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महाराष्ट्र के राज्यपाल को भेजा मिजोरम, विवाद गहराया

भाजपा नीत राजग सरकार ने महाराष्ट्र के राज्यपाल के शंकरनारायणन को उनके शेष कार्यकाल के लिए मिजोरम स्थानांतरित कर दिया है। शंकरनारायणन का शेष कार्यकाल 2017 में समाप्त होगा। राष्ट्रपति भवन से कल देर...

महाराष्ट्र के राज्यपाल को भेजा मिजोरम, विवाद गहराया
एजेंसीSun, 24 Aug 2014 01:26 PM
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भाजपा नीत राजग सरकार ने महाराष्ट्र के राज्यपाल के शंकरनारायणन को उनके शेष कार्यकाल के लिए मिजोरम स्थानांतरित कर दिया है। शंकरनारायणन का शेष कार्यकाल 2017 में समाप्त होगा।

राष्ट्रपति भवन से कल देर रात जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि 82 वर्षीय शंकरनारायणन को मिजोरम स्थानांतरित किया गया है और गुजरात के राज्यपाल ओ पी कोहली से महाराष्ट्र के राज्यपाल का प्रभार संभालने को कहा गया है।

मिजोरम के राज्यपाल का पद शंकरनारायणन ऐसे समय में संभालने जा रहे हैं जब यह पद हाल ही में कमला बेनीवाल को बर्खास्त किए जाने के बाद रिक्त हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब कमला बेनीवाल के साथ उनका लंबा विवाद चला था। 87 वर्षीय बेनीवाल को उनका कार्यकाल समाप्त होने से केवल दो माह पहले हटाया गया।

इससे पहले जून में यह खबरें आईं कि संप्रग सरकार के कार्यकाल के दौरान नियुक्त किए गए कुछ राज्यपाल खुद को पद से हटाए जाने के प्रयासों का विरोध कर रहे हैं। तब शंकरनारायणन ने कहा था कि अगर समुचित प्राधिकारी उन्हें पद से हटने के लिए कहेंगे तो वह इस पर विचार करेंगे।

उन्होंने कहा था कि लोकतंत्र में कोई भी पद स्थायी नहीं है। अगर समुचित प्राधिकार वाला व्यक्ति मुझे पद छोड़ने के लिए कहता है तो निश्चित रूप से मैं उस पर विचार करूंगा।

शंकरनारायणन 22 जनवरी 2010 को महाराष्ट्र के राज्यपाल बनाए गए थे। राष्ट्रपति द्वारा 5 साल का कार्यकाल विस्तार दिए जाने के बाद उन्होंने 7 मई 2012 को दोबारा महाराष्ट्र के राज्यपाल पद की शपथ ली।

शंकरनारायणन का स्थानांतरण ऐसे समय पर किया गया है जब उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार को उत्तराखंड के राज्यपाल की अपील पर एक नोटिस जारी किया है।

उत्तराखंड के राज्यपाल ने स्वयं को पद से हटाने के मोदी सरकार के प्रयासों को चुनौती दी जिसके बाद संप्रग सरकार के कार्यकाल में नियुक्त राज्यपालों को हटाए जाने संबंधी विवाद अदालत तक पहुंच गया।

उच्चतम न्यायालय ने गह सचिव अनिल गोस्वामी को भी नोटिस जारी किया है जिन्होंने राज्यपाल अजीज कुरैशी को पद से हट जाने या केंद्र द्वारा बर्खास्त किए जाने की स्थिति का सामना करने की कथित तौर पर धमकी दी थी।

दो राज्यपालों को बर्खास्त कर चुकी मोदी सरकार के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाने वाले कुरैशी पहले राज्यपाल हैं। संप्रग सरकार के कार्यकाल में नियुक्त किए गए चार अन्य राज्यपाल इस साल मई में राजग के सत्ता में आने के बाद से इस्तीफा दे चुके हैं।

पिछले माह पुडुचेरी के राज्यपाल वीरेंद्र कटारिया को बर्खास्त कर दिया गया जो कांग्रेस के पूर्व नेता हैं। समझा जाता है कि गोस्वामी ने पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के शासनकाल में नियुक्त किए गए कुछ राज्यपालों को टेलीफोन करके पद से हट जाने को कहा। इसके बाद पश्चिम बंगाल के राज्यपाल एम के नारायणन, नगालैंड के राज्यपाल अश्विनी कुमार, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल बी एल जोशी तथा छत्तीसगढ़ के राज्यपाल शेखर दत्त ने इस्तीफा दे दिया।

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