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सहारनपुर में कर्फ्यू हटाते ही मची भगदड़

सहारनपुर में दंगे के छह दिन बाद आज प्रशासन ने पूरे शहर से कर्फ्यू हटाया। कर्फ्यू हटाते ही बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर निकल आए। गुरुद्वारा के पास छोटी मस्जिद के आसपास बड़ी संख्या में भीड़ इकट्ठी हो...

सहारनपुर में कर्फ्यू हटाते ही मची भगदड़
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 31 Jul 2014 12:50 PM
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सहारनपुर में दंगे के छह दिन बाद आज प्रशासन ने पूरे शहर से कर्फ्यू हटाया। कर्फ्यू हटाते ही बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर निकल आए। गुरुद्वारा के पास छोटी मस्जिद के आसपास बड़ी संख्या में भीड़ इकट्ठी हो गई।

कुतुबशेर थाने के पास युवकों ने नारेबाजी कर दी। रैपिड ऐक्शन फोर्स ने नारेबाजी कर रहे युवकों को दौड़ा लिया, जिसके बाद पूरे शहर में भगदड़ मच गई। सभी दुकानें तुरंत बंद होने लगीं। पूरे शहर में फिर अफरातफरी का माहौल है। दंगे के बाद आज पहली बार पूरे शहर में शाम तक कर्फ्यू में ढील दी गई थी।

इससे पहले बुधवार को लग रहा थी कि 26 जुलाई की हिंसा के बाद सहारनपुर शहर शांति की राह पर लौटने लगा है। नए और पुराने शहर में पांच-पांच घंटे कर्फ्यू में ढील दी गई। इस दौरान कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं आयी थी। दूसरी ओर भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने गुरुद्वारा में जाकर स्थिति का जायजा लिया। सपा नेता भी शहर में अमन के लिए जुट गए हैं।

हिंसा की आग में झुलसा शहर अब पुरानी रंगत में लौटने लगा है। कर्फ्यू के पांचवें दिन प्रशासन ने पहले नए शहर में सुबह 8.30 बजे से अपराह्न 1.30 बजे तक छूट दी। इस दौरान नए शहर का लगभग 80 फीसदी बाजार खुला। व्यापारियों में भी कुछ विश्वास भी जगा है। लोग अपनी जरूरतों की चीजें खरीदने बाहर निकले। डेढ़ बजने से पहले ही लोग घरों को लौट गए। इसके बाद पुराने शहर में अपराह्न दो बजे से शाम सात बजे तक पुराने शहर में कर्फ्यू खोला गया था। मंगलवार की तुलना में इस बाजार में बुधवार को रौनक लौटती दिखी। सबसे अहम बात यह रही कि बुधवार को अफसरों के काफिले सड़कों पर ज्यादा नहीं दिखे।

उधर, भाजपा के जांच समिति ने श्रीगुरु सिंह सभा गुरुद्वारे में जाकर घटना की जानकारी ली। पार्टी की जांच समिति के अध्यक्ष और स्थानीय निकाय के प्रदेश संयोजक अमित अग्रवाल, थानाभवन विधायक सुरेश राणा, बिजनौर के विधायक लोकेंद्र चौहान, मेरठ दक्षिण के विधायक रविंद्र भड़ाना आदि ने जायजा लिया। इसके बाद प्रतिनिधिमडंल ने दंगा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। भाजपाइयों ने सिखों को आश्वासन दिया कि उनके हितों की लड़ाई लड़ी जाएगी।

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