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Hindi Newsयोगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने केजरीवाल पर लगाए बेहद गंभीर आरोप

योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने केजरीवाल पर लगाए बेहद गंभीर आरोप

आम आदमी पार्टी ने अभी पिछले ही महीने दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारी जीत के बाद सरकार बनाई थी और अब उसी पार्टी ने अपने दो महत्वपूर्ण नेताओं -योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को शनिवार को राष्ट्रीय...

योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने केजरीवाल पर लगाए बेहद गंभीर आरोप
एजेंसीSat, 28 Mar 2015 04:02 PM
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आम आदमी पार्टी ने अभी पिछले ही महीने दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारी जीत के बाद सरकार बनाई थी और अब उसी पार्टी ने अपने दो महत्वपूर्ण नेताओं -योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को शनिवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निकाल दिया। पार्टी ने योगेंद्र के समर्थकों -आनंद कुमार और अजीत झा को भी 21 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटा दिया है।

योगेंद्र ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा,"बैठक में लोकपाल को नहीं आने दिया गया। गोपाल राय आनन-फानन में प्रस्ताव ले आए। हमने कहा कि इस पर चर्चा होनी चाहिए तो गोपाल राय ने कान बंद कर लिए और कहा कि लिखकर दीजिये। अभी हम कुछ करते कि मनीष सिसोदिया ने उस पर वोटिंग की शुरुआत करा दी और प्रस्ताव पारित करा लिया गया।"

वहीं प्रशांत ने कहा कि जो लोग केजरीवाल से असमत थे, उन्हें पीटा गया और उन्हें बैठक से निकाल दिया गया। उन्होंने कहा, ''राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में गुंडागर्दी हो रही थी। लोगों को पीटा जा रहा था। बाउंसर बुलाए गए थे। हमने लोकपाल की मांग की और उसे न आने देना दिखाता है कि अवैध वोटिंग कराई गई है।''

योगेंद्र और प्रशांत ने केजरीवाल को एक अराजक व्यक्ति करार दिया और उन पर पार्टी के सिद्धांतों से दूर जाने का आरोप लगाया। दूसरी तरफ आप ने उन पर दिल्ली चुनाव में पार्टी को हराने की कोशिश का आरोप लगाया है।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में करीब 300 लोग मौजूद थे, जहां दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने योगेंद्र और प्रशांत को हटाने का प्रस्ताव पेश किया। प्रस्ताव के साथ ही 2012 में अस्तित्व में आई पार्टी के दो प्रमुख संस्थापक सदस्य राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटा दिए गए।

आप के कई कार्यकर्ता भी बैठक स्थल के बाहर मौजूद थे। जिनके हाथों में योगेंद्र और प्रशांत के विरोध में लिखी तख्तियां मौजूद थीं और उनका कहना था कि वे पार्टी के हित में वहां आए हैं। एक तख्ती पर लिखा था, 'एकजुट रहें' और दूसरे पर लिखा था 'अरविंद केजरीवाल हम आपके साथ हैं।'

योगेंद्र ने इससे पहले बैठक के दौरान उन्हें हटाने के लिए सही तरीके से वोटिंग न कराने का दावा किया था। उन्होंने कहा, "यह लोकतंत्र की हत्या है। सदस्यों और आगंतुकों में कोई अंतर नहीं था। मनीष ने घोषणा की कि उनके पास 160 लोगों के हस्ताक्षर सहित अर्जी है। न कोई वोटिंग हुई, न बहस।"

योगेंद्र ने कहा, "वहां कई लोग इसका विरोध कर रहे थे। उन्हें एक बार मौका भी नहीं दिया गया। यह लोकतंत्र का माखौल है।"

सर्वोच्च न्यायालय के वकील प्रशांत ने दावा किया कि बैठक की पटकथा पहले से तैयार कर ली गई थी। प्रशांत ने कहा, "जो कुछ हुआ, वह पूर्व नियोजित था। ऐसा लगता है कि सबकुछ पहले से लिखा गया था।"

आप के एक नेता संजय सिंह ने बैठक के दौरान हुई मारपीट से इंकार किया। उन्होंने बैठक के बाद मीडिया से कहा, "कोई हिंसा नहीं हुई। किसी को कोई चोट नहीं आई।"

योगेंद्र और प्रशांत ने पांच मांगों -पार्टी के अंदर पारदर्शिता, पार्टी की स्थानीय इकाइयों को स्वायत्तता, भ्रष्टाचार की जांच के लिए लोकपाल, आप के अंदर आरटीआई के इस्तेमाल और मुख्य मामलों में गुप्त मतदान- पर जोर दिया।

दिल्ली में सरकार बनाने के बाद से ही आप आंतरिक कलह से जूझ रही है और योगेंद्र तथा प्रशांत केजरीवाल के खिलाफ खड़े हो गए हैं। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आनंद कुमार ने कहा कि वे पार्टी नहीं छोड़ेंगे।

उन्होंने कहा, "केजरीवाल ने कहा कि हमने चुनाव में गड़बड़ी की, और सदस्यों से पूछा कि हमें बाहर किया जाना चाहिए या नहीं। लेकिन उन्होंने हमें बोलने नहीं दिया।"

आनंद ने कहा, "हम पार्टी से बाहर नहीं हैं। हम न पार्टी छोड़ेंगे न तोड़ेंगे। यह कार्यकर्ताओं की पार्टी है।"

उन्होंने कहा कि योगेंद्र के एक समर्थक मारपीट के दौरान घायल हुए हैं।

यादव, भूषण के खिलाफ 247 सदस्यों का समर्थन : आप

आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव सहित दो अन्य सदस्यों को निष्कासित करने के लिए पेश प्रस्ताव का 247 सदस्यों ने समर्थन किया। पार्टी ने शनिवार को यह बात कही। आप के राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता ने कहा कि आठ सदस्यों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया, जबकि दो सदस्यों ने लिखित असहमति दी।

उन्होंने आगे कहा कि 54 सदस्य मतदान प्रक्रिया से दूर रहे और उनमें से कई सदस्य मतदान से पहले ही बैठक छोड़ कर चले गए। इस बैठक में 300 से अधिक सदस्यों ने हिस्सा लिया। पार्टी प्रवक्ता संजय सिंह ने इस बात से इंकार किया कि यादव के समर्थकों से किसी तरह की हाथापाई हुई।

सिंह ने कहा कि जब केजरीवाल बोल रहे थे, उस समय राष्ट्रीय परिषद के सदस्य रमजान चौधरी चिल्ला रहे थे। बैठक में किसी ने लड़ाई नहीं की। इससे पहले, यादव और उनके समर्थकों ने बैठक में समर्थकों की पिटाई होने का दावा किया था।

रामदास से कहा गया था: ना हों बैठक में शामिल

आम आदमी पार्टी की महत्वपूर्ण राष्ट्रीय परिषद की बैठक में शामिल न होने के लिए कहे जाने के बाद आज पार्टी के आंतरिक लोकपाल एड़मिरल एल रामदास ने पार्टी के नाम एक पत्र भेजा है। रामदास से कहा गया था कि किसी तरह के विवाद से बचने के लिए वे बैठक में शामिल नहीं हों।

आप की राष्ट्रीय परिषद की बैठक आज सुबह कापसहेड़ा के एक रिजॉर्ट में थी। योगेंद्र यादव ने राष्ट्रीय परिषद की बैठक से पहले सोशल मीडिया पर यह पत्र सार्वजनिक कर दिया।

बैठक स्थल के बाहर हुआ हाईवोल्टेज ड्रामा

आप की राष्ट्रीय परिषद की बैठक आज बवाल के बीच शुरू हुई जब योंगेंद्र यादव ने परिषद के कुछ सदस्यों को भीतर आने की अनुमति नहीं देने का दावा किया और वह परिसर के बाहर धरने पर बैठ गए। इस बीच बैठक परिसर के भीतर और आस पास बड़ी संख्या में एकत्र हुए पार्टी स्वयंसेवकों के एक बड़े वर्ग ने यादव के खिलाफ लगातार नारेबाजी की।

पार्टी के असंतुष्ट नेताओं यादव और प्रशांत भूषण के अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी इस बैठक में पहुंचे जो दिल्ली के कापसहेड़ा स्थित कैलिस्टा रिसार्ट में हुई। रिसार्ट के चारों ओर पुलिस और आरएएफ का भारी बल तैनात किया गया था और एनसी सदस्यों को काउंटर पर पंजीकरण के बाद भीतर आने की इजाजत दी जा रही थी। जो सदस्य पहचान, मोबाइल नंबर और निमंत्रण का एसएमएस नहीं दिखा पाए, उन्हें भीतर नहीं आने दिया गया।

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