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सीसैट मामले पर सड़क से लेकर संसद तक मचा हंगामा

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों की ओर से विरोध-प्रदर्शन तेज किए जाने के बाद केंद्र सरकार ने आज कहा कि वह यूपीएससी की परीक्षा में...

सीसैट मामले पर सड़क से लेकर संसद तक मचा हंगामा
एजेंसीSat, 26 Jul 2014 08:17 AM
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संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों की ओर से विरोध-प्रदर्शन तेज किए जाने के बाद केंद्र सरकार ने आज कहा कि वह यूपीएससी की परीक्षा में भाषा के आधार पर किसी से नाइंसाफी नहीं होने देगी। इस मुद्दे पर आज संसद भवन में भारी हंगामा हुआ और विपक्ष ने सरकार से इस समस्या के समाधान की स्पष्ट समयसीमा बताने की मांग क ।
    
केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने संसद में कहा कि सरकार पूरी गंभीरता और संवेदनशीलता से इस मुद्दे पर विचार कर रही है और इस बाबत गठित तीन सदस्यों वाली एक समिति से आज फिर कहा गया कि वह एक हफ्ते के रिपोर्ट अपनी रिपोर्ट सौंपे।
    
जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में कहा कि सरकार भाषा के आधार पर किसी छात्र से नाइंसाफी होने देने के पक्ष में नहीं है। विपक्ष ने जब मांग की कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री या सदन के नेता स्पष्टीकरण दें, इसके बाद सदन प्रश्नकाल के दौरान दो बार स्थगित करना पड़ा।
    
कमोबेश हर पार्टी के सदस्यों ने इस मसले को सुलक्षाने के लिए एक समयसीमा की मांग की और यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में हिंदी तथा अन्य भारतीय भाषाओं को माध्यम बनाकर परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों की सफलता दर में भारी गिरावट आने पर चिंता जताई।
    
संवाददाताओं से बातचीत में जितेंद्र सिंह ने यह कहते हुए छात्रों से संयम बरतने की अपील की कि सरकार और प्रधानमंत्री प्रदर्शनकारी छात्रों से कहीं ज्यादा चिंतित हैं और वे एक संतोषजनक समाधान तलाशने की कोशिश में हैं। जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने राज्यसभा में कहा कि यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में भारतीय भाषाओं को माध्यम बनाकर परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों से भेदभाव हो रहा है। सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह ने लोकसभा स्पीकर से इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की।

प्रदर्शनकारी छात्र यूपीएससी सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा के दूसरे प्रश्न-पत्र सिविल सर्विसेज एप्टीटयूड टेस्ट (सीसैट) के विरोध में हैं। उनका कहना है कि इससे अंग्रजी माध्यम के छात्रों को अनुचित फायदा मिल रहा है, जबकि हिंदी और क्षेत्रीय भाषा माध्यम के अभ्यर्थियों को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। उनकी मांग है कि सीसैट को खत्म किया जाए।
    
यूपीएससी के खिलाफ नारेबाजी कर रहे प्रदर्शनकारी छात्रों को संसद तक मार्च करने से रोक दिया गया। छात्रों का प्रदर्शन कल उस वक्त तेज हो गया था, जब यूपीएससी ने 24 अगस्त को होने वाली प्रारंभिक परीक्षा के एड़मिट कार्ड जारी कर दिए। प्रदर्शनकारी छात्रों ने जब संसद की तरफ मार्च करने की कोशिश की, तो पुलिस ने उन्हें एहतियात के तौर पर हिरासत में ले लिया।
    
उत्तर दिल्ली के मुखर्जी नगर से सटे गांधी विहार और वजीराबाद इलाके में कल रात प्रदर्शनकारी छात्रों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी। प्रदर्शनकारी छात्रों को आज केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशन के बाहर रोक लिया गया और वहां से उन्हें संसद मार्ग थाने ले जाया गया।
    
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हमने करीब 150 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है। जरूरत पड़ने पर आवश्यक एहतियाती कार्रवाई की जाएगी। दो मेट्रो स्टेशनों- केंद्रीय सचिवालय और उद्योग भवन को कुछ देर के लिए बंद रखा गया, ताकि प्रदर्शनकारियों को संसद भवन के पास पहुंचने से रोका जा सके।
    
प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि सिविल सेवा परीक्षा का मौजूदा पैटर्न ऐसे अभ्यर्थियों के लिए नुकसानदेह है, जिनकी अंग्रजी अच्छी नहीं है। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, हमें पहले भी भरोसा दिलाया गया था पर हुआ कुछ नहीं। कल हमें एड़मिट कार्ड जारी कर दिया गया और अब 24 अगस्त को हमारी परीक्षा है। हम चाहते हैं कि तुरंत कुछ किया जाए।

क्यूं हुआ हंगामा

ये पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब यूपीएससी ने 24 अगस्त को होने वाली परीक्षा में बैठने वाले छात्रों को गुरुवार से एडमिट कार्ड जारी करना शुरू कर दिया था। एडमिट कार्ड जारी होने से नाराज छात्रों ने दिल्‍ली के बुराड़ी इलाके में सड़कों पर उतर आये। केंद्र सरकार के रुख से नाराज यूपीएससी प्रवेश परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों ने हिंसक रूप धारण कर लिया। गुस्साए छात्रों ने पुलिस की पीसीआर वैन समेत 2 गाड़ियों को आग लगा दी। छात्रों का आरोप है कि सरकार ने यूपीएससी प्रवेश परीक्षा के पैटर्न में बदलाव का भरोसा दिया था, लेकिन वो अपने वादे से पलट गई। यूपीएससी ने छात्रों को प्री-परीक्षा के एडमिट कार्ड भेज दिए।

गुरुवार शाम दिल्ली के मुखर्जी नगर में अचानक छात्र भड़क उठे। यूपीएससी छात्रों और पुलिस के बीच झड़प हुई जिसमें कम से कम 10 पुलिसकर्मी घायल हो गए।
     
संयुक्त पुलिस आयुक्त संदीप गोयल के अनुसार, घटना रात करीब साढ़े आठ बजे उस समय हुई जब करीब 500 से 700 प्रदर्शनकारियों ने सिविल सेवा एप्टीटयूड परीक्षा (सीसैट) समाप्त करने की मांग को लेकर मुख्य राजमार्ग बाईपास रोड बंद करने का प्रयास किया।
     
गोयल ने कहा कि पुलिस की एक जीप को आग लगा दी गई। इस घटना में कुछ बाइक और कारों के साथ ही एक रोडवेज बस आंशिक तौर पर जला दी गई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को मुख्य सड़क से तितर बितर करने के लिए बल प्रयोग किया।
    
उन्होंने कहा कि इस घटना में कम से कम 10 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज भी किया। पुलिस उपायुक्त (उत्तर) मधुर वर्मा ने कहा कि मार्ग पर डेरा डाले कुछ कांवड़ियों ने प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने में पुलिस की मदद की।
      
पुलिस ने 20 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है और उन पर दंगा करने, सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने, सरकारी कर्मचारियों को कर्तव्य निर्वहन से रोकने और हमला करने का आरोप लगाया है। दिल्ली दमकल सेवा के अनुसार आठ बजकर 50 मिनट पर पुलिस की एक जीप को आग लगाये जाने की सूचना मिली जिसके बाद दमकल की दो गाड़ियों को मौके पर रवाना किया गया।
      
पुलिस ने बताया कि स्थिति अब नियंत्रण में है और मार्ग पर यातायात की अनुमति दी जा चुकी है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि झड़प के मामले में हिरासत में लिए गए लोगों को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया।

क्या है छात्रों की मांग

यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने वाले हिंदी भाषी छात्र पिछले कई दिनों से इस परीक्षा के बदले हुए पैटर्न को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इन छात्रों की मांग है कि सी-सैट यानी सिविल सर्विसेज एप्टिट्यूड टेस्ट को खत्म कर  पुराने पैटर्न लागू कर दिया जाये। इन छात्रों का कहना है कि सी-सैट के आने से हिंदी भाषी छात्रों के लिए परीक्षा पास करना काफी मुश्किल हो जाएगा। अंग्रेजी को पास करने की अनिवार्यता हिंदी भाषी छात्रों के लिए रोड़े अटका रही है।

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