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जयललिता के विरोध के बाद हिन्दी की पढ़ाई का आदेश वापस

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता के विरोध के बाद केंद्र सरकार ने विश्वविद्यालयों में हिन्दी की अनिवार्यता से संबंधित आदेश को वापस लेने का फैसला किया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की तरफ...

जयललिता के विरोध के बाद हिन्दी की पढ़ाई का आदेश वापस
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 18 Sep 2014 09:54 PM
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तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता के विरोध के बाद केंद्र सरकार ने विश्वविद्यालयों में हिन्दी की अनिवार्यता से संबंधित आदेश को वापस लेने का फैसला किया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की तरफ से विगत 16 सितंबर को सभी राज्यों को आदेश जारी किया गया था कि वे पूर्व में लिए गए केंद्रीय हिन्दी समिति के फैसले को लागू करते हुए विश्वविद्यालयों में हिन्दी की पढ़ाई अनिवार्य करें।

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने गुरुवार को ऐलान किया कि हिन्दी की पढ़ाई को लेकर यूजीसी के आदेश को राज्य के किसी भी विश्वविद्यालय में लागू नहीं किया जाएगा। इसके बाद केंद्र सरकार हरकत में आई। यह खोजबीन की गई कि यूजीसी ने कब और क्यों यह सर्कुलर भेजा। अंतत इसे वापस लेने का फैसला किया गया।

यूजीसी के चेयरमैन डॉ वेदप्रकाश के अनुसार यह पूर्व का फैसला था और अधिकारियों ने बिना उनकी जानकारी के यह सर्कुलर राज्यों को जारी कर दिया। इसलिए मामले की नए सिरे से समीक्षा की गई है तथा शुक्रवार को इस संदर्भ में संशोधित सर्कुलर जारी किया जाएगा। जिसमें हिन्दी की पढ़ाई को विश्वविद्यालयों के लिए ऐच्छिक बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालयों की मर्जी पर होगा कि वे हिन्दी को विषय के रूप में पढ़ाएं या नहीं।

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