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आर्डिनेंस फैक्टरियों ने रक्षा मंत्रालय को उत्पादन घटने की चेतावनी दी

केंद्र सरकार एक तरफ मेक इन इंडिया के जरिये देश में निर्माण पर जोर दे रही है, वहीं दूसरी तरफ रक्षा उत्पादन में लगी आर्डिनेंस फैक्टरियों को जरूरत भर का बजट भी नहीं दिया जा रहा है। आर्डिनेंस फैक्टरी...

आर्डिनेंस फैक्टरियों ने रक्षा मंत्रालय को उत्पादन घटने की चेतावनी दी
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 29 Jun 2015 02:13 PM
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केंद्र सरकार एक तरफ मेक इन इंडिया के जरिये देश में निर्माण पर जोर दे रही है, वहीं दूसरी तरफ रक्षा उत्पादन में लगी आर्डिनेंस फैक्टरियों को जरूरत भर का बजट भी नहीं दिया जा रहा है। आर्डिनेंस फैक्टरी बोर्ड (ओएफबी) ने रक्षा मंत्रालय को चेताया है कि चालू वर्ष के दौरान बजट में 1321 करोड़ रुपये की कमी से उनका 2271 करोड़ रुपये का उत्पादन घट जाएगा।

रक्षा मंत्रालय के अधीन देश में आयुध निर्माण की 41 यूनिटें कार्य कर रही हैं। ये यूनिटें तीनों सेनाओं के अलावा अर्धसैनिक बलों एवं पुलिस को भी हथियार, गोला बारुद्ध एवं सुरक्षा जड़े उपकरण मुहैया कराती हैं। रक्षा मंत्रालय के कई अहम निर्माण कार्य इनके पास लंबित हैं। लेकिन इस बार बजट की कमी ने आर्डिनेंस फैक्टरियों की कमर तोड़ दी है।

सूत्रों के अनुसार ओएफडी ने रक्षा मंत्रालय से कुल 2630 करोड़ रुपये मांगे गए थे। जिसमें 1634 करोड़ रुपये की राशि संयंत्रों को अपग्रेड करने पर खर्च होनी थी। बाकी 571 करोड़ रुपये उनके संचालन के लिए थी। लेकिन रक्षा मंत्रालय ने सिर्फ 1143 करोड़ रुपये ही दिए।

रक्षा यूनिटों को चलाने के लिए जरूरत की राशि नहीं मिलने पर ओएफबी प्रधंधन ने हाल में रक्षा मंत्रालय को दो टूक कह दिया गया है कि इससे फैक्टरियों की उत्पादन क्षमता प्रभावित होगी। जिससे करीब 2271 करोड़ रुपये का उत्पादन घट सकता है।

सात महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर असर-ओएफबी के पास रक्षा मंत्रालय के सात महत्वपूर्ण परियोजनाएं चल रही हैं जिनमें पहले ही काफी विलंब हो चुका है। अब इनमें और देरी हो सकती है। इनमें 50 टी-72 टैंकों का निर्माण, 750 एवी इंजनों का निर्माण, टी-72 एवं टी-90 टैंकों के लिए पाट्र्स का निर्माण का कार्य मार्च 2013 में पूरा होना था लेकिन अभी भी यह लटका पड़ा है।

इसी प्रकार 971 करोड़ की लागत से 140 टी-90 टैंकों के निर्माण की परियोजना में भी और विलंब हो सकता है। इसे मार्च 2014 तक पूरा होना था। लेकिन अब कब पूरी होगी कि यह किसी को पता नहीं है। इसी प्रकार 105 आकाश बूस्टर सस्टेनर, 300 लार्ज कैलीवर वैपन का निर्माण मार्च 2015 तक होना था लेकिन अब दिसंबर 2016 की तिथि रखी गई है।

पिनाका मिसाइल-एक अन्य महत्वपूर्ण परियोजना जिसमें 1000-5000 पिनाका मिसाइलों का निर्माश अक्टूबर 2015 तक होना था, वह भी देरी से चल रही है। लक्ष्य की तिथि को एक साल तक बढ़ा दिया गया है लेकिन बजट की कमी यहां भी आड़े आ रही है।

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