महाराष्ट्र चुनाव से पहले कांग्रेस ने की विदर्भ की मांग
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले विदर्भ की मांग जोर पकड़ने लगी है। अभी तक विदर्भ की मांग से दूरी बनाए रखने वाली कांग्रेस भी अब विदर्भ की लड़ाई में कूद गई है। कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री...
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले विदर्भ की मांग जोर पकड़ने लगी है। अभी तक विदर्भ की मांग से दूरी बनाए रखने वाली कांग्रेस भी अब विदर्भ की लड़ाई में कूद गई है। कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री विलास मुत्तेमवार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर विदर्भ राज्य के गठन पर गंभीरता से विचार करने की अपील की है।
विलास मुत्तेमवार ने अपने पत्र में लोकसभा चुनाव में हार के लिए पार्टी की विदर्भ राज्य के गठन के विरोध को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि इस क्षेत्र में कांग्रेस लोकसभा और विधानसभा में काफी सीट पर जीत दर्ज कराती थी। पर लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने विदर्भ की मांग का समर्थन किया, इसलिए लोगों ने साथ दिया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री का कहना है कि कांग्रेस को लोकसभा में मजबूती के साथ विदर्भ की मांग को उठाते हुए मोदी सरकार को संसद में विधेयक लाने के लिए मजबूर करना चाहिए। विलास मुत्तेमवार का कहना है कि कांग्रेस को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी विदर्भ के गठन को मुद्दा बनाना चाहिए। ताकि, इस क्षेत्र में लोगों का समर्थन मिल सके।
विलास मुत्तेमवार ने 18 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखकर विदर्भ राज्य के गठन की याद दिलाई है। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि 1996 में भाजपा ने भुनेश्वर सम्मेलन में नए राज्यों के गठन की मांग पर विचार करने का वादा किया था। 2000 में तत्कालीन एनडीए सरकार ने छत्तीसगढ़, झारखंड और उत्तराखंड का गठन किया, पर विदर्भ का गठन नहीं किया। लोकसभा चुनाव में एक बार फिर भाजपा ने विदर्भ के गठन का वादा किया है। इसलिए, जल्द राज्य का गठन किया जाना चाहिए।