रुड़की ब्लास्ट: नौकरी और दस लाख की घोषणा
ब्लॉस्ट की घटना की खुलासे की मांग करते हुए विहिप और बजरंग दल के पदाधिकारी दोबारा हाईवे पर धरने पर बैठ गए। साथ ही पीड़ित परिवार को मुआवजा दिए जाने की मांग भी करने लगे। डीएम ने अस्पताल में ही परिवार के...
ब्लॉस्ट की घटना की खुलासे की मांग करते हुए विहिप और बजरंग दल के पदाधिकारी दोबारा हाईवे पर धरने पर बैठ गए। साथ ही पीड़ित परिवार को मुआवजा दिए जाने की मांग भी करने लगे। डीएम ने अस्पताल में ही परिवार के सदस्यों को दस लाख रुपये देने और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की। साथ ही घटना का जल्द खुलासा करने का आश्वासन दिया। इस पर लक्सर भाजपा विधायक ने पुलिस प्रशासन को 15 घंटे के अंदर खुलासा करने की बात कही। खुलासा न होने पर एक बड़ा आंदोलन करने की धमकी दी।
ब्लॉस्ट के बाद हाईवे पर लोगों को पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने समझाने का काफी प्रयास किया। लेकिन वे घटना खुलासा और पीड़ित परिवार को 25 लाख की धनराशि मुआवजे में दिए जाने के साथ साथ परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की जिद पर अड़े रहे। पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने इस पर शासन से वार्ता की। करीब आधा घंटें तक चली पुलिस प्रशासनिक अफसरों की वार्ता चलती रही। इसके बाद डीएम डी सेंथिल पांडियन ने परिवार को मुआवजे में दस लाख रुपये की घोषणा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की। लेकिन लोग मुआवजे की राशि 25 लाख रुपये करने की मांग करने लगे। लेकिन डीएम ने दस लाख से अधिक धनराशि मुआवजे के रूप में शासन से बात करने का आश्वासन दिया। इसके बाद लोग शांत हुए और हाईवे से हटे। उधर, सिविल अस्पताल में पहुंचे लक्सर भाजपा विधायक संजय गुप्ता ने पुलिस प्रशासन को अल्टीमेट दिया कि अगर घटना में कोई कार्रवाई नहीं होती है तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।
ब्लास्ट ने खोली पुलिस प्रशासन की सुरक्षा की पोल
रुड़की में छह दिसंबर को पुलिस प्रशासन की तरफ से किए गए तमाम सुरक्षा के इंतजाम की ब्लास्ट ने पोल खोलकर रख दी है। पुलिस सूत्रों की माने तो छह दिसंबर को विहिप और बजरंग दल ने द्वारा शौर्य दिवस मनाने के लिए जिस मैदान में कार्यक्रम आयोजित किया था। उसके आसपास और मैदान में पुलिस अफसरों ने हल्के में लिया। सूत्रों की माने तो पुलिस अफसरों ने सभा होने से पूर्व आसपास के क्षेत्र निरीक्षण तक नहीं किया था। साथ ही इस घटना ने खूफिया विभाग और इंटेलीजेंस की भी पोल खोल दी। दोनों ही स्थिति भांपने में नाकाम रहे।
छह दिसंबर को पुलिस प्रशासनिक के अधिकारियों ने सुरक्षा के तमाम इंतेजाम करने का दावा किया था। यहां तक की एक दिन पहले शुक्रवार को लक्सर, मंगलौर, भगवानपुर, झबरेड़ा के थानाध्यक्षों की बैठक ली थी। और शहर से अलग देहात से भारी पुलिस बल की डय़ूटी लगाई गई थी। लेकिन ब्लॉस्ट ने पुलिस प्रशासन के तमाम दावों की पोल खोलकर रख दी है। पुलिस सूत्रों की माने तो अगर पुलिस और प्रशासनिक अफसर मामले को गंभीरता से लेते तो शायद ये घटना न हो पाती है।
पुलिस सूत्रों की मानें तो पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को पता था कि विहिप और बजरंग दल के कार्यक्रम में कवाल प्रकरण के बाद सरधना विधायक संगीत सोम सहित कई विहिप और बजरंग दल के नेता जुटेंगे। बावजूद इसके पुलिस प्रशासन की तरफ से एक बार सभा स्थल के आसपास सुरक्षा के न तो बंदोबस्त किए और न ही निरीक्षण करने की जहमत उठाई। पुलिस सूत्रों की माने तो अगर पुलिस प्रशासन के अधिकारी गंभीरता दिखाते तो ब्लॉस्ट जैसी घटना शायद न होती। उधर, घटना के बाद खूफिया विभाग से लेकर इंटेलीजेंस की भी पोल खुलकर सामने आई है। दोनों की शहर के हालात और सभा स्थल के आसपास की स्थिति भांपने में नाकाम रहे। उधर, आईजी राम सिंह मीणा ने भी पुलिस की लापरवाही की बात स्वीकारी है। और सारे मामले की जांच के निर्देश दे दिए हैं।