एफडीआई पर विपक्ष में मतभेद से सरकार को राहत
बहु ब्रांड खुदरा व्यापार के क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को लेकर संसद में अपनायी जाने वाली रणनीति पर विपक्षी दलों में मतभेद से सरकार ने राहत की सांस ली है। जबकि संसद में जारी गतिरोध को दूर करने...
बहु ब्रांड खुदरा व्यापार के क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को लेकर संसद में अपनायी जाने वाली रणनीति पर विपक्षी दलों में मतभेद से सरकार ने राहत की सांस ली है। जबकि संसद में जारी गतिरोध को दूर करने के लिए सोमवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक का कोई नतीजा नहीं निकल सका।
समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के परोक्ष समर्थन और तृणमूल कांग्रेस के शेष विपक्षी दलों के प्रति उदासीन रवैये से उत्साहित संप्रग के नेता सरकार की रणनीति तय करने के लिये कल बैठक करेंगे। एफडीआई का विरोध करने वाली संप्रग सहयोगी द्रमुक ने इस मामले पर बैठक की मांग की है।
सर्वदलीय बैठक में सपा और बसपा ने एफडीआई का विरोध किया लेकिन प्रस्ताव पर मतदान के मामले का निर्णय दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारियों पर छोड़ दिया। कांग्रेस की सहयोगी रह चुकी तृणमूल कांग्रेस ने भी कहा कि मतदान का फैसला लोकसभा अध्यक्ष पर छोड़ दिया जाना चाहिये। उसने विपक्षी दलों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सरकार कभी भी मतदान के लिये राजी नहीं होगी और इसीलिये उसने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था।
गत सप्ताह पेश तृणमूल कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस का अन्य विपक्षी दलों ने समर्थन नहीं किया था और संख्या बल के अभाव में यह नामंजूर कर दिया गया था। विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि मतदान के प्रावधान वाले प्रस्ताव नं 184 के तहत चर्चा से कम पर कोई समक्षौता नहीं होगा, जबकि सरकार ने कहा कि उसे मतदान से परहेज नहीं है और वह मतदान कराने को तैयार है, लेकिन इससे गलत नजीर स्थापित होगी।