मौजूदा हालात के लिए कांग्रेस जिम्मेदार: मायावाती
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने देश के मौजूदा हालात के लिए सीधे तौर पर कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि मुस्लिम मतदाता एकजुट रहें। यदि वह बहके और बंट गए तो फिर भाजपा को...
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने देश के मौजूदा हालात के लिए सीधे तौर पर कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि मुस्लिम मतदाता एकजुट रहें। यदि वह बहके और बंट गए तो फिर भाजपा को लाभ होगा।
रविवार को उन्होंने हापुड़ रोड पर मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट से बसपा प्रत्याशी हाजी शाहिद अखलाक के समर्थन में जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि बसपा बिना किसी गठबंधन के चुनाव लड़ रही है। दलित, मुस्लिमों समेत सर्वधर्म के लोगों को टिकट दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि पिछड़ा वर्ग और दलितों से केंद्र सरकार आरक्षण की सुविधा छीनने में जुटी है। सरकार की नीतियों से सबसे अधिक गरीब और मध्यम वर्ग के लोग परेशान हैं। भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लग रहा।
उन्होंने भाजपा, सपा और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इन पार्टियों ने हमेशा पश्चिमी उत्तर प्रदेश की उपेक्षा की है। केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश और खासतौर पर पश्चिमी यूपी के विकास से संबधित भेजे गए बसपा सरकार के प्रस्तावों को आज तक स्वीकार नहीं किया। विशेष विकास पैकेज तक नहीं दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार, विदेशों में जमा काला धन वापस नहीं ला सकी। बसपा केंद्र में सत्ता में आई तो विदेशों से काला धन भी वापस आएगा और सर्वसमाज के लोगों के उत्थान और विकास के लिए कार्य होंगे।
मायावती ने कहा कि बसपा के शासन में कानून का राज था। कोई सांप्रदायिक दंगा या जातीय तनाव तक नहीं हुआ। आज प्रदेश में गुंडाराज कायम है। मुजफ्फरनगर दंगों में सुप्रीम कोर्ट हर स्तर पर प्रदेश सरकार की लापरवाही को जिम्मेदार ठहरा चुका है। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा कि वह अपने हर भाषण में कहते हैं कि देश की हालत सुधार देंगे, लेकिन इस बात में कोई दम नहीं है। केंद्र में भाजपा की सरकार रह चुकी है, तब वह सारे मुद्दे क्यों हल नहीं हुए थे।
उन्होंने भीड़ से कहा कि यदि नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री बने तो पूरे देश को गुजरात के गोधरा की तरह सांप्रदायिक दंगों की आग में झोंक देंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और सपा के चुनावी घोषणा पत्र में बहक मत जाना। ऐसे घोषणा पत्र महज दिखावा होते हैं।