मोदी कर रहे हैं अपनी सरकार के कामकाज का आकलन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी सरकार के कामकाज का अंदरूनी आकलन करा रहे हैं। पीएमओ के जरिए अलग अलग मंत्रालयों की रिपोर्ट प्रधानमंत्री हासिल कर रहे हैं। यह आकलन रुटीन तरीके से कामकाज को आंकने के...
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी सरकार के कामकाज का अंदरूनी आकलन करा रहे हैं। पीएमओ के जरिए अलग अलग मंत्रालयों की रिपोर्ट प्रधानमंत्री हासिल कर रहे हैं। यह आकलन रुटीन तरीके से कामकाज को आंकने के पैमाने से अलग है। एक अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री इंटरनल एसेसमेंट के जरिए यह जानना चाहते हैं कि उन्होंने सरकार में पिछले कुछ महीनों में जो एजेंडा तय किया था, मंत्रालय उस दिशा में कितना तेजी से आगे बढ़े हैं। मंत्रालयों में नया क्या हो रहा है। मंत्रियों और सचिवों के बीच तालमेल कैसा है। मंत्रालयों में तय लक्ष्य और उसे हासिल करने के लिए रोडमैप में त्वरित कार्यवाही का पुट शामिल है या नहीं। सरकारी जटिलताओं को कम करने के लिए प्रधानमंत्री के निर्देशों का कितना असर हुआ है। यह पूरी रिपोर्ट इसी महीने दी जानी है।
कागजी कार्रवाई नहीं परिणाम से आंका जाएगा प्रदर्शन
सूत्रों ने कहा कि यूपीए सरकार में कामकाज आंकने के लिए परफार्मेस मैनेजमेंट डिवीजन की ओर से रिजल्ट फ्रेमवर्क डाक्यूमेंट और त्रैमासिक समीक्षा का सिस्टम बनाया गया था। इसकी पूरी प्रक्रिया तय की गई थी। लेकिन वरिष्ठ मंत्रियों के विरोध की वजह से इस प्रक्रिया के जरिए तैयार प्रदर्शन रिपोर्ट ब्यूरोक्रेसी के स्तर पर ही दबकर रह जाती थी। नई सरकार में प्रधानमंत्री स्वंय सीधे कामकाज का ब्यौरा ले रहे हैं। अधिकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री ने साफ संकेत दिया है कि कामकाज को आंकने के लिए भी लंबी चौड़ी प्रक्रिया और फाइल चलाने की जरूरत नहीं है, बल्कि सरकार द्वारा तय एजेंडा के परिणामों से ही कामकाज का आकलन किया जाए। प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव नृपेन्द्र मिश्र और कैबिनेट सचिव अजित सेठ के अलावा पीएमओ के आधा दर्जन अधिकारी मंत्रालयों के संपर्क में रहकर सतत रिपोर्ट ले रहे हैं।
बताएं नया क्या किया
मंत्रालयों से पूछा जा रहा है कि उन्होंने नई सरकार बनने के बाद कौन से इनोवेटिव फैसले किए। सरकारी जटिलताओं को कम करने के लिए क्या प्रयास किए गए। भाजपा के घोषणा पत्र के कितने वादे पूरे किए गए। एक अधिकारी ने कहा कि सरकार की यह छवि नहीं बननी चाहिए कि पुरानी सरकार के फैसलों को ही नई सरकार उलट पुलट कर आगे बढ़ रही है। इसलिए प्रधानमंत्री मंत्रालयों में नए विचारों को लेकर काफी संजीदा हैं।
जटिलताओं को कम करने वाले माने जाएंगे बेहतर
सूत्रों ने कहा,उस मंत्रालय का कामकाज बेहतर माना जाएगा जो सरकार के तय एजेंडे को निर्धारित समय में पूरा करेंगे। प्रशासनिक जटिलताओं को कम करेंगे। फाइलों के निस्तारण में ज्यादा समय नहीं लगाएंगे। गवर्नेंस के एजेंडे को ध्यान में रखकर ई गवर्नेस और डिजिटल गवर्नेंस की ओर फोकस करेंगे। शिकायतों के आनलाइन निस्तारण की रिपोर्ट देंगे। इन सबके अलावा प्रधानमंत्री की ओर से समय समय पर दिए गए निर्देशों को कितना अमल में लाया गया इसकी रिपोर्ट भी ली जा रही है। प्रधानमंत्री कार्यालय इन्हीं मानकों के आधार पर मंत्रालयों के कामकाज की रिपोर्ट प्रधानमंत्री को देगा।