विधायिका के कार्यदिवस को बढ़ाया जा सकता है: राष्ट्रपति
संसद और राज्य की विधानसभाओं में हंगामे की वजह से बार-बार बाधा उत्पन्न होने से नाराज राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को कहा कि विधायिका बैठक के कार्यदिवसों को बढ़ा सकती...
संसद और राज्य की विधानसभाओं में हंगामे की वजह से बार-बार बाधा उत्पन्न होने से नाराज राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को कहा कि विधायिका बैठक के कार्यदिवसों को बढ़ा सकती है जिससे विधायी कार्य समय पर संपन्न हो सकें।
मुखर्जी यहां तमिलनाडु विधानसभा के हीरक जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संसदीय लोकतंत्र का मूल सिद्धांत है कि बहुमत शासन करेगा और अल्पमत विरोध और प्रकट करेगा।
विधायिका द्वारा बजट और योजनागत प्रस्तावों पर चर्चा के लिए पर्याप्त समय नहीं देने पर मुखर्जी ने कहा कि कोई भी संसद अथवा विधानसभा को साल में छह महीने कार्य करने से नहीं रोकता।
उन्होंने कहा कि भारत के पहले बजट का आकार 293 करोड़ रुपये था लेकिन जब वह वित्त मंत्री थे तब उन्होंने 1० खरब रुपये का बजट पेश किया था।
मुखर्जी ने कहा कि बजट पर चर्चा का समय लगातार घटता जा रहा है।