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उद्धव ने मनाया, तीन नाराज दल अब बने रहेंगे महायुति में

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए कम सीटें दिये जाने से खिन्न होकर शिवसेना-भाजपा नीत महायुति से हटने की धमकी देने के कुछ घंटे बाद तीन छोटे सहयोगी दलों ने संकेत दिया कि उद्धव ठाकरे के इस आश्वासन के बाद...

उद्धव ने मनाया, तीन नाराज दल अब बने रहेंगे महायुति में
एजेंसीThu, 25 Sep 2014 01:14 AM
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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए कम सीटें दिये जाने से खिन्न होकर शिवसेना-भाजपा नीत महायुति से हटने की धमकी देने के कुछ घंटे बाद तीन छोटे सहयोगी दलों ने संकेत दिया कि उद्धव ठाकरे के इस आश्वासन के बाद वे गठबंधन में बने रहेंगे कि उन्हें सम्मानजनक संख्या में सीटें दी जाएंगी।

स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के नेता और लोकसभा सदस्य राजू शेट्टी ने शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से मिलने के बाद संवाददाताओं से कहा कि उद्धवजी से हमारी मुलाकात बहुत सफल रही। हमने उन्हें ऐसे फॉर्मूले का प्रस्ताव दिया है जिससे सभी दल खुश हो सकते हैं। हमने उनसे कहा है कि 150 सीटें शिवसेना के लिए रखी जाएं, 120 भाजपा के लिए छोड़ी जाएं और 18 सीटों से हम संतुष्ट हो जाएंगे।

उन्होंने कहा कि अब हम भाजपा नेताओं से मुलाकात करने जा रहे हैं और उम्मीद है कि आज ही गतिरोध सुलक्षा लिया जाएगा।  बैठक में मौजूद रहे शिव संग्राम के विनायक मेते ने कहा कि गठबंधन में छोटे सहयोगी दलों को सात से ज्यादा सीटें मिलेंगी।

मेते ने कहा कि हमने उद्धवजी से और शिवसेना के अन्य नेताओं से मुलाकात की। हमने नये फॉर्मूले पर फिर से काम किया है जिस पर हम आज भाजपा नेताओं से बातचीत करेंगे। नये फॉर्मूले के तहत छोटे दलों को सात से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा।

राष्ट्रीय समाज पक्ष के महादेव जानकर ने कहा कि अब हम बहुत उम्मीद रख रहे हैं। महायुति बड़ी सफलता प्राप्त करने के मार्ग पर है। महायुति में चार छोटे दल हैं। इनमें उक्त तीन दलों के साथ रामदास अठावले की रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया भी है।

इससे पहले छोटे सहयोगी दलों ने गठबंधन से हटने की धमकी देते हुए भाजपा़-शिवसेना पर पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाया था। जिस पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हमारी पार्टी ने हमारे सभी गठबंधन सहयोगियों के साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया है।

उन्होंने कहा कि उन्होंने हम पर भरोसा करते हुए लोकसभा चुनावों से पहले हमसे हाथ मिलाया था। उन्हें हमारे साथ रहना चाहिए, हम चाहते हैं कि वे हमारे साथ रहें और हम इस दिशा में प्रयासरत हैं।

शिवसेना ने कल राज्य की 288 विधानसभा सीटों में से अपने लिए 151 सीटें रखी थीं और 130 भाजपा को आवंटित करने की पेशकश की थी। छोटे सहयोगी दलों के लिए महज सात सीटें छोड़े जाने से ये दल नाराज थे।

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