग सफल रही। इस दौरान मिराज ने पंद्रह मिनट में दो बार टच लैंडिंग की। एक्सप्रेस वे पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था थी। इसे पखरने के लिए वायुसेना के उच्चाधिकारियों का दल पहले ही लैंडिंग स्थल पर पहुंच चुका था।

भारत वायुसेना ने पहली बार लड़ाकू विमान मिराज 2000 के सड़क पर टच लैंडिंग का अभ्यास किया। इसके लिए शासन स्तर से अनुमति लेने के बाद जेपी ग्रुप के अधिकारियों से वार्ता की गई थी। गुरुवार को ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरकर मथुरा के पास यमुना एक्सप्रेस वे सुबह करीब पौने सात बजे टच लैंडिंग हुई। सूत्रों की मानें तो एक्सप्रेस वे पर उतरने से पहले मिराज-2000 के चालक दल ने करीब सौ से डेढ़ सौ मीटर ऊपर से रोड रनवे को परखा। फिर लंबी उड़ान के बाद लैंडिग कराई। इसके बाद दोबारा रिहर्सल करते हुए उसी गति के साथ फिर टच लैंडिंग करते हुए विमान ग्वालियर चला गया। इस दौरान आगरा, मथुरा के पुलिस व प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे। करीब डेढ़ घंटे के लिए एक्सप्रेस वे का संचालन वायुसेना के अफसरों ने अपने हाथों में ले लिया।

पूरे एक्सप्रेस वे पर एयरफोर्स ने इस ऑपरेशन के लिए आगरा एयरबेस के एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम, बर्ड क्लीयेरेंस सिस्टम, रेस्कयू व्हीकल और अन्य जरूरी तंत्र को एक्सप्रेस वे तैनात कर दिया गया था। इस दौरान एसपी देहात अजय कुमार (आईपीएस), सीओ महावन अजय कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट को हाईवे पर डटे रहे।

रात में भी अभ्यास होगा
वायु सेना ने युद्धकाल की आपात परिस्थितियों के दौरान एक्सप्रेस वे के प्रयोग का अभ्यास किया है। वायुसेना आने वाले दिनों में इस तरह का अभ्यास रात के समय भी करेगी। जेपी इंफ्राटेक के चेयरमैन मनोज गौड़ ने बताया कि अभ्यास के लिए वायु सेना ने एक्सप्रेस वे का प्रयोग किया है। वायु सेना के अधिकारी ने बताया कि एयरबेस हमले या दूसरी वजहों के कारण प्रयोग नहीं किए जा सकते।

पहले ही हुआ करार
आगरा। यमुना एक्सप्रेस-वे बनने से पहले ही रोड रनवे के निर्माण का करार एनएचएआई ने जेपी ग्रुप के साथ कर लिया था। जेपी ग्रुप के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने पहले ही इतनी मजबूत सड़क बनाइ कि इस पर फाइटर प्लेन उतर जाएं। आगरा से नोएडा तक 165 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस वे कोतीन साल में तैयार किया गया। एनएचएआई ने जेपी ग्रुप को एक्सप्रेस-वे बनाने से पहले जो डिजायन दिया था, उसमें इस बात का भी उल्लेख था कि इसे बनाते समय रोड रनवे भी तैयार कर लिया जाए। लिहाजा एक्सप्रेस वे का निर्माण रोड रनवे के लिए जरूरी मानकों का पालन करते हुए किया गया था। जेपी ग्रुप के अधिकारियों का कहना है कि रोड रनवे कई तरह के होते हैं। एक तो मालवाहक विमानों को उतारने के लिए होते हैं। इसके अलावा एयरफोर्स के सामान्य विमान और फाइटर प्लेन उतारने के लिए होते हैं।

एक और तैयारी
सामरिक दृष्टि से रोड रनवे बहुत जरूरी है। इसे ध्यान में रखते हुए आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर भी इसे बनाने का निर्णय लिया गया है। आपातकालीन स्थितियों में भारतीय वायु सेना द्वारा इसका बेहतर उपयोग किया जा सकता है। 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें