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मिश्र के हत्यारों को फांसी की सजा की मांग ठुकराई

पूर्व रेल मंत्री ललित नारायण मिश्र व दो अन्य लोगों की हत्या के मामले  में कड़कड़डूमा कोर्ट ने सभी चार दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई पर उन्हें फांसी देने से इनकार कर दिया। सीबीआई की मांग...

मिश्र के हत्यारों को फांसी की सजा की मांग ठुकराई
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 18 Dec 2014 10:16 PM
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पूर्व रेल मंत्री ललित नारायण मिश्र व दो अन्य लोगों की हत्या के मामले  में कड़कड़डूमा कोर्ट ने सभी चार दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई पर उन्हें फांसी देने से इनकार कर दिया। सीबीआई की मांग ठुकराते हुए अदालत ने कहा है कि यह हत्याकांड रेयरेस्ट ऑफ रेयर की श्रेणी में नहीं है। सीबीआई ने आरोपियों को  फांसी की सजा देने की मांग की थी।

बिहार के समस्तीपुर रेलवे स्टेशन पर 39 साल 11 महीना 16 दिन पहले नई रेल लाइन के उद्घाटन समारोह के दौरान हुए बम विस्फोट में मिश्र की मौत हो गई थी। धमाके में मिश्र के अलावा दरभंगा से तत्कालीन विधान परिषद सदस्य सूर्य नारायण झा और रेलवे के एक क्लर्क राम किशोर प्रसाद सिंह की मौत हो गई थी। कड़कड़डूमा स्थित जिला न्यायाधीश विनोद गोयल ने खचाखच भरी अदालत में गुरुवार को 66 वर्षीय रंजन द्विवेदी के अलावा आनंद मार्ग के सदस्य संतोषानंद अवधूत, सुदेवानंद अवधूत और गोपालजी को उम्रकैद की सजा सुनाई।

दोषियों ने इस आधार पर की थी नरमी बरतने की छूट
संतोषानंद अवधूत : 75 वर्षीय संतोषानंद अवधूत ने अपनी उम्र और इसके चलते होने वाली विभिन्न बीमारियों का हवाला देकर सजा देने में नरमी बरतने की मांग की थी। संतोषानंद ने खुद को भिक्षु बताने के साथ-साथ अपनी शिक्षा का भी सहारा लिया। साथ ही कहा कि वह पिछले चार दशक से मुकदमे की सुनवाई का समाना कर रहा है।

सुदेवानंद अवधूत : 79 वर्षीय सुदेवानंद अवधूत ने भी सजा में नरमी में बरतने के लिए अपनी उम्र और बीमारी का हवाला दिया। कहा कि हाल ही में धमनी में रक्त प्रवाह बंद होने से तिहाडम् जेल ने उसे जी.बी. पंत अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उनकी एंजियोप्लास्टी की गई। उसने इलाज से जुडम्े दस्तावेज भी पेश किए थे।

रंजन द्विवेदी : 66 वर्षीय रंजन द्विवेदी ने कहा कि वह पिछले चार दशक से मुकदमे का सामना कर रहा है और उसे ब्रेन स्ट्रोक हुआ है। हालांकि द्विवेदी ने कहा कि वह अदालत से सजा में किसी तरह की नरमी का गुहार नहीं लगाएंगे।

गोपाल जी : 75 वर्षीय गोपालजी ने सजा में नरमी बरतने के लिए अपने परिवार की आजीविका का हवाला दिया। उसने कहा कि परिवार में वह अकेला कमाने वाला है इसलिए सजा में नरमी बरती जाए। साथ ही कहा कि उनकी बेटी भी शादी योग्य है और इस बात का भी ख्याल रखा जाए।

200 से अधिक गवाहों के बयान दर्ज
अदालत में तत्कालीन रेल मंत्री मिश्र व अन्य की हत्या के इस मामले में कुल 200 से अधिक गवाहों के बयान दर्ज किए गए थे। इनमें बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र की भी गवाही हुई है। इस मामले में अभियोजन पक्ष के 161 और बचाव पक्ष के 40 से अधिक गवाह शामिल थे।

जगन्नाथ मिश्र भी हुए थे घायल
समस्तीपुर रेलवे स्टेशन पर हुए विस्फोट में एलएन मिश्र के भाई जगन्नाथ मिश्र सहित 27 लोग घायल हो गए थे। इनमें राम भगत पासवान, दरभंगा रेंज के तत्कालीन पुलिस उप महानिरीक्षक बी.एन. प्रसाद सहित 7 लोग गंभीर रूप से जख्मी थे। जबकि 20 मामूली रूप से घायल हुए थे।

घटनाक्रम
2 जनवरी, 1975: समस्तीपुर रेलवे स्टेशन पर समारोह के दौरान बम विस्फोट में घायल, अगले दिन तत्कालीन रेल मंत्री एल. एन. मिश्र की मौत
1 नवंबर 1977: सीबीआई ने पटना की विशेष अदालत में अरोप पत्र दाखिल किया
17 दिसंबर 1979: तत्कालीन अटार्नी जनरल की मांग पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मुकदमे की सुनवाई दिल्ली स्थानांतरित
1981: आरोपियों पर मुकदमा चलाने के लिए अभियोग तय
सितंबर 2012: अंतिम बहस शुरू
12 सितंबर 2014: कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
08 दिसंबर, 2014: चारों आरोपियों को दोषी ठहराया।
15 दिसंबर, 2014: सजा सुनाने के लिए बहस पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था।
18 दिसंबर, 2014: दोषियों को उम्रकैद की सजा

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