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मोदी को बार-बार मंत्रियों को देनी पड़ रही नसीहत

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपने मंत्रियों व पार्टी नेताओं को बार बार नसीहत देनी पड़ रही है। पिछले सप्ताह कैबिनेट बैठक के बाद दिए गए ताजा निर्देश में उन्होंने मंत्रियों को कैबिनेट में आने से पहले...

मोदी को बार-बार मंत्रियों को देनी पड़ रही नसीहत
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 08 Jan 2015 09:46 PM
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपने मंत्रियों व पार्टी नेताओं को बार बार नसीहत देनी पड़ रही है। पिछले सप्ताह कैबिनेट बैठक के बाद दिए गए ताजा निर्देश में उन्होंने मंत्रियों को कैबिनेट में आने से पहले पूरी तैयारी करके आने को कहा है। आपसी विवाद और असहमति के सुर मीडिया तक न पहुंचे इसे लेकर भी मंत्रियों को सतर्क रहने को कहा गया है। खासतौर पर अल्पसंख्यक मंत्रालय में चल रही अंदरूनी कश्मकश से पीएम खुश नहीं हैं। मोदी ने एक अन्य निर्देश भाजपा के उन नेताओं को लेकर दिया है जो लगातार पंच सितारा होटलों में बैठकें कर रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक मोदी ने यह निर्देश दिया कि पार्टी व सरकार में उच्च पदों में बैठे लोगों को अपनी छवि को लेकर बहुत सावधान रहना चाहिए। प्रधानमंत्री कुछ मंत्रियों की बयानबाजी और आपसी टकराव की खबरों को लेकर भी खुश नहीं हैं।

पीएम के पास पहुंच रही शिकायतें
सूत्रों के मुताबिक मुख्तार अब्बास नकवी के बयानों को लेकर प्रधानमंत्री ने अपनी नाखुशी जाहिर की है। फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन को ब्रांड अंबेसडर बनाए जाने संबंधी विवाद और अल्पसंख्यकों को लेकर नकवी के बयानों से प्रधानमंत्री खुश नहीं हैं। अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री नजमा हेपतुल्ला ने भी अपनी शिकायत प्रधानमंत्री तक पहुंचाई है। वे इस बात से खुश नहीं हैं कि लगातार उन्हें राजभवन भेजे जाने की खबरें लीक की जा रही हैं। एक मंत्री के व्यवहार के बारे में वरिष्ठ ब्यूरोक्रेट ने शिकायत की है। इसे लेकर भी पीएमओ ने पूरी जानकारी प्रधानमंत्री को दी है। सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री ने मंत्रियों को साफ कहा है कि वे सरकार की इमेज को लेकर विशेष सावधान रहें।

तैयार क्यों नहीं रहते मंत्री जी
उन्होंने एक मंत्री को कहा कि बैठक में आने के पहले कैबिनेट नोट और फाइल नोटिंग आदि जरूर पढ़ें। सूत्रों के मुताबिक कुछ मंत्री अपने मंत्रालयों से संबंधित एजेंडे को लेकर पूरी तरह से अपने सचिवों पर आश्रित रहते हैं। प्रधानमंत्री का मानना है कि अगर मंत्री तैयार नहीं हैं तो वे अपने मंत्रालयों में प्रभावी कैसे साबित होंगे। जमीन अधिग्रहण कानून सहित दूसरे अन्य मसलों पर अध्यादेश लाने के फैसले पर मंत्रिमंडल में मतभेद संबंधी खबरों के बाद मंत्रियों से यह भी कहा गया है कि वे अपना एजेंडा न चलाएं। सरकार के मुद्दे और गवर्नेंस का एजेंडा एकदम साफ है। पार्टी घोषणापत्र में किए गए वादों और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वादों को ध्यान में रखकर मंत्रालयों को कामकाज में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।

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