नेपाल नहीं, मेरी जिंदगी हिल गई है: पदम बहादुर
आंध्रा भवन के हैंडलूम सेंटर पर कार्यरत पदम बहादुर की सांसें अटक सी गई हैं। हर वक्त बस पोखरा, नेपाल में फंसे अपने परिवार पर ध्यान लगा हुआ है। पदम बहादुर बातचीत के दौरान फूट-फूटकर रो पड़े। वह बताते हैं...
आंध्रा भवन के हैंडलूम सेंटर पर कार्यरत पदम बहादुर की सांसें अटक सी गई हैं। हर वक्त बस पोखरा, नेपाल में फंसे अपने परिवार पर ध्यान लगा हुआ है। पदम बहादुर बातचीत के दौरान फूट-फूटकर रो पड़े। वह बताते हैं कि 30 साल हो गए यहां नौकरी करते हुए, कभी इतने बड़े दुख की कल्पना ही नहीं की थी। अब पता नहीं क्या होने वाला है।
उन्होंने बताया कि घर पर बुजुर्ग पिता रिकीराम, पत्नी शोभा देवी, दो बेटियां, बेटे-बहू सब सड़क पर टेंट में रह रहे हैं। हर पल मौत का खतरा मंडरा रहा है। यह दैवीय आपदा है, किसी को दोष भी नहीं दे सकते। ऐसे हालात में भी छुट्टी न मिलने से दिल और बुरी तरह डूबा जा रहा है। मैं इस घड़ी में अपने परिवार के साथ रहना चाहता हूं। वो जिस भी हालात में हैं, मैं उन्हें देखकर जी लूंगा।
अपने घर के हालात बताते हुए पदम कहते हैं कि सुबह मेरी बेटी रंजू का फोन आया था। वह फोन पर रोये जा रही थी। कह रही थी, पापा पता नहीं क्या होगा। परिवार का हाल सुनकर बहुत परेशान हूं। बस, ईश्वर से प्रार्थना कर रहा हूं कि मैंने कभी किसी का बुरा नहीं किया, मेरे साथ कुछ गलत मत करना।