प्रभु ने रेलवे के लिए की 1,50,000 करोड़ की व्यवस्था
पैसे के अभाव में रेलवे के जर्जर होते बुनियादी ढांचे में नई जान फूंकने के लिए रेल मंत्री 1,50,000 करोड़ का इंतजाम कर लिया है। इस धन से रेलवे ट्रैक की क्षमता बढ़ाई जाएगी जिससे अधिक नई यात्री ट्रेनें और...
पैसे के अभाव में रेलवे के जर्जर होते बुनियादी ढांचे में नई जान फूंकने के लिए रेल मंत्री 1,50,000 करोड़ का इंतजाम कर लिया है। इस धन से रेलवे ट्रैक की क्षमता बढ़ाई जाएगी जिससे अधिक नई यात्री ट्रेनें और मालगाड़ियों चलाई जा सकेंगी।
वहीं, यात्री सुरक्षा व संरक्षा से जुड़ी रेल परियोजनाएं फास्ट ट्रैक पर दौड़ने लगेंगी। खास बात यह है कि प्रभु ने इतनी बड़ी धनराशि का जुगाड़ रेल बजट पेश करने के 15 दिनों के भीतर कर लिया है।
विदित हो कि हिंदुस्तान ने रेल बजट 26 फरवरी को सरकारी उपक्रम से 30-35 हजार करोड़ कर्ज मिलने संबंधित खबर को प्रमुखता से छापा था। भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) व रेलवे के बीच बुधवार को सहमति करार (एमओयू) पर हस्ताक्षर हो गए हैं। एलआईसी हर साल 30 हजार करोड़ रुपये व्यावसायिक रेल परियोजनाओं में निवेश करेगी। इस मौके पर रेल मंत्री सुरेश प्रभु व वित्त मंत्री अरुण जेटली मौजूद थे।
एलआईसी रेलवे के उपक्रम रेलवे वित्त निगम (आईआरएफसी) जैसी कंपनियों के माध्यम से अगले वित्तीय वर्ष में बॉड के जरिए रेलवे में निवेश करेगी। कर्ज पर ब्याज की दरें अभी तय नहीं हुईं हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि यह वाणिज्यिक फैसला है। इससे रेलवे और एलआईसी दोनों को फायदा होगा। रेल मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि वर्षो से वित्तीय संकट के दौर से गुजर रही रेलवे के लिए डेढ़ लाख करोड़ की राशि ऑक्सीजन का काम करेगी। रेलवे इस धनराशि को हैवी फ्रीक्वेंसी व चोक हो चुके रेलवे मार्गो पर तीसरी व चौथी लाइन बिछाने का काम करेगी। अधिक यात्री ट्रेनें चलने से लोगों को बर्थ मिल सकेगी वहीं मालगाड़ियों की संख्या व रफ्तार बढ़ने से रेलवे के राजस्व में भारी बढमेत्तरी होगी। उन्होंने बताया कि उक्त धन से सिग्नलिंग सिस्टम को आधुनिक बनाया जाएगा।
टक्कररोध उपकरण लगाए जाएंगे। कोच-वैगन-इंजन के उत्पादन को बढमया जाएगा। एलआईसी की मदद से भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण की पटरी पर दौड़ने के दिन शुरू होने वाले हैं।