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दिल्ली में लश्कर-ए-तैयबा का शीर्ष आतंकी सुभान गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने लश्कर-ए-तैयबा के एक आला सदस्य को गिरफ्तार किया है, जो कथित तौर पर युवकों का मन बदलकर उन्हें भर्ती करने और देशभर में आतंकवादी हमलों की साजिश रचने तथा उन्हें अंजाम देने में शामिल रहा...

दिल्ली में लश्कर-ए-तैयबा का शीर्ष आतंकी सुभान गिरफ्तार
एजेंसीTue, 29 Jul 2014 08:54 AM
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दिल्ली पुलिस ने लश्कर-ए-तैयबा के एक आला सदस्य को गिरफ्तार किया है, जो कथित तौर पर युवकों का मन बदलकर उन्हें भर्ती करने और देशभर में आतंकवादी हमलों की साजिश रचने तथा उन्हें अंजाम देने में शामिल रहा है।
   
आधिकारिक सूत्रों ने आज बताया कि अब्दुल सुभान को पिछले सप्ताह सराय काले खां बस स्टैंड से गिरफ्तार किया गया था और पूछताछ के दौरान उसने राजस्थान, हरियाणा तथा बिहार के युवकों की सोच बदलकर उन्हें प्रभावित करने के बारे में खुलासा किया। उसका नाम हरियाणा के मेवात जिले के रहने वाले दो आरोपियों मोहम्मद शाहिद और कारी राशिद से पूछताछ के दौरान सामने आया था।
   
सूत्रों ने बताया कि इन दोनों ने बताया कि सुभान लश्कर-ए-तैयबा की तरफ से भर्ती करता था। उसकी गिरफ्तारी के लिए व्यापक तलाश शुरू कर दी गयी। सूत्रों ने कहा कि कड़ियों को जोड़ा गया और पता चला कि 2013 में लश्कर-ए-तैयबा के पाकिस्तान के आतंकवादी ने राजस्थान और हरियाणा के कुछ फोन नंबरों पर बात की थी और राष्ट्रीय राजधानी में आतंकवादी हमले को अंजाम देने की साजिश पर बातचीत का पता चला।
   
इन नंबर से बात करने वाला शख्स लगातार दिल्ली आता रहता था जिसके बाद सघन तलाशी अभियान छेड़ा गया और मेवात जिले के गुमत बिहारी गांव के 42 वर्षीय सुभान की गिरफ्तारी की जा सकी। उसकी गिरफ्तारी और पूछताछ से दिल्ली पुलिस तथा केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को दिल्ली और आसपास के इलाकों तथा देश के अन्य हिस्सों में हमले करने की लश्कर-ए-तैयबा की साजिश का खुलासा करने में मदद मिली।

सुभान देश में आतंक के इतिहास में नया नाम नहीं है। उसे इससे पहले गुजरात के पाटन जिले में एक ट्रक में आरडीएक्स, एके 56 राइफलें, पिस्तौलें, डेटोनेटर, टाइमर और विस्फोटक सामग्री के साथ गिरफ्तार किया गया था। उसे बाद में सीबीआई अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था।
    
उसे बाद में एक अदालत ने 10 साल के कारावास की सजा सुनाई थी। हालांकि सुभान के अच्छे व्यवहार के कारण उसे 2010 में साबरमती जेल से आठ साल का कारावास पूरा करने पर रिहा कर दिया गया था। रिहाई के बाद सुभान कथित रूप से और घातक हो गया और जेल में रहने के उसके अनुभव से उसे आतंक की दुनिया में मदद मिली।
    
वह पाकिस्तान में बैठे लश्कर-ए-तैयबा के उसके आकाओं के इशारे पर अपने क्षेत्र से अपनी तरह के लोगों को आतंक के रास्ते पर लाने का कथित रूप से काम करता था। सूत्रों ने आरोप लगाया कि सुभान अपने क्षेत्र में मस्जिदों और धार्मिक कार्यक्रमों में गया और सही समय पर वह लश्कर के कट्टर आतंकवादी की अपनी पहचान सार्वजनिक करता और अपने प्रभाव से वह कुछ लोगों को आतंकी संगठन में शामिल करने में सफल रहा।

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