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यौन अपराधों के खिलाफ शहर बंद पर मिश्रित प्रतिक्रिया

महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बढ़ते यौन अपराधों के खिलाफ कन्नड़ संगठनों द्वारा देश के आईटी हब में आज बुलाए गए 12 घंटे के बंद पर मिलीजुली प्रतिक्रिया हुई है।      कई इलाकों में...

यौन अपराधों के खिलाफ शहर बंद पर मिश्रित प्रतिक्रिया
एजेंसीThu, 31 Jul 2014 12:25 PM
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महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बढ़ते यौन अपराधों के खिलाफ कन्नड़ संगठनों द्वारा देश के आईटी हब में आज बुलाए गए 12 घंटे के बंद पर मिलीजुली प्रतिक्रिया हुई है।
    
कई इलाकों में व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे जबकि बंगलुरु मेट्रोपोलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन द्वारा संचालित बसें चलीं लेकिन इनमें सफर करने वाले यात्रियों की संख्या कम ही रही। ऑटोरिक्शा वालों का एक वर्ग भी सड़कों से दूर रहा।
    
सरकारी कार्यालयों और बैंकों में काम होता रहा जबकि अधिकतर शैक्षणिक संस्थानों ने छुट्टी की घोषणा कर दी थी।
    
जरूरी सेवाएं सामान्य तौर पर संचालित रहीं क्योंकि वे कन्नड आकूटा (संघ) द्वारा बुलाए गए बंद से बाहर रखी गई थीं। यह संस्था विभिन्न कन्नड़ संगठनों का एक संघ है। वी नागराज के नेतृत्व वाले इस संघ ने सुबह से लेकर शाम तक के लिए बंद का आहवान किया और यौन अपराध करने वालों के लिए कड़ी सजा की भी मांग की।
    
कुछ शॉपिंग मॉल भी बंद रहे और कई सिनेमा थियेटरों ने भी सुबह के शो रद्द कर दिए। पुलिस और केंद्रीय बलों के साथ सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। शहर की गश्त करने वाली और संवेदनशील इलाकों पर करीबी नजर रखने वाली पुलिस ने कहा कि किसी भी अप्रिय घटना की खबर नहीं है।
   
यह बंद छह साल की बच्ची के साथ विबग्योर हाई स्कूल में हाल ही में हुए कथित सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद लोगों में उपजे रोष के बाद बुलाया गया है। घटना से गुस्साए लोग सड़कों पर उतरे और सरकार एवं पुलिस की भारी आलोचना की गई।
   
विभिन्न कन्नड़ संगठनों ने शहर के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन किए, नारे लगाए और बलात्कारियों को फांसी देने की मांग करने वाली तख्तियां दिखाईं। शहर में हाल ही में हुई बलात्कार की घटनाओं का शिकार 22 वर्षीय वह महिला भी बनी, जो कार में अपने दोस्त के साथ बैठी थी। इसके अलावा पादरियों की शिक्षण संस्था में 15 वर्षीय नन के साथ बलात्कार की घटना के कारण भी जनता में गुस्सा भड़क गया। इन घटनाओं को देखते हुए शहर में महिलाओं की सुरक्षा से जुड़ी चिंताएं बढ़ रही हैं।
   
लोगों के गुस्से का सामना कर रही पुलिस ने बच्चों की सुरक्षा की लिए स्कूलों को कड़े दिशानिर्देश जारी किए हैं और सरकार ने यौन अपराधों को गुंडा एक्ट के तहत लाने के लिए इस कानून को कड़ा किया है।

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