एचटी समिट: सिल्वेस्टर स्टेलॉन से नफरत करते थे आनरेल्ड श्वार्जनेगर
हॉलीवुड सुपरस्टार अनरेल्ड श्वार्जनेगर का कहना है कि अस्सी के दशक में उनके और सिल्वेस्टर स्टेलॉन के बीच गहरी दुश्मनी थी। हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में शवार्जनेगर ने कहा कि मैं औरस्टेलॉन 8० के दशक...
हॉलीवुड सुपरस्टार अनरेल्ड श्वार्जनेगर का कहना है कि अस्सी के दशक में उनके और सिल्वेस्टर स्टेलॉन के बीच गहरी दुश्मनी थी। हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में शवार्जनेगर ने कहा कि मैं औरस्टेलॉन 8० के दशक में एक दूसरे से नफरत करते थे कयोंकि हम एक ही व्यवसाय से जुड़े थे। हम एक दूसरे को पीछे छोड़ देना चाहते थे।
श्वार्जनेगर ने कहा कि हम एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा करते थे कि किसके शरीर की बनावट ज्यादा अच्छी है। पर्दे पर किसने कितने लोगों को मारा। किसने ज्यादा अलग तरीके से मारा और बॉक्स अफिस पर किसने ज्यादा पैसा कमाया। श्वार्जनेगर ने कहा कि नव्बे के दशक में हम दोस्त बन गए और यह दोस्ती आज तक कायम है।
इस साल हिन्दुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट के दौरान विषय 'आर्नल्ड श्वार्ज़नेगर की वृद्धि और अद्भुत यात्रा' पर खुद हॉलीवुड फिल्म अभिनेता और कैलीफोर्निया के पूर्व राज्यपाल आर्नल्ड श्वासनेगर ने अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार और लेखक रिज खान के साथ चर्चा की। श्वार्ज़नेगर ने कहा कि ,'मैं फरवरी में भारत वापस आऊंगा।'
आर्नल्ड श्वार्ज़नेगर ने अपनी एचटी शिखर वार्ता शुरू की। उन्होंने आगे कहा, "मुझे बहुत भूख लगती है क्योंकि मैं दूसरे विश्व युद्घ के बाद ऑस्ट्रिया में पला-बढ़ा। वहां खाना नहीं था, गरीबी थी। युद्ध से भी बदतर। मैं चाहता था वहां से बाहर निकलूं और अमेरिका जाऊं। मैं एक मामूली बॉडी बिल्डर नहीं था...मैंने चार बार खिताब जीते।
हॉलीवुड में कदम रखना चाहता था...मारलन ब्रैंडो और अन्य के साथ काम करने की चाहत थी। आगे चल कर राष्ट्रपति नहीं राज्यपाल बना। सबसे बड़े राज्य कैलिफोर्निया का राज्यपाल। अगर आप बड़ी सोच रखते हैं तो आप निश्चित ही बड़े बनेंगे। बस एक कदम आगे बढ़ाना है।
आर्नल्ड ने कहा, एक साफ नज़रिये की ज़रूरत है। रोज़ कसरत करने से आप चैम्पियन नहीं बन सकते। फिल्म हरक्युलीस के स्टार रेज पोक मेरे आदर्श थे। रेज पोक मिस्टर यूनिवर्स थे, उन्हें सफल होते देख मुझे उम्मीद थी कि मैं दूसरा रेज पोक बन सकता हूं। मैं लंदन के स्टेज पर खड़ा था...हज़ारों लोग खड़े होकर तालियां बजा रहे थे। मैं 20 साल की उम्र में सबसे युवा मिस्टर युनिवर्स बना था।
आर्नल्ड ने कहा, हर बार जब मैं 500 पाउंड का वज़न उठाता हूं...हज़ारों सिट अप्स करता हूं...तो मुझे बहुत खुशी होती है। आप जो काम करते हैं उसमें आपको मज़ा नहीं आये, ऐसे काम का क्या मतलब। मेरे माता-पिता को बॉडी बिल्डिंग में कोई रुचि नहीं थी। उन्हें संगीत पसंद था। मैं यह नहीं चाहता था। इसलिये मैंने अपने माता-पिता की बात सुनी, लेकिन किया वही जो मैं चाहता था।
बॉडी बिल्डिंग उस समय शुरू करना जब यह बिलकुल भी चलन में नहीं थी...आर्नल्ड श्वाज़नेगर मिस्टर यूनिवर्स टाइटल जीतने वाले सबसे छोटे युवा बने। एक आदर्श, जो आखों में हॉलीवुड का सपना लिये ऑस्ट्रिया से अमेरिका आये।