सेना जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बांध बनाने के खिलाफ
सेना ने जम्मू जिले में 179 किमी लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बांध बनाने की सरकार की योजना पर आपत्ति जताई है। एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के अनुसार, गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बात की...
सेना ने जम्मू जिले में 179 किमी लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बांध बनाने की सरकार की योजना पर आपत्ति जताई है। एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के अनुसार, गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी है।
2013 में हीरानगर/सांबा सेक्टर में दो आतंकी हमला होने के बाद तत्कालीन यूपीए सरकार ने सीमा पर बांध बनाने की योजना को मंजूरी दी थी। इसके लिए लगभग 20 फीसदी जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है। बीएसएफ की निगरानी में सीमा पर बांध बनाया जाएगा।
हाल ही में सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल के बीच हुई बातचीत में सरकार ने इस पूरे प्रोजेक्ट पर दोबारा विचार करने को कहा है।
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सेना का मानना है कि आपातस्थिति में बांध के कारण उनके ऑपरेशन्स प्रभावित होंगे और उनकी अग्रिम गतिविधियां बाधित होंगी। अंतरराष्ट्रीय सीमा से कुछ किलोमीटर पीछे सेना ने पहले से ही अपने जवानों को तैनात कर दूसरा बांध बना रखा है।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि बीएसएफ को एक विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है, जिसमें उसे बताना है कि इस योजना को आगे क्यों बढ़ाया जाना चाहिए।
इस योजना पर अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री कार्यालय को लेना है। इस योजना का प्रस्ताव फिलहाल सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी के पास लंबित है।
ऐसा होगा बांध
प्रस्तावित योजना के अनुसार, बांध 41 मीटर चौड़ा और 10 मीटर ऊंचा होगा। उस पर बंकर और अग्रिम सीमा चौकियां भी होंगी। इस योजना के तहत कठुआ, सांबा और जम्मू जिलों के 118 गांव आएंगे, जो अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुरोध पर जम्मू और कश्मीर सरकार ने जम्मू जिले में भूमि अधिग्रहण का काम शुरु कर दिया है।
गौरतलब है कि मई 2014 से अगस्त 2015 तक जम्मू सेक्टर में संघर्ष विराम उल्लंघन के 589 मामले सामने आए जबकि इसी समयकाल में जम्मू सीमा से घुसपैठ के 95 मामले सामने आए। यह वही योजना है जिस पर कुछ दिनों पहले पाकिस्तान ने यूएन के सुरक्षा परिषद में शिकायत की थी।