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समझौते को लेकर नहीं हुई ठोस पहल

जन लोकपाल विधेयक की मांग को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का अनशन मंगलवार को सातवें दिन पहुंच गया। अब तक उनका वजन भी पांच किलो कम हो चुका है लेकिन इस गतिरोध का समाधान कैसे होगा, इसे लेकर कोई...

समझौते को लेकर नहीं हुई ठोस पहल
एजेंसीTue, 23 Aug 2011 01:29 AM
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जन लोकपाल विधेयक की मांग को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का अनशन मंगलवार को सातवें दिन पहुंच गया। अब तक उनका वजन भी पांच किलो कम हो चुका है लेकिन इस गतिरोध का समाधान कैसे होगा, इसे लेकर कोई ठोस पहल अब तक न तो सरकार की ओर से और न ही अन्ना हजारे पक्ष से ही हुई

अन्ना हजारे के अनशन को देश भर से मिल रहे व्यापक समर्थन के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लोकपाल विधेयक पर चर्चा की पेशकश की लेकिन साथ ही यह भी कहा कि सिर्फ लोकपाल आ जाने से भ्रष्टाचार खत्म नहीं हो जाएगा बल्कि इसमें समय लगेगा।

प्रधानमंत्री ने सोमवार को कोलकाता में कहा, ‘हम सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हैं। एक संस्था के रूप में लोकपाल की स्थापना से निश्चित तौर पर सहायता मिलेगी लेकिन यह समस्या का समाधान नहीं हो सकता। इसके लिए न्यायिक प्रक्रिया की गति और गुणवत्ता में सुधार की जरूरत है। तेज सुनवाई और समय पर फैसले के आने से भ्रष्टाचार को खारिज करने में सहायता मिलेगी।’

उन्होंने कहा, ‘हमें फैसला लिए जाने की प्रक्रिया को यथासम्भव पारदर्शी बनाने के लिए वर्तमान सरकारी तरीके को पूरी तरह से बदलने की जरूरत है। मैंने इस मुद्दे पर एक मंत्री समूह बनाया है और मुझे विश्वास है कि हम इसका व्यवस्थित समाधान ढूंढ़ लेंगे।’

अन्ना हजारे के करीबी सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘प्रधानमंत्री ने आपसे (मीडिया से) कहा है कि वह बातचीत के लिए तैयार हैं। हम आपके माध्यम से बार-बार पूछ रहे हैं कि हमें बातचीत के लिए कहां जाना चाहिए और किससे मिलना चाहिए।’

उन्होंने कहा, ‘आधिकारिक सूत्रों से खबरें आ रही है कि वे बातचीत करना चाहते हैं, लेकिन जब तक कोई ठोस प्रस्ताव नहीं मिलता तब तक हम प्रतिक्रिया नहीं व्यक्त कर सकते।’ गुंडागर्दी के आरोपों पर केजरीवाल ने कहा कि अपने सांसदों के सामने लोगों से विरोध प्रदर्शन करने के लिए कहने में कुछ भी गलत नहीं है।

केजरीवाल ने कहा, ‘इसमें क्या गलत है जब अन्ना लोगों से अपने सांसदों के पास जाने और उनसे स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहते हैं। अन्ना जी यह नहीं कह रहे हैं कि आप गुंडागर्दी कीजिए, अन्ना जी यह नहीं कह रहे हैं कि आप हिंसा कीजिए।’

केजरीवाल ने यह भी स्पष्ट किया, ‘हमारा मकसद सरकार गिराना नहीं है, यदि सरकार राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाती है तो वह यह विधेयक पारित करवा सकती है।’ रविवार शाम को अन्ना हजारे ने मंच से कहा था कि सरकार को या तो विधेयक लाना पड़ेगा या फिर उसे जाना पड़ेगा।

इस सबके बीच देश और दुनिया में भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे के अनशन को जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। लोग जगह-जगह अपने-अपने तरीके से विरोध कर रहे हैं। रामलीला मैदान तिरंगों और जन लोकपाल विधेयक के समर्थन में तैयार तख्तियों और बैनरों से पट गया है। हर जगह ‘मैं अन्ना, तू अन्ना, अब पूरा देश है अन्ना’ की गूंजें सुनाई दे रही है।

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